‘लांन-वुल्फ़’ हमले आतंकवाद के नए चेहरे के रूप में विकसित हुए है तथा ये आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विशिष्ट चुनौतियां उत्पन्न कर रहे हैं। चर्चा कीजिए। साथ ही, इस संदर्भ में भारत की सुभेद्यताओं पर प्रकाश डालिए। (150 ...
संगठित अपराधों के प्रकार **1. नशीली दवाओं की तस्करी: नशीली दवाओं की तस्करी में अवैध पदार्थों का व्यापार शामिल होता है। कार्टेल्स और सिंडिकेट्स जैसे संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर संचालित होते हैं। हाल के वर्षों में, पश्चिमी भारत में नशीली दवाओं की तस्करी के मामले बढ़े हैं। **2. मानव तस्करी: मानव तस्कRead more
संगठित अपराधों के प्रकार
**1. नशीली दवाओं की तस्करी:
- नशीली दवाओं की तस्करी में अवैध पदार्थों का व्यापार शामिल होता है। कार्टेल्स और सिंडिकेट्स जैसे संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर संचालित होते हैं। हाल के वर्षों में, पश्चिमी भारत में नशीली दवाओं की तस्करी के मामले बढ़े हैं।
**2. मानव तस्करी:
- मानव तस्करी में लोगों की अवैध तस्करी शामिल होती है, जिनका उपयोग जबरन श्रम, यौन शोषण या दासता के लिए किया जाता है। भारत और मध्य पूर्व में मानव तस्करी के नेटवर्क सक्रिय हैं।
**3. हथियारों की तस्करी:
- हथियारों की तस्करी अवैध हथियारों के व्यापार को संदर्भित करती है। यह अपराध अक्सर संघर्षों या अपराधी संगठनों को समर्थन प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, सीरिया और यमन में हथियारों की तस्करी ने संघर्षों को बढ़ावा दिया है।
**4. मनी लॉन्डरिंग:
- मनी लॉन्डरिंग में अवैध रूप से अर्जित धन को वैध दिखाने की प्रक्रिया शामिल होती है। ऑफशोर टैक्स हेवन्स का उपयोग करके संगठित अपराध अपने लाभ को छुपाते हैं।
संगठित अपराध और आतंकवादियों के बीच संबंध
**1. राष्ट्रीय स्तर:
- भारत में, नक्सलवादी समूह जैसे आतंकवादी संगठनों ने उत्पीड़न और रैंसम जैसे संगठित अपराधों में शामिल होकर अपने वित्तपोषण की व्यवस्था की है।
**2. अंतर्राष्ट्रीय स्तर:
- ISIS ने नशीली दवाओं की तस्करी और मनी लॉन्डरिंग का उपयोग करके अपने अभियान को वित्तपोषित किया। अल-कायदा ने भी हथियार तस्करी और मनी लॉन्डरिंग का सहारा लिया है।
संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच के ये संबंध वैश्विक सुरक्षा प्रयासों को जटिल बनाते हैं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
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'लोन वुल्फ' हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथामRead more
‘लोन वुल्फ’ हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथाम की प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
भारत की सुभेद्यताएँ:
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत को बेहतर खुफिया और निगरानी प्रणालियाँ, और समर्पित काउंटर-टेररिज़्म उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
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