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संगठित अपराधों की विशिष्ट और सुपरिभाषित विशेषताएं उनके नियंत्रण को अप्रभावी बना देती हैं। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
संगठित अपराधों की विशिष्ट और सुपरिभाषित विशेषताएँ उनके नियंत्रण को चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। इन अपराधों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: संगठित ढांचा: संगठित अपराध समूह अक्सर सुव्यवस्थित होते हैं, जिनके पास मजबूत नेटवर्क, संरचित पदानुक्रम, और संसाधनों की भरपूर उपलब्धता होती है। यह उन्हें लंबे समयRead more
संगठित अपराधों की विशिष्ट और सुपरिभाषित विशेषताएँ उनके नियंत्रण को चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। इन अपराधों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
इन विशेषताओं के कारण, संगठित अपराध का प्रभावी नियंत्रण और निवारण अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो जाता है, और इसके लिए व्यापक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है।
See less'लांन-वुल्फ़' हमले आतंकवाद के नए चेहरे के रूप में विकसित हुए है तथा ये आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विशिष्ट चुनौतियां उत्पन्न कर रहे हैं। चर्चा कीजिए। साथ ही, इस संदर्भ में भारत की सुभेद्यताओं पर प्रकाश डालिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
'लोन वुल्फ' हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथामRead more
‘लोन वुल्फ’ हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथाम की प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
भारत की सुभेद्यताएँ:
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत को बेहतर खुफिया और निगरानी प्रणालियाँ, और समर्पित काउंटर-टेररिज़्म उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
See lessयुद्ध का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है तथा ड्रोन एवं काउंटर-ड्रोन सिस्टम के आगमन ने भविष्य में हमारे लड़ने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
युद्ध का स्वरूप निरंतर विकसित होता रहा है और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आगमन इस बदलाव को और भी गहरा कर रहा है। ड्रोन, जो स्वचालित हवाई वाहन होते हैं, युद्धक्षेत्र में निगरानी, हवाई हमलों और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। ये कम लागत वाले और आसानी से तैनात किए जा सकने वाले होते हैंRead more
युद्ध का स्वरूप निरंतर विकसित होता रहा है और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आगमन इस बदलाव को और भी गहरा कर रहा है। ड्रोन, जो स्वचालित हवाई वाहन होते हैं, युद्धक्षेत्र में निगरानी, हवाई हमलों और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। ये कम लागत वाले और आसानी से तैनात किए जा सकने वाले होते हैं, जो पारंपरिक सैन्य रणनीतियों को चुनौती देते हैं।
काउंटर-ड्रोन सिस्टम, जैसे कि रेडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ, और लेजर तकनीक, ड्रोन के खतरों को पहचानने और नष्ट करने के लिए विकसित किए गए हैं। इन प्रणालियों के जरिए, ड्रोन हमलों को विफल किया जा सकता है और उनकी प्रभावशीलता को कम किया जा सकता है।
भविष्य में, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकें युद्ध की रणनीतियों, युद्धक्षेत्र की गतिशीलता और सैन्य अभियानों की प्रकृति को मौलिक रूप से बदल देंगी, जिससे युद्ध की अवधारणाओं और तकनीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे।
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