भारत की संभाव्य संवृद्धि के अनेक कारको में बचत दर, सर्वाधिक प्रभावी है। क्या आप इससे सहमत हैं ? संवृद्धि संभाव्यता के अन्य कौन से कारक उपलब्ध हैं ? (150 words) [UPSC 2017]
बहुआयामी निर्धनता (Multidimensional Poverty) एक ऐसी अवधारणा है जिसमें निर्धनता को केवल आय की कमी से नहीं बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर और जीवन की बुनियादी सुविधाओं की कमी से परखा जाता है। इस दृष्टिकोण में यह माना जाता है कि निर्धनता केवल आर्थिक तंगी नहीं, बल्कि सामाजRead more
बहुआयामी निर्धनता (Multidimensional Poverty) एक ऐसी अवधारणा है जिसमें निर्धनता को केवल आय की कमी से नहीं बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर और जीवन की बुनियादी सुविधाओं की कमी से परखा जाता है। इस दृष्टिकोण में यह माना जाता है कि निर्धनता केवल आर्थिक तंगी नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय घटकों की भी समस्या है।
भारत में बहुआयामी निर्धनता की समस्या के समाधान के लिए किए गए प्रमुख उपाय:
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम: भारत सरकार ने विभिन्न सामाजिक सहायता योजनाएँ जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और एनरोलमेंट स्कीम्स जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) लागू की हैं, जो गरीबों को वित्तीय सहायता और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करती हैं।
- स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार: सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे आयुष्मान भारत योजना और सर्व शिक्षा अभियान, जो स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
- कृषि और ग्रामीण विकास योजनाएँ: भारत सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं, जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और राष्ट्रीय कृषि नीति, जो ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाते हैं।
- लक्ष्य-आधारित कार्यक्रम: विशेष रूप से निर्धन जनसंख्या को लक्षित करने के लिए, जैसे मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया, जो छोटे उद्यमों और स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करती हैं।
इन उपायों के माध्यम से भारत ने बहुआयामी निर्धनता को कम करने और समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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भारत की संभाव्य संवृद्धि में बचत दर की भूमिका: 1. बचत दर का महत्व: पूंजी निर्माण: उच्च बचत दर पूंजी निर्माण को बढ़ावा देती है, जो आधारभूत संरचना, तकनीकी उन्नति, और उद्योगों में निवेश के लिए आवश्यक है। हाल के वर्षों में, भारत की सकल घरेलू बचत दर लगभग 30% रही है, जो आर्थिक विकास को समर्थन प्रदान करतीRead more
भारत की संभाव्य संवृद्धि में बचत दर की भूमिका:
1. बचत दर का महत्व:
2. संवृद्धि संभाव्यता के अन्य कारक:
**1. मानव संसाधन विकास:
**2. आधारभूत संरचना विकास:
**3. प्रौद्योगिकी और नवाचार:
**4. आर्थिक सुधार:
इस प्रकार, जबकि बचत दर आर्थिक स्थिरता और पूंजी निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, मानव संसाधन विकास, आधारभूत संरचना, प्रौद्योगिकी और आर्थिक सुधार भी भारत की संवृद्धि संभाव्यता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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