“तीव्रतर एवं समावेशी आर्थिक संवृद्धि के लिए आधारिक-अवसंरचना में निवेश आवश्यक है।” भारतीय अनुभव के परिप्रेक्ष्य में विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
बहुआयामी निर्धनता (Multidimensional Poverty) एक ऐसी अवधारणा है जिसमें निर्धनता को केवल आय की कमी से नहीं बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर और जीवन की बुनियादी सुविधाओं की कमी से परखा जाता है। इस दृष्टिकोण में यह माना जाता है कि निर्धनता केवल आर्थिक तंगी नहीं, बल्कि सामाजRead more
बहुआयामी निर्धनता (Multidimensional Poverty) एक ऐसी अवधारणा है जिसमें निर्धनता को केवल आय की कमी से नहीं बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर और जीवन की बुनियादी सुविधाओं की कमी से परखा जाता है। इस दृष्टिकोण में यह माना जाता है कि निर्धनता केवल आर्थिक तंगी नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय घटकों की भी समस्या है।
भारत में बहुआयामी निर्धनता की समस्या के समाधान के लिए किए गए प्रमुख उपाय:
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम: भारत सरकार ने विभिन्न सामाजिक सहायता योजनाएँ जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और एनरोलमेंट स्कीम्स जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) लागू की हैं, जो गरीबों को वित्तीय सहायता और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करती हैं।
- स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार: सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे आयुष्मान भारत योजना और सर्व शिक्षा अभियान, जो स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
- कृषि और ग्रामीण विकास योजनाएँ: भारत सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं, जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और राष्ट्रीय कृषि नीति, जो ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाते हैं।
- लक्ष्य-आधारित कार्यक्रम: विशेष रूप से निर्धन जनसंख्या को लक्षित करने के लिए, जैसे मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया, जो छोटे उद्यमों और स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करती हैं।
इन उपायों के माध्यम से भारत ने बहुआयामी निर्धनता को कम करने और समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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आधारिक-अवसंरचना में निवेश और समावेशी आर्थिक संवृद्धि आधारिक-अवसंरचना का महत्व: आधारिक-अवसंरचना में निवेश आर्थिक संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाता है, रोजगार सृजन करता है, और समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह आर्थिक विकास के लिए एक मजबूतRead more
आधारिक-अवसंरचना में निवेश और समावेशी आर्थिक संवृद्धि
आधारिक-अवसंरचना का महत्व: आधारिक-अवसंरचना में निवेश आर्थिक संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाता है, रोजगार सृजन करता है, और समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
भारतीय अनुभव:
चुनौतियाँ और सुझाव:
निष्कर्ष: भारत में आधारिक अवसंरचना में निवेश ने समावेशी आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहित किया है, लेकिन असमान विकास और वित्तीय चुनौतियों को संबोधित करने के लिए सतत और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। यह निवेश न केवल आर्थिक विकास को तेज करता है बल्कि सामाजिक समावेश और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
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