सिक्किम भारत में प्रथम ‘जैविक राज्य’ है। जैविक राज्य के पारिस्थितिक एवं आर्थिक लाभ क्या-क्या होते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
बायोपाइरेसी (Biopiracy) का अर्थ है प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के दुरुपयोग और उन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) के तहत बिना अनुमति के उपयोग करना। विकासशील देशों में यह एक प्रमुख चिंता का विषय है, खासकर उन देशों में जहाँ पारंपरिक ज्ञान और जैव विविधता की प्रचुरता है।Read more
बायोपाइरेसी (Biopiracy) का अर्थ है प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के दुरुपयोग और उन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) के तहत बिना अनुमति के उपयोग करना। विकासशील देशों में यह एक प्रमुख चिंता का विषय है, खासकर उन देशों में जहाँ पारंपरिक ज्ञान और जैव विविधता की प्रचुरता है।
बायोपाइरेसी की चिंता के कारण:
सांस्कृतिक और आर्थिक शोषण: विकासशील देशों, जैसे भारत, में पारंपरिक समुदायों के पास अनमोल जैविक और चिकित्सा ज्ञान होता है। बायोपाइरेसी के माध्यम से, विदेशी कंपनियाँ इस ज्ञान का उपयोग कर पेटेंट प्राप्त कर लेती हैं, जबकि मूल समुदायों को उचित क्रेडिट या मुआवजा नहीं मिलता। यह उनकी सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है।
वैज्ञानिक और तकनीकी लाभ की हानि: जब विदेशी कंपनियाँ पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करती हैं, तो वे इससे वैज्ञानिक और तकनीकी लाभ प्राप्त करती हैं, जिससे विकासशील देशों को लाभ का हिस्सा नहीं मिलता। इससे पारंपरिक समुदायों का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान मान्यता प्राप्त करने से वंचित रहता है।
पारंपरिक ज्ञान का ह्रास: बायोपाइरेसी पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा और संरक्षण को खतरे में डालती है। जब यह ज्ञान बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत पेटेंट कर लिया जाता है, तो मूल समुदायों को अपने ही ज्ञान का उपयोग करने पर प्रतिबंध लग सकता है।
भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
वैकल्पिक सिस्टम और कानून: भारत ने संपत्ति और जैव विविधता के संरक्षण के लिए उपनिवेशी पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge Digital Library – TKDL) स्थापित किया है। TKDL पारंपरिक भारतीय ज्ञान को डिजिटल रूप में संग्रहित करता है और इसे पेटेंट दावों से बचाने के लिए साक्ष्य प्रदान करता है।
कानूनी और नीतिगत ढांचा: भारत ने नागरिक और जैव विविधता अधिनियम के तहत पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा के लिए कानून बनाए हैं। इन कानूनों का उद्देश्य बायोपाइरेसी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना और पारंपरिक ज्ञान के अवैध उपयोग को रोकना है।
वैश्विक संधियाँ और समझौते: भारत ने जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के तहत वैश्विक स्तर पर बायोपाइरेसी और पारंपरिक ज्ञान की रक्षा के लिए संधियाँ और समझौतों का पालन किया है। ये संधियाँ पारंपरिक ज्ञान के स्वामित्व और लाभ साझा करने की अवधारणाओं को लागू करती हैं।
स्वदेशी समुदायों का सशक्तिकरण: भारत सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से स्वदेशी और स्थानीय समुदायों को अपने पारंपरिक ज्ञान के अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने की कोशिश की है।
इन प्रयासों के माध्यम से, भारत पारंपरिक ज्ञान की रक्षा और बायोपाइरेसी के खिलाफ प्रभावी उपाय कर रहा है, ताकि विकासशील देशों के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक योगदान को सुरक्षित रखा जा सके।
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भारत में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य कारणों में शहरीकरण, कृषि विस्तार, और जंगलों की अंधाधुंध कटाई शामिल हैं। जैसे-जैसे मानव बस्तियाँ और खेत जंगलों के करीब आते हैं, वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास घटता जाता है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों की ओर आकर्षित होते हैं। इसके अतिरिक्त,Read more
भारत में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य कारणों में शहरीकरण, कृषि विस्तार, और जंगलों की अंधाधुंध कटाई शामिल हैं। जैसे-जैसे मानव बस्तियाँ और खेत जंगलों के करीब आते हैं, वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास घटता जाता है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों की ओर आकर्षित होते हैं। इसके अतिरिक्त, वन्यजीवों की आदतों में बदलाव और जंगलों की अव्यवस्थित उपयोग भी संघर्ष को बढ़ाते हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं:
वन्यजीव सुरक्षा कानून: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और अन्य कानूनी उपायों के माध्यम से वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके आवास की रक्षा की जाती है।
संघर्ष निवारण उपाय: जैसे कि इलेक्ट्रीफाइड फेंसिंग, और बायो-फेंसिंग का उपयोग, और विशेष निगरानी तकनीकें।
साक्षरता और शिक्षा कार्यक्रम: स्थानीय समुदायों को वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
वन्यजीव राहत केंद्र: वन्यजीवों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इन उपायों से संघर्ष को कम करके वन्यजीवों और मानवों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
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