सिक्किम भारत में प्रथम ‘जैविक राज्य’ है। जैविक राज्य के पारिस्थितिक एवं आर्थिक लाभ क्या-क्या होते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
नदियों को जोड़ने के लाभ और पर्यावरण पर प्रभाव **1. नदियों को जोड़ने के लाभ: **1. जल संसाधन प्रबंधन: जल उपलब्धता में वृद्धि: नदियों को जोड़ने से जल की अधिशेष क्षेत्रों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरण होता है, जिससे पीने का पानी, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की उपलब्धता बढ़ती है। उदाहRead more
नदियों को जोड़ने के लाभ और पर्यावरण पर प्रभाव
**1. नदियों को जोड़ने के लाभ:
**1. जल संसाधन प्रबंधन:
- जल उपलब्धता में वृद्धि: नदियों को जोड़ने से जल की अधिशेष क्षेत्रों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरण होता है, जिससे पीने का पानी, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की उपलब्धता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, Ken-Betwa लिंक परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट को कम करने के लिए की जा रही है।
**2. कृषि में सुधार:
- सिंचाई में वृद्धि: नदियों को जोड़ने से सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार होता है। गंगा-यमुना लिंक परियोजना के माध्यम से पूर्वी और केंद्रीय भारत में सिंचाई सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।
**3. बाढ़ नियंत्रण:
- बाढ़ की क्षति में कमी: नदियों को जोड़ने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अतिरिक्त जल को जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
**2. पर्यावरण पर संभावित प्रभाव:
**1. पारिस्थितिकीय विघटन:
- पर्यावरणीय बदलाव: नदियों की धारा में बदलाव से जलीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो सकते हैं, जैसे मछलियों की प्रवास और प्रजनन के चक्र में विघटन हो सकता है। Ken-Betwa लिंक परियोजना के लिए विस्तृत पर्यावरणीय आकलन की आवश्यकता है।
**2. मृदा कटाव और तलछट:
- मृदा कटाव: बदलती नदी धारा मृदा कटाव और तलछट की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिससे कृषि और प्राकृतिक आवास प्रभावित हो सकते हैं।
**3. स्थानीय समुदायों पर प्रभाव:
- स्थानांतरण की समस्याएँ: बड़े पैमाने पर नदियों को जोड़ने वाली परियोजनाओं से स्थानीय समुदायों का विस्थापन और भूमि उपयोग में बदलाव हो सकता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
हालिया उदाहरण:
- Ken-Betwa लिंक परियोजना: यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हालांकि, इसके पर्यावरणीय प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और मूल्यांकन की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
- नदियों को जोड़ने से जल संसाधन प्रबंधन, कृषि और बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए उचित योजना और उपाय जरूरी हैं।
भारत में चीतों को पुनः बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) प्रमुख स्थल है, साथ ही अन्य संभावित स्थल जैसे संजय गांधी नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) और कुछ अन्य संरक्षित क्षेत्र भी विचाराधीन हैं। ये स्थल चीतों के लिए उपयुक्त आवास, भोजन और सुरक्षा प्रदान करते हैं। महत्व: जैव विविधता में वृद्धि: चीतोRead more
भारत में चीतों को पुनः बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) प्रमुख स्थल है, साथ ही अन्य संभावित स्थल जैसे संजय गांधी नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) और कुछ अन्य संरक्षित क्षेत्र भी विचाराधीन हैं। ये स्थल चीतों के लिए उपयुक्त आवास, भोजन और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
महत्व:
चुनौतियाँ:
इन चुनौतियों के समाधान के लिए ठोस योजनाओं और संसाधनों की आवश्यकता है।