“सत्यनिष्ठा ऐसा मूल्य है, जो मनुष्य को सशक्त बनाता है।” उपयुक्त दृष्टांत सहित औचित्य सिद्ध कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
सामाजिक मूल्य बनाम आर्थिक मूल्य सामाजिक मूल्य और आर्थिक मूल्य दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सामाजिक मूल्य अक्सर अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये समावेशी संवृद्धि को सुनिश्चित करते हैं। सामाजिक मूल्य की महत्ता: उदाहरण: भारत की स्वच्छ भारत मिशन (2014) ने सामाजिक मूल्य जैसे स्वच्छता और स्वास्थ्य कोRead more
सामाजिक मूल्य बनाम आर्थिक मूल्य
सामाजिक मूल्य और आर्थिक मूल्य दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सामाजिक मूल्य अक्सर अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये समावेशी संवृद्धि को सुनिश्चित करते हैं।
सामाजिक मूल्य की महत्ता: उदाहरण: भारत की स्वच्छ भारत मिशन (2014) ने सामाजिक मूल्य जैसे स्वच्छता और स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया। इससे केवल पर्यावरण की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, बल्कि समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी, जिससे आर्थिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से समावेशी विकास को बल मिला।
आर्थिक मूल्य की सीमा: उदाहरण: एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड नीति के तहत, 2023 में भारत ने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया, लेकिन इसके साथ ही गरीब और आदिवासी क्षेत्रों की अनदेखी की। इसने विकास के लाभ को पूरी तरह से समाज के सभी वर्गों तक नहीं पहुँचाया।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि सामाजिक मूल्य, जैसे समानता और समावेशिता, आर्थिक विकास के साथ मिलकर समावेशी और स्थायी विकास को सुनिश्चित करते हैं।
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सत्यनिष्ठा और सशक्तिकरण परिचय सत्यनिष्ठा, जो ईमानदारी और नैतिकता पर आधारित है, मनुष्य को सशक्त बनाती है और समाज में विश्वास पैदा करती है। सशक्तिकरण के माध्यम 1. विश्वास और विश्वसनीयता: सत्यनिष्ठा से विश्वास पैदा होता है। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का उदाहरण लें। गांधीजी की सत्यनिष्ठा और अहिंसRead more
सत्यनिष्ठा और सशक्तिकरण
परिचय
सत्यनिष्ठा, जो ईमानदारी और नैतिकता पर आधारित है, मनुष्य को सशक्त बनाती है और समाज में विश्वास पैदा करती है।
सशक्तिकरण के माध्यम
1. विश्वास और विश्वसनीयता: सत्यनिष्ठा से विश्वास पैदा होता है। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का उदाहरण लें। गांधीजी की सत्यनिष्ठा और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और लोगों को एकजुट किया, जिससे वे एक सशक्त और स्वतंत्र भारत की ओर बढ़े।
2. नैतिक नेतृत्व: ऐसे नेता जो सत्यनिष्ठ होते हैं, वे अधिक प्रभावशाली होते हैं। अरुण जेटली, पूर्व केंद्रीय मंत्री, ने अपने करियर में सच्चाई और नैतिकता को प्राथमिकता दी, जिसने उनके नेतृत्व को और अधिक प्रभावशाली और विश्वासनीय बना दिया।
3. समाज में आदर्श स्थापित करना: डॉ. ए. पी. जे. Abdul Kalam ने अपनी सच्चाई और ईमानदारी से युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया, जिससे समाज में नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन मिला।
निष्कर्ष
See lessसत्यनिष्ठा न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में विश्वास और नैतिकता को भी बढ़ावा देती है, जिससे एक सशक्त और समृद्ध समाज की नींव रखी जाती है।