प्रश्न का उत्तर अधिकतम 10 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 02 अंक का है। [MPPSC 2023] किस प्रशासनिक सुधार आयोग ने शासन में नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था?
लोक-सेवकों का नैतिक उत्तरदायित्व लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है क्योंकि वे समाज के लिए निर्णय लेते हैं जो व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। वे लोक-निधियों का प्रबंधन करते हैं और सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, जिससे उनकी हर कार्रवाई का समाज और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए,Read more
लोक-सेवकों का नैतिक उत्तरदायित्व
लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है क्योंकि वे समाज के लिए निर्णय लेते हैं जो व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। वे लोक-निधियों का प्रबंधन करते हैं और सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, जिससे उनकी हर कार्रवाई का समाज और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, नैतिक सक्षमता सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
नैतिक सक्षमता पुष्ट करने के लिए उठाए गए कदम
- स्व-आकलन और आत्मनिरीक्षण: अपने कार्यों का नियमित रूप से आकलन कर यह सुनिश्चित किया कि वे नैतिक मानकों के अनुरूप हैं।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: नैतिकता, पारदर्शिता, और जवाबदेही पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया, जैसे कि 2023 में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) द्वारा आयोजित कार्यशालाएं।
- नैतिक नेतृत्व के उदाहरण: महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे नेताओं के नैतिक आदर्शों को अपनाने की कोशिश की।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी और लोक के प्रति उत्तरदायित्व को प्राथमिकता दी।
- पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव: नीति आयोग द्वारा 2022 में जारी ‘ग्रीन पब्लिक प्रोसेक्यूरमेंट’ दिशा-निर्देशों का पालन किया, जो समाज और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
इन कदमों से लोक-सेवक अपने नैतिक उत्तरदायित्व को प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं, जिससे समाज और पर्यावरण को लाभ होता है।
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सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
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