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किस प्रशासनिक सुधार आयोग ने शासन में नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था?
सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
See lessलोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है, क्योंकि वे सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, लोक-निधियों की विशाल राशियों पर कार्रवाई करते हैं, और उनके निर्णयों का समाज और पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे उत्तरदायित्व को निभाने के लिए, अपनी नैतिक सक्षमता पुष्ट करने हेतु आपने क्या कदम उठाए हैं?(150 words) [UPSC 2014]
लोक-सेवकों का नैतिक उत्तरदायित्व लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है क्योंकि वे समाज के लिए निर्णय लेते हैं जो व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। वे लोक-निधियों का प्रबंधन करते हैं और सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, जिससे उनकी हर कार्रवाई का समाज और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए,Read more
लोक-सेवकों का नैतिक उत्तरदायित्व
लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है क्योंकि वे समाज के लिए निर्णय लेते हैं जो व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। वे लोक-निधियों का प्रबंधन करते हैं और सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, जिससे उनकी हर कार्रवाई का समाज और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, नैतिक सक्षमता सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
नैतिक सक्षमता पुष्ट करने के लिए उठाए गए कदम
इन कदमों से लोक-सेवक अपने नैतिक उत्तरदायित्व को प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं, जिससे समाज और पर्यावरण को लाभ होता है।
See lessविश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में किस प्रकार प्रदर्शित होते हैं? उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2015]
विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में विश्वसनीयता और सहन-शक्ति लोक सेवा में महत्वपूर्ण सद्गुण हैं, जो सरकारी कर्मियों के कार्यों में प्रकट होते हैं। विश्वसनीयता: उदाहरण: 2023 में, दिल्ली के नगर निगम अधिकारी ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क वितरण के कार्य में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखीRead more
विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में
विश्वसनीयता और सहन-शक्ति लोक सेवा में महत्वपूर्ण सद्गुण हैं, जो सरकारी कर्मियों के कार्यों में प्रकट होते हैं।
विश्वसनीयता: उदाहरण: 2023 में, दिल्ली के नगर निगम अधिकारी ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क वितरण के कार्य में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखी। उनके द्वारा सही तरीके से सहायता सामग्री की वितरण रिपोर्टिंग और निगरानी ने सार्वजनिक विश्वास को मजबूत किया। यह उदाहरण दिखाता है कि विश्वसनीयता से लोगों का भरोसा कायम रहता है।
सहन-शक्ति: उदाहरण: 2024 में, एक IAS अधिकारी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाते हुए राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत धमकियों का सामना किया। उनके द्वारा कानून के प्रति अडिग समर्पण और कठिन परिस्थितियों में डटे रहने से न्याय की प्रक्रिया मजबूत हुई। सहन-शक्ति से अधिकारी ने ईमानदारी और न्याय को सुनिश्चित किया।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि विश्वसनीयता और सहन-शक्ति लोक सेवा में प्रभावशीलता और ईमानदारी को बढ़ावा देते हैं।
See lessअनुशासन में सामान्यतः आदेश पालन और अधीनता निहित है। फिर भी यह संगठन के लिए प्रति-उत्पादक हो सकता है। चर्चा कीजिए। (150 words) [UPSC 2017]
अनुशासन और इसके संगठनात्मक प्रभाव अनुशासन सामान्यतः आदेशों का पालन और अधीनता को दर्शाता है, जो संगठन में नियंत्रण और सुव्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है। फिर भी, अत्यधिक अनुशासन कभी-कभी संगठन के लिए प्रति-उत्पादक हो सकता है। रचनात्मकता पर प्रभाव: कठोर अनुशासन रचनात्मकता और नवाचार को बाधित कर सकता हRead more
अनुशासन और इसके संगठनात्मक प्रभाव
अनुशासन सामान्यतः आदेशों का पालन और अधीनता को दर्शाता है, जो संगठन में नियंत्रण और सुव्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है। फिर भी, अत्यधिक अनुशासन कभी-कभी संगठन के लिए प्रति-उत्पादक हो सकता है।
रचनात्मकता पर प्रभाव: कठोर अनुशासन रचनात्मकता और नवाचार को बाधित कर सकता है। उदाहरण के लिए, टेक्नोलॉजी कंपनियों में जैसे गूगल, जहां लचीले कार्य वातावरण को प्रोत्साहित किया जाता है, यह पारंपरिक अनुशासन की तुलना में अधिक नवाचार को बढ़ावा देता है।
कर्मचारी मनोबल: सख्त अनुशासन कर्मचारी मनोबल और संतोष पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अमेज़न की कार्य संस्कृति, जो अपने कठोर प्रदर्शन मानकों के लिए प्रसिद्ध है, कर्मचारी पलायन और कम काम संतोष की समस्याओं का सामना करती है।
अनुकूलनशीलता: तेजी से बदलती उद्योग स्थितियों में, कठोर अनुशासन अनुकूलनशीलता को प्रभावित कर सकता है। नेटफ्लिक्स जैसे कंपनियाँ, जो अधिक लचीले और विश्वास आधारित दृष्टिकोण को अपनाती हैं, बाजार परिवर्तन के प्रति बेहतर अनुकूल हो सकती हैं।
इस प्रकार, जबकि अनुशासन संगठन में व्यवस्था बनाए रखता है, अत्यधिक कठोरता रचनात्मकता, मनोबल, और अनुकूलनशीलता को प्रभावित कर सकती है, जिससे संगठन की दीर्घकालिक सफलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
See lessसमझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की एक परख है। इस संदर्भ में वास्तविक जीवन से उदाहरण देते हुए व्याख्या कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अRead more
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा
सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अडिग रहता है।
हालिया उदाहरण:
आर्थिक घोटाले में शामिल न होने के लिए कई अधिकारियों ने अपनी जॉब्स छोड़ीं। आईएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी और नकारात्मक परिणामों के बावजूद अपनी सच्चाई को कायम रखा। उनका उदाहरण दर्शाता है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के बावजूद नैतिकता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी।
शानदार निष्पक्षता के लिए यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका की जानीमानी पत्रकार जूलियन असांजे ने अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए कठोर दंड को स्वीकार किया, जबकि अन्य ने समझौते के लिए दबाव डाला था।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए समझौते से पूरी तरह इनकार करना एक महत्वपूर्ण गुण है, जो नैतिकता और ईमानदारी को सबसे ऊपर रखता है।
See lessनैतिक आचरण वाले तरुण लोग सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए उत्सुक नहीं होते हैं। उनको सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के लिए उपाय सुझाइए । (150 words) [UPSC 2017]
तरुणों को सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के उपाय 1. नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना: उपाय: नैतिक नेतृत्व के उदाहरण प्रस्तुत करें और ऐसे नेताओं को मान्यता दें जो ईमानदारी और पारदर्शिता का परिचायक हों। उदाहरण: "यंग लीडर्स फोरम" जैसे कार्यक्रम, जिनमें नैतिक नेताओं की कहानियाँ साझा की जाती हैं। 2.Read more
तरुणों को सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के उपाय
1. नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना:
2. राजनीतिक शिक्षा का सुधार:
3. पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना:
4. मेंटरशिप प्रोग्राम्स:
5. सामुदायिक सेवा में भागीदारी:
निष्कर्ष: नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना, राजनीतिक शिक्षा को सुधारना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना, मेंटरशिप प्रदान करना, और सामुदायिक सेवा को प्रोत्साहित करना, युवाओं को सक्रिय राजनीति में भाग लेने के लिए प्रेरित करने में सहायक हो सकता है।
See lessउन पाँच नैतिक लक्षणों की पहचान कीजिए, जिनके आधार पर लोक सेवक के कार्य-निष्पादन का आकलन किया जा सकता है। मेट्रिक्स में उनके समावेश का औचित्य सिद्ध कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
1. ईमानदारी (Integrity): लोक सेवक की ईमानदारी से उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता का पता चलता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे निष्पक्ष और सही तरीके से निर्णय लें, जिससे जनता का विश्वास बना रहता है। 2. जवाबदेही (Accountability): जवाबदेही का अर्थ है कि लोक सेवक अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार हRead more
1. ईमानदारी (Integrity): लोक सेवक की ईमानदारी से उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता का पता चलता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे निष्पक्ष और सही तरीके से निर्णय लें, जिससे जनता का विश्वास बना रहता है।
2. जवाबदेही (Accountability): जवाबदेही का अर्थ है कि लोक सेवक अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार हैं। यह विशेषता यह सुनिश्चित करती है कि वे अपनी गलतियों को स्वीकार करें और सुधार करें, जो पारदर्शिता और प्रभावशीलता में सहायक है।
3. निष्पक्षता (Fairness): निष्पक्षता दर्शाती है कि निर्णय बिना किसी पक्षपात या व्यक्तिगत स्वार्थ के किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार हो और समाज में न्याय बनाए रखा जाए।
4. पारदर्शिता (Transparency): पारदर्शिता का मतलब है कि लोक सेवक अपनी कार्रवाई और निर्णयों को स्पष्टता से प्रस्तुत करें। इससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है और जनता को सूचित किया जाता है।
5. सेवा की प्रतिबद्धता (Commitment to Service): यह दिखाता है कि लोक सेवक समाज की भलाई को अपनी प्राथमिकता मानते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उनका कार्य जनता के हित में हो और सामाजिक कल्याण में योगदान दे।
ये लक्षण लोक सेवक की नैतिकता और कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने में सहायक हैं, जो उनकी विश्वसनीयता और सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
See lessसामाजिक पूँजी की व्याख्या कीजिए। यह सुशासन में वृद्धि कैसे करती है ? (150 words)[UPSC 2023]
सामाजिक पूँजी की व्याख्या सामाजिक पूँजी से तात्पर्य उन नेटवर्कों, मानकों, और सामाजिक विश्वासों से है जो समाज में समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक रिश्ते, आपसी विश्वास, और साझा मूल्यों का समावेश होता है जो सामूहिक क्रियावली को प्रोत्साहित करते हैं। सुशासन में वृद्Read more
सामाजिक पूँजी की व्याख्या
सामाजिक पूँजी से तात्पर्य उन नेटवर्कों, मानकों, और सामाजिक विश्वासों से है जो समाज में समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक रिश्ते, आपसी विश्वास, और साझा मूल्यों का समावेश होता है जो सामूहिक क्रियावली को प्रोत्साहित करते हैं।
सुशासन में वृद्धि:
इस प्रकार, सामाजिक पूँजी सुशासन को बढ़ावा देती है क्योंकि यह समुदाय की भागीदारी, विश्वास, और संसाधन साझा करने को प्रोत्साहित करती है।
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