उन पाँच नैतिक लक्षणों की पहचान कीजिए, जिनके आधार पर लोक सेवक के कार्य-निष्पादन का आकलन किया जा सकता है। मेट्रिक्स में उनके समावेश का औचित्य सिद्ध कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
सत्ताईसवां प्रशासनिक सुधार आयोग ने नैतिक सद्गुणों पर जोर दिया था।
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1. ईमानदारी (Integrity): लोक सेवक की ईमानदारी से उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता का पता चलता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे निष्पक्ष और सही तरीके से निर्णय लें, जिससे जनता का विश्वास बना रहता है। 2. जवाबदेही (Accountability): जवाबदेही का अर्थ है कि लोक सेवक अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार हRead more
1. ईमानदारी (Integrity): लोक सेवक की ईमानदारी से उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता का पता चलता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे निष्पक्ष और सही तरीके से निर्णय लें, जिससे जनता का विश्वास बना रहता है।
2. जवाबदेही (Accountability): जवाबदेही का अर्थ है कि लोक सेवक अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार हैं। यह विशेषता यह सुनिश्चित करती है कि वे अपनी गलतियों को स्वीकार करें और सुधार करें, जो पारदर्शिता और प्रभावशीलता में सहायक है।
3. निष्पक्षता (Fairness): निष्पक्षता दर्शाती है कि निर्णय बिना किसी पक्षपात या व्यक्तिगत स्वार्थ के किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार हो और समाज में न्याय बनाए रखा जाए।
4. पारदर्शिता (Transparency): पारदर्शिता का मतलब है कि लोक सेवक अपनी कार्रवाई और निर्णयों को स्पष्टता से प्रस्तुत करें। इससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है और जनता को सूचित किया जाता है।
5. सेवा की प्रतिबद्धता (Commitment to Service): यह दिखाता है कि लोक सेवक समाज की भलाई को अपनी प्राथमिकता मानते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उनका कार्य जनता के हित में हो और सामाजिक कल्याण में योगदान दे।
ये लक्षण लोक सेवक की नैतिकता और कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने में सहायक हैं, जो उनकी विश्वसनीयता और सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
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