ग्लोबल साउथ द्वारा सामना की जाने वाली नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती देने में भारत द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (Critical Information Infrastructure) की सुरक्षा के लिए G20 महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है: वैश्विक मानदंडों की स्थापना: G20 वैश्विक मानदंड और नीतियों को विकसित कर सकता है जो सदस्य देशों में महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। सूचना साझाकरण और सहयोग: G20Read more
महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (Critical Information Infrastructure) की सुरक्षा के लिए G20 महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है:
वैश्विक मानदंडों की स्थापना: G20 वैश्विक मानदंड और नीतियों को विकसित कर सकता है जो सदस्य देशों में महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
सूचना साझाकरण और सहयोग: G20 प्लेटफ़ॉर्म पर सदस्य देश साइबर हमलों, खतरों और कमजोरियों के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं और सहयोग बढ़ा सकते हैं।
कपैसिटी बिल्डिंग: G20 देशों को तकनीकी और संसाधन सहायता प्रदान कर सकता है ताकि वे अपने सूचना सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर सकें।
वैश्विक मानकों को लागू करना: G20 वैश्विक मानकों और प्रोटोकॉल को लागू करने में सहायक हो सकता है, जिससे विभिन्न देशों के बीच समन्वय और सुरक्षा बढ़े।
इस प्रकार, G20 एक सहयोगात्मक मंच के रूप में महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों का समूह) की नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है: नीति निर्माण में नेतृत्व: भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका निभा सकता है, जैसे कि ब्रिक्स, जी-77, और संयुक्त राष्ट्र। भारत के नेतृत्Read more
ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों का समूह) की नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है:
इस प्रकार, भारत ग्लोबल साउथ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए वैश्विक स्तर पर समान विकास और सहयोग को प्रोत्साहित कर सकता है।
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