भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना नई त्रि-राष्ट्र साझेदारी AUKUS का उद्देश्य है। क्या यह इस क्षेत्र में मौजूदा साझेदारी का स्थान लेने जा रहा है? वर्तमान परिदृश्य में, AUKUS की शक्ति और प्रभाव की विवेचना ...
भारत की भूमिका: एस.सी.ओ. के कामकाज में संघर्ष का विषाणु "संघर्षों के समाधान में सहयोग": भारत ने एस.सी.ओ. (शंघाई सहयोग संगठन) के भीतर संघर्षों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने सदस्य देशों के बीच तनाव कम करने और सहयोग बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि क्षेत्रीय वार्ता और बहुपरकारीतRead more
भारत की भूमिका: एस.सी.ओ. के कामकाज में संघर्ष का विषाणु
- “संघर्षों के समाधान में सहयोग”: भारत ने एस.सी.ओ. (शंघाई सहयोग संगठन) के भीतर संघर्षों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने सदस्य देशों के बीच तनाव कम करने और सहयोग बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि क्षेत्रीय वार्ता और बहुपरकारीताएँ।
- “आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा”: भारत ने एस.सी.ओ. के भीतर आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है। इससे सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और संबंध सुधारने में मदद मिली है। भारत की विभिन्न पहल, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी, इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
- “सहकारी मंच पर केंद्रित प्रयास”: भारत ने एस.सी.ओ. के भीतर आपसी सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के लिए कई मंचों का आयोजन किया है। इससे सदस्य देशों के बीच संघर्षों को कम करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष: भारत की इन पहलों और भूमिकाओं ने एस.सी.ओ. के कामकाज में संघर्ष के विषाणु को कम करने में सहायक भूमिका निभाई है, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान होता है।
See less
AUKUS (Australia, United Kingdom, United States) त्रि-राष्ट्र साझेदारी का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना है। यह समझौता विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से लैस करने पर केंद्रित है, जो इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन कRead more
AUKUS (Australia, United Kingdom, United States) त्रि-राष्ट्र साझेदारी का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना है। यह समझौता विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से लैस करने पर केंद्रित है, जो इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने का प्रयास है।
AUKUS का गठन क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) जैसी मौजूदा साझेदारियों का स्थान लेने के लिए नहीं, बल्कि इन्हें सुदृढ़ करने के लिए किया गया है। AUKUS और क्वाड दोनों ही चीन के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र और उद्देश्य अलग-अलग हैं। जहां AUKUS मुख्य रूप से रक्षा और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है, वहीं क्वाड का ध्यान व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा पर है।
वर्तमान परिदृश्य में, AUKUS ने इंडो-पैसिफिक में सैन्य शक्ति के संतुलन को प्रभावित किया है। ऑस्ट्रेलिया के लिए परमाणु-संचालित पनडुब्बियों की आपूर्ति क्षेत्र में चीन के नौसैनिक प्रभाव का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके अलावा, AUKUS ने क्षेत्र में अन्य देशों को भी अपनी रक्षा रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, यह साझेदारी क्षेत्र में केवल तीन देशों तक सीमित है, जिससे इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ सकते हैं, विशेष रूप से चीन के प्रभाव को सीमित करने के लिए एक व्यापक क्षेत्रीय गठबंधन की आवश्यकता हो सकती है।
AUKUS की शक्ति और प्रभाव को उसकी सफलताओं, जैसे परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती, और क्षेत्रीय देशों के साथ सामरिक सहयोग में बढ़ोतरी के माध्यम से मापा जाएगा।
See less