बागवानी फार्मों के उत्पादन, उसकी उत्पादकता एवं आप में वृद्धि करने में राष्ट्रीय बारावानी मिशन (एन० एच० एम०) की भूमिका का आकलन कीजिए। यह किसानों की आय बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुआ है? (250 words) [UPSC 2018]
भारत में पशुधन क्षेत्रक को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो इसके विकास और उत्पादकता को प्रभावित करती हैं। प्रमुख बाधाएँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं: बाधाएँ: स्वास्थ्य समस्याएँ: पशुधन को विभिन्न रोगों जैसे फुट-एंड-माउथ डिजीज़ और बर्ड फ्लू का खतरा होता है, जो उत्पादकता को प्रभावित करता है।Read more
भारत में पशुधन क्षेत्रक को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो इसके विकास और उत्पादकता को प्रभावित करती हैं। प्रमुख बाधाएँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं:
बाधाएँ:
- स्वास्थ्य समस्याएँ: पशुधन को विभिन्न रोगों जैसे फुट-एंड-माउथ डिजीज़ और बर्ड फ्लू का खतरा होता है, जो उत्पादकता को प्रभावित करता है।
- असंगठित प्रबंधन: अधिकांश पशुधन फार्म छोटे और असंगठित होते हैं, जिससे तकनीकी और प्रबंधन की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
- पोषण की कमी: सही पोषण और चारे की कमी के कारण पशुधन की वृद्धि और स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं।
- जलवायु परिवर्तन: असामान्य मौसम और जलवायु परिवर्तन से चारा की उपलब्धता और पशुधन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- नकली और असमान गुणवत्ता की दवाएँ: पशु चिकित्सा दवाओं की गुणवत्ता में अंतर और नकली दवाएँ पशुधन की बीमारियों को बढ़ा देती हैं।
उपाय:
- स्वास्थ्य प्रबंधन: नियमित टीकाकरण और स्वास्थ्य निगरानी कार्यक्रमों को लागू करना और पशुधन स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना।
- संविधिक संगठन: पशुधन फार्मों को संगठित करने के लिए सहकारी समितियाँ और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPOs) को प्रोत्साहित करना।
- पोषण सुधार: उचित पोषण और चारे के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना और चारा उत्पादन को बढ़ावा देना।
- जलवायु अनुकूलन: जलवायु परिवर्तन के अनुकूल पशुधन प्रबंधन तकनीकों को अपनाना, जैसे कि चारा की विविधता और जल प्रबंधन उपाय।
- मानक दवाएँ और शिक्षा: गुणवत्तापूर्ण पशु चिकित्सा दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और पशुपालकों को उचित चिकित्सा शिक्षा प्रदान करना।
इन उपायों को अपनाकर भारत में पशुधन क्षेत्रक की बाधाओं को दूर किया जा सकता है और इसके विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।
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राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव परिचय राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है। उत्पादन और उतRead more
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव
परिचय
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है।
उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि
एनएचएम ने अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि ठंडा भंडारण, पैकहाउस और प्रसंस्करण इकाइयाँ। उदाहरण के लिए, ठंडा भंडारण सुविधाओं के विकास ने फलों और सब्जियों के पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है।
मिशन विभिन्न बागवानी गतिविधियों के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जैसे कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रथाओं को अपनाना। इससे ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उच्च-उपज वाली किस्में, और ग्रीनहाउस का उपयोग बढ़ा है, जिससे उत्पादकता में सुधार हुआ है।
एनएचएम अनुसंधान और विकास गतिविधियों को समर्थन करता है, जिससे सुधारित किस्में और कीट प्रबंधन प्रथाएँ विकसित हुई हैं। बीमारी-प्रतिरोधी किस्मों के विकास से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
किसान आय में वृद्धि
एनएचएम बाजार लिंकिज़ को बढ़ावा देता है, जैसे कि किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), जो किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, किसान कॉल सेंटर्स और ऑनलाइन विपणन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से बिक्री का लाभ मिला है।
एनएचएम विविधीकरण और मूल्य संवर्धन गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। ऑर्गेनिक खेती और उत्पाद प्रसंस्करण जैसी पहलों ने किसानों को उच्च मूल्य वाले बाजारों में प्रवेश करने में मदद की है। राजस्थान सरकार के समर्थन से फल और सब्जियों के प्रसंस्करण इकाइयों ने किसान की आय को बढ़ाया है।
आय में वृद्धि की सफलता
आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम ने बागवानी उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, बागवानी फसलों के तहत क्षेत्र पिछले दशक में लगभग 20% बढ़ा है। उदाहरण के लिए, आमों और सिट्रस फलों का उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
रिपोर्टों के अनुसार, एनएचएम-सहायित गतिविधियों में शामिल किसानों ने 20-30% आय वृद्धि देखी है, बेहतर उपज और बाजार पहुंच के कारण। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों ने बेहतर भंडारण और विपणन सुविधाओं के कारण बढ़ी हुई आय देखी है।
हालिया उदाहरण
निष्कर्ष
See lessराष्ट्रीय बागवानी मिशन ने बागवानी उत्पादन, उत्पादकता, और किसान आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके प्रयासों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, हालांकि किसानों की आय को स्थिर रखने और बढ़ाने के लिए बाजार पहुंच और तकनीकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।