जेट धाराएं भारत और विश्व की जलवायु को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण सहित चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
हाँ, असामान्य जलवायवी घटनाओं में से अधिकांश को एल-नीनो प्रभाव के परिणाम के रूप में स्पष्ट किया जा सकता है। एल-नीनो प्रभाव: जलवायु परिवर्तन: एल-नीनो एक जलवायु पैटर्न है जिसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान औसतन अधिक होता है। यह तापमान वृद्धि वैश्विक मौसम पैटर्न को प्रभावित करती है। मौसमी असामान्यतRead more
हाँ, असामान्य जलवायवी घटनाओं में से अधिकांश को एल-नीनो प्रभाव के परिणाम के रूप में स्पष्ट किया जा सकता है।
एल-नीनो प्रभाव:
जलवायु परिवर्तन: एल-नीनो एक जलवायु पैटर्न है जिसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान औसतन अधिक होता है। यह तापमान वृद्धि वैश्विक मौसम पैटर्न को प्रभावित करती है।
मौसमी असामान्यता: एल-नीनो के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में असामान्य मौसमी घटनाएँ होती हैं, जैसे कि अत्यधिक वर्षा, सूखा, और असामान्य तापमान। उदाहरण के लिए, भारत में एल-नीनो के कारण मानसून में कमी हो सकती है, जबकि दक्षिण अमेरिका में बाढ़ आ सकती है।
प्राकृतिक आपदाएँ: एल-नीनो के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे कि उष्णकटिबंधीय तूफान और सूखा, अधिक तीव्र हो सकते हैं।
एल-नीनो की घटनाएँ जलवायु परिवर्तन और असामान्य मौसम की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसलिए इस पर सहमति बनती है कि वे असामान्य जलवायवी घटनाओं का एक प्रमुख कारण हैं।
See less
जेट धाराओं की भूमिका भारत और विश्व की जलवायु में जेट धाराएं (Jet Streams) उच्च ऊंचाई पर बहने वाली तीव्र वायुपथ होती हैं, जो विश्व की जलवायु को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं सामान्यतः 9 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं और ये पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं। भारRead more
जेट धाराओं की भूमिका भारत और विश्व की जलवायु में
जेट धाराएं (Jet Streams) उच्च ऊंचाई पर बहने वाली तीव्र वायुपथ होती हैं, जो विश्व की जलवायु को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं सामान्यतः 9 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं और ये पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं।
भारत में प्रभाव
भारत में, जेट धाराओं का प्रभाव खासकर मानसून और शीतकालीन मौसम पर देखा जाता है। उत्तरी गोलार्ध में पश्चिमी जेट धारा (Western Jet Stream) मानसून की गति और पैटर्न को प्रभावित करती है। जब यह धारा भारत के ऊपर से बहती है, तो यह मानसून की बारिश को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, 2002 और 2006 में जेट धाराओं की असामान्य स्थिति के कारण भारत में मानसून की वर्षा की तीव्रता और वितरण में विसंगतियाँ आईं।
विश्व में प्रभाव
जेट धाराएं विश्व के विभिन्न हिस्सों की जलवायु को भी प्रभावित करती हैं। अमेरिका में, ये धाराएं आर्कटिक वायु की घुसपैठ को नियंत्रित करती हैं। जब जेट धारा दक्षिण की ओर खिसकती है, तो अमेरिका के मध्य और पूर्वी हिस्सों में ठंडी हवाएँ और सर्दियों की तीव्रता बढ़ जाती है, जैसा कि 2014-15 में देखा गया था। इसके विपरीत, जब जेट धारा उत्तर की ओर बढ़ती है, तो दक्षिणी अमेरिका में गर्म हवाएँ फैल जाती हैं।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, जेट धाराएं वैश्विक और स्थानीय जलवायु पैटर्न को प्रभावित करती हैं, जिससे मौसम की असामान्य परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इनके प्रभाव को समझना जलवायु परिवर्तन और मौसम की भविष्यवाणी में महत्वपूर्ण है।