“संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति एक परिसीमित शक्ति है और इसे आत्यंतिक शक्ति के रूप में विस्तृत नहीं किया जा सकता है।” इस कथन के आलोक में व्याख्या कीजिए कि क्या संसद संविधान के अनुच्छेद 368 के ...
संविधान (एक सौ एकवाँ संशोधन) अधिनियम, 2016, वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करने के लिए किया गया था, जो भारतीय कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार है। इसके प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित हैं: एकल कर प्रणाली: GST एक अप्रत्यक्ष कर है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न करों को समाहित कRead more
संविधान (एक सौ एकवाँ संशोधन) अधिनियम, 2016, वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करने के लिए किया गया था, जो भारतीय कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार है। इसके प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित हैं:
एकल कर प्रणाली: GST एक अप्रत्यक्ष कर है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न करों को समाहित करता है, जैसे कि वैट, सेवा कर, एक्साइज ड्यूटी, और अन्य उपकर। इससे विभिन्न स्तरों पर लगने वाले करों का समेकन होता है।
डुअल GST मॉडल: भारत में केंद्र और राज्यों के लिए डुअल GST मॉडल अपनाया गया है, जिसमें केंद्र द्वारा केंद्रीय GST (CGST) और राज्यों द्वारा राज्य GST (SGST) लगाया जाता है। अंतर्राज्यीय लेन-देन पर इंटीग्रेटेड GST (IGST) लागू होता है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट: GST इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देता है, जिससे उत्पादन और वितरण के प्रत्येक चरण पर केवल मूल्यवर्धन पर कर लगाया जाता है, जिससे करों के सोपानिक प्रभाव (Cascading Effect) को समाप्त किया जा सकता है।
संघीय कर परिषद: GST परिषद एक संघीय निकाय है जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह परिषद GST से संबंधित नीतियों, दरों, और संरचना पर निर्णय लेती है।
करों के सोपानिक प्रभाव और साझा राष्ट्रीय बाजार:
GST करों के सोपानिक प्रभाव को समाप्त करने में काफी प्रभावकारी सिद्ध हुआ है। पूर्व में, एक ही वस्तु पर कई स्तरों पर कर लगाया जाता था, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर कर का बोझ बढ़ जाता था। GST के तहत, केवल मूल्यवर्धन पर कर लगाया जाता है, जिससे करों का दोहराव खत्म हो जाता है और वस्तुएँ सस्ती होती हैं।
इसके अलावा, GST ने एक साझा राष्ट्रीय बाजार को भी साकार किया है। राज्यों के बीच कर अवरोधों का समाप्त होना, कर की एकरूप दरें, और सीमाओं पर चेकपोस्टों का हटना इसके प्रमाण हैं। इससे व्यापार की सुगमता बढ़ी है और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिला है।
हालांकि, GST के लागू होने के शुरुआती चरण में कुछ चुनौतियाँ रहीं, जैसे कि दरों की जटिलता और प्रारंभिक अनुपालन समस्याएँ। फिर भी, इसे एक प्रभावकारी कर सुधार के रूप में देखा जा सकता है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एकीकृत और सशक्त किया है।
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संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संसद को संविधान के संशोधन की शक्ति प्रदान की गई है, लेकिन यह शक्ति एक परिसीमित शक्ति है और इसे अनंत या पूर्ण शक्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता। इसका व्याख्या निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से की जा सकती है: 1. संविधान की संशोधन शक्ति: अनुच्छेद 368 के अंतर्गत, संसद को संRead more
संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संसद को संविधान के संशोधन की शक्ति प्रदान की गई है, लेकिन यह शक्ति एक परिसीमित शक्ति है और इसे अनंत या पूर्ण शक्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता। इसका व्याख्या निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से की जा सकती है:
1. संविधान की संशोधन शक्ति:
अनुच्छेद 368 के अंतर्गत, संसद को संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति है, जो एक विधायी प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है। संशोधन के लिए संसद में प्रस्ताव पेश किया जाता है, और इसे दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित किया जाता है, उसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति आवश्यक होती है।
2. संविधान के मूल ढांचे की रक्षा:
केशवानंद भारती केस (1973) में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संसद के पास संविधान के मूल ढांचे को बदलने की शक्ति नहीं है। संविधान का मूल ढांचा उन आधारभूत सिद्धांतों और प्रावधानों का समूह है जो संविधान की स्थिरता और पहचान को बनाए रखते हैं। इनमें संघीय ढांचा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और मौलिक अधिकार शामिल हैं।
3. संशोधन की सीमाएँ:
संसद की संशोधन शक्ति परिसीमित है, जिसका अर्थ है कि संसद संविधान के मूल ढांचे को नष्ट या परिवर्तित नहीं कर सकती। यदि संसद ऐसा संशोधन प्रस्तावित करती है जो संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करता है या उसे कमजोर करता है, तो वह संशोधन न्यायिक समीक्षा के दायरे में आता है। सुप्रीम कोर्ट किसी भी संशोधन की समीक्षा कर सकता है और यह तय कर सकता है कि क्या वह संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करता है या नहीं।
इस प्रकार, संसद के पास संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने की शक्ति नहीं है, और उसकी संशोधन शक्ति इस ढांचे के प्रति संरक्षित रहती है।
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