Home/upsc: bhartiya samaj visheshta/Page 2
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
रीति-रिवाजों एवं परम्पराओं द्वारा तर्क को दबाने से प्रगतिविरोध उत्पन्न हुआ है। क्या आप इससे सहमत हैं ? (250 words) [UPSC 2020]
रीति-रिवाजों और परम्पराओं द्वारा तर्क को दबाने से प्रगतिविरोध: विश्लेषण परिचय रीति-रिवाजों और परम्पराओं का समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। ये सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक संरचना को बनाए रखते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये परम्पराएँ और रीति-रिवाज तर्क और प्रगति के खिलाफ एक बाधा बन सकते हैं। इस प्रश्नRead more
रीति-रिवाजों और परम्पराओं द्वारा तर्क को दबाने से प्रगतिविरोध: विश्लेषण
परिचय
रीति-रिवाजों और परम्पराओं का समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। ये सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक संरचना को बनाए रखते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये परम्पराएँ और रीति-रिवाज तर्क और प्रगति के खिलाफ एक बाधा बन सकते हैं। इस प्रश्न का विश्लेषण करने के लिए, यह समझना आवश्यक है कि कैसे परम्पराएँ और रीति-रिवाज तर्क को दबा सकती हैं और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।
रीति-रिवाजों द्वारा तर्क को दबाने के उदाहरण
प्रगतिविरोध का प्रभाव
निष्कर्ष
रीति-रिवाजों और परम्पराओं द्वारा तर्क को दबाना प्रगतिविरोध उत्पन्न कर सकता है। जबकि ये परम्पराएँ सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, उनका अंधानुकरण समाज के विकास और प्रगति में बाधा उत्पन्न कर सकता है। एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए परम्पराओं का सम्मान करते हुए, लेकिन साथ ही तर्क और विज्ञान पर आधारित निर्णय लेना आवश्यक है ताकि समाज में प्रगति और समरसता को बढ़ावा दिया जा सके।
See lessभारत में, आत्महत्या 15-29 आयु वर्ग के लोगों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बन गई है। इसके लिए उत्तरदायी कारणों को स्पष्ट करते हुए, राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में युवाओं के बीच आत्महत्या एक चिंताजनक समस्या बन गई है और 15-29 आयु समूह के लोग इसके प्रमुख प्रभावित हैं। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, सामाजिक दबाव, वित्तीय संकट, नौकरी की अनियमितता और औद्योगिकीकरण के परिणाम स्थायी स्थिति में सुधार की जरूरत है। राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथRead more
भारत में युवाओं के बीच आत्महत्या एक चिंताजनक समस्या बन गई है और 15-29 आयु समूह के लोग इसके प्रमुख प्रभावित हैं। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, सामाजिक दबाव, वित्तीय संकट, नौकरी की अनियमितता और औद्योगिकीकरण के परिणाम स्थायी स्थिति में सुधार की जरूरत है।
राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति को सफल बनाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रदान महत्वपूर्ण है। युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए सुविधाएं बढ़ाना और सामाजिक चेतना बढ़ाना भी आवश्यक है।
दूसरी ओर, युवाओं के लिए रोजगार संभावनाएं और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है। कौशल विकास और उचित प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें स्वावलंबी बनाना चाहिए।
समाज में जागरूकता फैलाने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकारी अभियानों की आवश्यकता है। विभिन्न स्तरों पर शिक्षा, प्रशासनिक सुधार और संबंधित नीतियों का विकास करना आवश्यक है ताकि युवा जनसंख्या के बीच आत्महत्या को रोकने के लिए सामाजिक और मानसिक समर्थन में सुधार हो सके।
See lessभारतीय समाज पारम्परिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता कैसे बनाए रखता है ? इनमें होने वाले परिवर्तनों का विवरण दीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता बनाए रखना और उनके परिवर्तनों का विवरण पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता: संस्कार और परंपराएँ: भारतीय समाज में पारंपरिक संस्कार और परंपराएँ जैसे कि अतिथि देवो भवः, परिवार की केंद्रीय भूमिका, और आध्यात्मिकता को विशेष महत्व दिया जाता है। ये मूल्य पीRead more
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता बनाए रखना और उनके परिवर्तनों का विवरण
पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता:
पारंपरिक मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों का विवरण:
निष्कर्ष:
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों को निरंतर बनाए रखता है, जो संस्कार, धार्मिक आयोजनों, और संस्थागत परंपराओं के माध्यम से संभव होता है। हालांकि, आर्थिक और सामाजिक बदलाव, महिलाओं का सशक्तिकरण, तकनीकी प्रगति, और धार्मिक-सांस्कृतिक विविधता के चलते इन मूल्यों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा रहे हैं। इन परिवर्तनों के साथ संतुलन बनाए रखना और समकालीन संदर्भ में पारंपरिक मूल्यों को पुनर्निर्मित करना भारतीय समाज के लिए एक चुनौती है।
See lessभारत में जातीय अस्मिता गतिशील और स्थिर दोनों ही क्यों है? (250 words) [UPSC 2023]
गतिशीलता के कारण: आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन: वैश्वीकरण, औद्योगिकीकरण, और शहरीकरण के साथ, जातीय अस्मिता की पहचान और अनुभव में परिवर्तन आया है। आर्थिक अवसरों और सामाजिक गतिशीलता के कारण जातियों के पारंपरिक कागजात और स्थिति में बदलाव देखा गया है। शैक्षिक और रोजगार के अवसर: शिक्षा और रोजगार के कRead more
गतिशीलता के कारण:
स्थिरता के कारण:
इस प्रकार, जातीय अस्मिता भारत में गतिशीलता और स्थिरता दोनों को दर्शाती है। यह सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों के साथ बदलती है, जबकि पारंपरिक मान्यताएँ और सामाजिक संरचनाएँ इसे स्थिर बनाए रखने में योगदान करती हैं।
See lessवैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? क्या आप सोचते हैं कि उनमें से कुछ विशेषताएँ भारतीय समाज में अभी भी प्रचलित हैं? (250 words) [UPSC 2023]
वैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ: धार्मिक ग्रंथ: वैदिक समाज की धार्मिक आस्थाएँ वेदों पर आधारित थीं, जिनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद शामिल हैं। वेदों में धार्मिक, दार्शनिक और वैज्ञानिक ज्ञान का समावेश था। धार्मिक अनुष्ठान: वैदिक धर्म में यज्ञ और हवन जैसे अनुष्ठान महत्वपूर्ण थे। इन अRead more
वैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ:
समकालीन भारतीय समाज में प्रचलित विशेषताएँ:
हालांकि वैदिक समाज की संरचना और कुछ प्रथाएँ आधुनिक समाज में बदलाव के साथ विकसित हुई हैं, कई विशेषताएँ अब भी भारतीय समाज में प्रचलित हैं।
See lessक्या आप सोचते हैं कि, आधुनिक भारत में विवाह एक संस्कार के रूप में अपना मूल्य खोता जा रहा है? ( 150 Words) [UPSC 2023]
आधुनिक भारत में विवाह एक संस्कार के रूप में अपना पारंपरिक मूल्य खोता दिखाई दे रहा है, इसके कई कारण हैं: आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन: तेजी से बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्यों ने विवाह की परंपरागत धारणाओं को चुनौती दी है। महिलाओं की शिक्षा और रोजगार में वृद्धि ने विवाह की पारंपरिक भूमिका को बदल दियाRead more
आधुनिक भारत में विवाह एक संस्कार के रूप में अपना पारंपरिक मूल्य खोता दिखाई दे रहा है, इसके कई कारण हैं:
इन बदलते परिदृश्यों ने विवाह के पारंपरिक संस्कारात्मक मूल्य को चुनौती दी है, हालांकि कुछ क्षेत्रों और समुदायों में यह मूल्य अभी भी मजबूत है।
See less