भारत के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम की व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 के चिह्नित क्षेत्र, लक्ष्य एवं भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार परिचय: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 को तकनीकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) द्वारा जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य 2035 तक भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अग्रणी बनानाRead more
प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 के चिह्नित क्षेत्र, लक्ष्य एवं भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार
परिचय: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 को तकनीकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) द्वारा जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य 2035 तक भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अग्रणी बनाना है। यह दस्तावेज़ उन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करता है, जहाँ प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिकों को सशक्त किया जा सकता है और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
चिह्नित क्षेत्र: इस दस्तावेज़ में 12 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है जो भारत के विकास और संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं:
- शिक्षा और कौशल विकास: डिजिटल शिक्षा मंचों के माध्यम से शैक्षिक पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना।
- स्वास्थ्य और चिकित्सा: टेलीमेडिसिन, जीनोमिक्स, और सस्ती स्वास्थ्य सेवा समाधान में उन्नति।
- कृषि: सटीक खेती, जैव प्रौद्योगिकी, और जल प्रबंधन तकनीकों का एकीकरण।
- जल संसाधन: उन्नत शुद्धिकरण और वितरण तकनीकों के माध्यम से सतत जल प्रबंधन।
- ऊर्जा: नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।
- बुनियादी ढांचा: स्मार्ट सिटी, परिवहन, और आवास तकनीकों का विकास।
- निर्माण: स्वचालन, एआई, और इंडस्ट्री 4.0 को बढ़ावा देना।
- सामग्री: नैनोप्रौद्योगिकी और स्मार्ट सामग्री सहित नई सामग्रियों में नवाचार।
- पर्यावरण: जलवायु परिवर्तन शमन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना।
- सुरक्षा: साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा प्रौद्योगिकियों को सुदृढ़ करना।
- परिवहन: इलेक्ट्रिक वाहन, उच्च गति रेल, और सतत परिवहन प्रणालियों का विकास।
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT): ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और डिजिटल अवसंरचना का विस्तार।
लक्ष्य: दस्तावेज़ का प्रमुख लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि 2035 तक हर भारतीय को प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच प्राप्त हो, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार, स्थिरता सुनिश्चित करने, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में मदद करेगी। इसका उद्देश्य डिजिटल विभाजन को समाप्त करना और प्रौद्योगिकी को सभी नागरिकों के लिए एक सक्षम उपकरण बनाना है।
भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार:
- प्रौद्योगिकी के माध्यम से सशक्तिकरण: दस्तावेज़ में नागरिकों को डिजिटल साक्षरता और तकनीकी उपकरणों तक पहुंच के माध्यम से सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है, जिससे वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और रोजगार में अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकें।
- नागरिक-केंद्रित शासन: यह ई-गवर्नेंस के उपयोग का समर्थन करता है, जिससे सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता, दक्षता, और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
- समावेशिता: यह सुनिश्चित करना कि हाशिये पर और दूरस्थ समुदाय भी प्रौद्योगिकी में प्रगति से लाभान्वित हों, सामाजिक समानता को बढ़ावा देने पर बल देता है।
हाल का उदाहरण: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) का कार्यान्वयन इसी विज़न दस्तावेज़ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों को डिजिटल स्वास्थ्य आईडी और स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान करना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार हो सके।
निष्कर्ष: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 भारत की प्रौद्योगिकी उन्नति के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करता है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रौद्योगिकी हर नागरिक के लिए सशक्तिकरण, समावेशिता, और स्थिरता का साधन बने।
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डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख पहल है, जिसे 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना, सरकारी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना, और डिजिटल साक्षरता को प्रमोट करना है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने डिजिटल आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिएRead more
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख पहल है, जिसे 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना, सरकारी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना, और डिजिटल साक्षरता को प्रमोट करना है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने डिजिटल आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएँ शुरू कीं, जैसे कि मिशन क्रिटिकल नेटवर्किंग, ई-गवर्नेंस, वेतन के भुगतान की प्रणाली, और डिजिटल भुगतान। इसके अतिरिक्त, आधार, डिजिटल लॉकर, और उमंग एप जैसी पहलें भी शामिल हैं, जो नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करती हैं। डिजिटल इंडिया का लक्ष्य आर्थिक विकास, सरकारी पारदर्शिता, और नागरिकों की सुविधा को बढ़ाना है।
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