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नाभिकीय प्रसार के मुद्दों एवं विद्यमान नियंत्रण तंत्र का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे और नियंत्रण तंत्र नाभिकीय प्रसार के मुद्दे: वैश्विक सुरक्षा संकट: नाभिकीय प्रसार का मतलब है नाभिकीय हथियार और प्रौद्योगिकी का फैलाव। यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि अधिक देशों या गैर-राज्य अभिनेताओं के पास ऐसे हथियार होने से नाभिकीय संघर्ष की संभावना बढ़ जRead more
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे और नियंत्रण तंत्र
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे:
विद्यमान नियंत्रण तंत्र:
निष्कर्ष: इन तंत्रों के बावजूद, नाभिकीय प्रसार की चुनौतियाँ महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सतर्कता के साथ निरंतर संबोधित करने की आवश्यकता है।
See lessप्रौद्योगिकी विज़न दस्तावे 2035 के चिह्नित क्षेत्र, लक्ष्य एवं भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकारों का उल्लेख कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 के चिह्नित क्षेत्र, लक्ष्य एवं भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार परिचय: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 को तकनीकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) द्वारा जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य 2035 तक भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अग्रणी बनानाRead more
प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 के चिह्नित क्षेत्र, लक्ष्य एवं भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार
परिचय: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 को तकनीकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) द्वारा जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य 2035 तक भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अग्रणी बनाना है। यह दस्तावेज़ उन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करता है, जहाँ प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिकों को सशक्त किया जा सकता है और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
चिह्नित क्षेत्र: इस दस्तावेज़ में 12 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है जो भारत के विकास और संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं:
लक्ष्य: दस्तावेज़ का प्रमुख लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि 2035 तक हर भारतीय को प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच प्राप्त हो, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार, स्थिरता सुनिश्चित करने, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में मदद करेगी। इसका उद्देश्य डिजिटल विभाजन को समाप्त करना और प्रौद्योगिकी को सभी नागरिकों के लिए एक सक्षम उपकरण बनाना है।
भारतीय नागरिकों को उपलब्ध विशेषाधिकार:
हाल का उदाहरण: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) का कार्यान्वयन इसी विज़न दस्तावेज़ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों को डिजिटल स्वास्थ्य आईडी और स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान करना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार हो सके।
निष्कर्ष: प्रौद्योगिकी विज़न दस्तावेज 2035 भारत की प्रौद्योगिकी उन्नति के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करता है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रौद्योगिकी हर नागरिक के लिए सशक्तिकरण, समावेशिता, और स्थिरता का साधन बने।
See less"नाभिकीय भयादोहन (परमाणु निरोध) भीषण नरसंहार वाले आणविक हथियारों के प्रतिकार का एकमात्र कारगर उपाय है।" इस कथन की व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
नाभिकीय भयादोहन (परमाणु निरोध) का महत्व: परमाणु निरोध का सिद्धांत: नाभिकीय भयादोहन (नuclear deterrence) एक रणनीति है जिसमें किसी देश की परमाणु क्षमता का उपयोग संभावित आक्रमणकारियों को परमाणु हमला करने से रोकने के लिए किया जाता है। इसका आधार यह है कि परमाणु हथियारों की व्यापक और अक्षम्य तबाही का खतराRead more
नाभिकीय भयादोहन (परमाणु निरोध) का महत्व:
परमाणु निरोध का सिद्धांत:
भीषण नरसंहार वाले आणविक हथियारों के प्रति प्रभावी उपाय:
हालिया उदाहरण:
संतुलन और चुनौती:
निष्कर्ष:
भारत के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम की व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख पहल है, जिसे 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना, सरकारी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना, और डिजिटल साक्षरता को प्रमोट करना है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने डिजिटल आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिएRead more
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख पहल है, जिसे 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना, सरकारी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना, और डिजिटल साक्षरता को प्रमोट करना है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने डिजिटल आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएँ शुरू कीं, जैसे कि मिशन क्रिटिकल नेटवर्किंग, ई-गवर्नेंस, वेतन के भुगतान की प्रणाली, और डिजिटल भुगतान। इसके अतिरिक्त, आधार, डिजिटल लॉकर, और उमंग एप जैसी पहलें भी शामिल हैं, जो नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करती हैं। डिजिटल इंडिया का लक्ष्य आर्थिक विकास, सरकारी पारदर्शिता, और नागरिकों की सुविधा को बढ़ाना है।
See lessराष्ट्रीय सुरक्षा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
राष्ट्रीय सुरक्षा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका 1. रक्षा प्रणालियाँ: विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत रक्षा प्रणालियों जैसे मिसाइल डिफेंस, ड्रोन, और सुपर-सोनिक वेपन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। DRDO द्वारा विकसित अग्नि मिसाइल प्रणाली इसका उदाहरण है। 2. साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षाRead more
राष्ट्रीय सुरक्षा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका
1. रक्षा प्रणालियाँ: विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत रक्षा प्रणालियों जैसे मिसाइल डिफेंस, ड्रोन, और सुपर-सोनिक वेपन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। DRDO द्वारा विकसित अग्नि मिसाइल प्रणाली इसका उदाहरण है।
2. साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा तकनीकें महत्वपूर्ण हैं, जो डेटा सुरक्षा और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा करती हैं। साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल और एन्क्रिप्शन तकनीकें साइबर हमलों से रक्षा करती हैं।
3. खगोल विज्ञान और इंटेलिजेंस: सैटेलाइट इमेजिंग और सिग्नल इंटेलिजेंस का उपयोग खुफिया संग्रहण और रोज़गार की निगरानी के लिए किया जाता है, जिससे उन्नत निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी मिलती है।
4. सीमावर्ती सुरक्षा: बायोमैट्रिक सिस्टम्स और स्मार्ट सेंसर्स सीमाओं की निगरानी और अनधिकृत प्रवृत्तियों को पहचानने में मदद करते हैं।
सारांश में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त, सुरक्षित और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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