“लोक अदालतों ने भारतीय विधिक प्रणाली में परिवर्तन लाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभायी है।” स्पष्ट करियें। (125 Words) [UPPSC 2022]
नीति आयोग: उद्देश्यों और संरचना की व्याख्या उद्देश्य: नीति निर्माण और सलाह: नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सलाह देता है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजना के माध्यम से नीति आयोग ने अवसंरचना के क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह बढ़ाने की सलाह दी है। रणRead more
नीति आयोग: उद्देश्यों और संरचना की व्याख्या
उद्देश्य:
- नीति निर्माण और सलाह: नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सलाह देता है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजना के माध्यम से नीति आयोग ने अवसंरचना के क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह बढ़ाने की सलाह दी है।
- रणनीतिक योजना: यह दीर्घकालिक योजनाओं को तैयार करने में सहायता करता है और उभरती चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की योजना और कार्यान्वयन में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
- सहकारी संघवाद को बढ़ावा: नीति आयोग केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है। आकांक्षी जिलों कार्यक्रम इसके उदाहरण के रूप में सामने आया है, जो विकासशील जिलों की स्थिति सुधारने में मदद करता है।
- नवाचार और सुधार: विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सुधार को प्रोत्साहित करता है, जैसे कि अटल नवाचार मिशन, जो स्कूलों और स्टार्टअप्स में नवाचार को बढ़ावा देता है।
संरचना:
नीति आयोग में प्रधानमंत्री अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य, और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शामिल हैं।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:
- योजना और सुधार: नीति आयोग ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से COVID-19 के दौरान राहत उपायों को पुनर्गठित किया।
- स्थायी विकास लक्ष्य (SDGs): नीति आयोग ने SDG इंडिया इंडेक्स विकसित किया, जो राज्यों की प्रगति को ट्रैक करता है और नीति निर्धारण में सहायक होता है।
- राज्य सहयोग: आकांक्षी जिलों कार्यक्रम ने 112 जिलों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग का एक सफल उदाहरण है।
इन प्रयासों से नीति आयोग ने भारत के समग्र और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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लोक अदालतों की उत्प्रेरक भूमिका भारतीय विधिक प्रणाली में 1. सुलह और विवाद समाधान: लोक अदालतें विवादों को सुलह और समाधान के माध्यम से निपटाती हैं, जिससे दुरूह न्यायिक प्रक्रिया की बजाय शीघ्र समाधान संभव होता है। उदाहरण के लिए, 2022 में, दिल्ली की लोक अदालतों ने सैकड़ों छोटे-मोटे विवादों का त्वरित समाRead more
लोक अदालतों की उत्प्रेरक भूमिका भारतीय विधिक प्रणाली में
1. सुलह और विवाद समाधान:
2. सस्ती न्याय व्यवस्था:
3. विधिक जागरूकता:
4. न्याय में पहुँच:
निष्कर्ष
लोक अदालतें भारतीय विधिक प्रणाली में सुधार और परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये सुलह, सस्ता न्याय, विधिक जागरूकता, और न्याय की पहुँच को बढ़ावा देती हैं, जिससे समग्र न्याय प्रणाली को गति मिलती है।
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