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विवादों के समाधान के लिए, हाल के वर्षों में कौन-से वैकल्पिक तंत्र उभरे है? वे कितने प्रभावी सिद्ध हुए है ? (200 Words) [UPPSC 2023]
हाल के वर्षों में विवादों के समाधान के लिए कई वैकल्पिक तंत्र उभरे हैं, जो पारंपरिक मुकदमेबाज़ी के विकल्प प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं: मध्यस्थता (Mediation): मध्यस्थता में एक तटस्थ मध्यस्थ विवादित पक्षों के बीच संवाद को सुविधाजनक बनाता है ताकि एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुँच सके। यह तंत्र पाRead more
हाल के वर्षों में विवादों के समाधान के लिए कई वैकल्पिक तंत्र उभरे हैं, जो पारंपरिक मुकदमेबाज़ी के विकल्प प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं:
इन वैकल्पिक तंत्रों ने पारंपरिक मुकदमेबाज़ी के मुकाबले अधिक लचीलापन, सुलभता, और कुशलता प्रदान की है। हालांकि, इनकी प्रभावशीलता संदर्भ और पक्षों की प्रक्रिया में भागीदारी पर निर्भर करती है।
See lessनीति आयोग के गठन के कारण उद्देश्य एवं कार्यों का उल्लेख करते हुये हाल ही में पुनर्गठित नीति आयोग का विवरण दीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
नीति आयोग के गठन के कारण नीति आयोग का गठन जनवरी 2015 में भारतीय योजना आयोग की जगह पर किया गया। इसके गठन के प्रमुख कारण थे: केंद्रित योजना प्रणाली की समस्या: योजना आयोग की ऊपर से नीचे की योजना और कमजोर प्रभावशीलता की आलोचना थी। राज्यों को अधिक भूमिका: राज्यों को विकास में अधिक भागीदारी देने की आवश्यकRead more
नीति आयोग के गठन के कारण
नीति आयोग का गठन जनवरी 2015 में भारतीय योजना आयोग की जगह पर किया गया। इसके गठन के प्रमुख कारण थे:
उद्देश्य
कार्य
हाल ही में पुनर्गठित नीति आयोग
2023 में नीति आयोग का पुनर्गठन किया गया, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिवर्तन शामिल हैं:
इन परिवर्तनों का उद्देश्य नीति आयोग को अधिक प्रभावशाली और लचीला बनाना है ताकि वह भारत की जटिल विकासात्मक चुनौतियों का सामना कर सके।
See lessराष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण का वर्णन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण: वर्णन और कार्य **1. स्थापना और उद्देश्य राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) 2002 में जैव विविधता अधिनियम के तहत स्थापित किया गया। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका उद्देश्य भारत की जैव विविधता कीRead more
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण: वर्णन और कार्य
**1. स्थापना और उद्देश्य
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) 2002 में जैव विविधता अधिनियम के तहत स्थापित किया गया। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका उद्देश्य भारत की जैव विविधता की संरक्षण और सतत उपयोग को सुनिश्चित करना है।
**2. कार्य और जिम्मेदारियाँ
**a. संसाधनों तक पहुँच की नियामकता
NBA जैव विविधता संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के वाणिज्यिक उपयोग के लिए अनुमति प्रदान करता है। हाल ही में, NBA ने औषधीय पौधों पर आधारित बायोप्रोस्पेक्टिंग परियोजनाओं के लिए अनुमति प्रदान की है।
**b. संरक्षण और सतत उपयोग
NBA विभिन्न संवर्धन कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय जैव विविधता और मानव कल्याण मिशन इसका एक उदाहरण है।
**c. नीति और समन्वय
यह राज्य जैव विविधता बोर्डों और विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय करता है ताकि जैव विविधता नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। NBA स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन योजनाओं के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
**d. पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा
NBA स्थानीय स्वदेशी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान की रक्षा करता है और सुनिश्चित करता है कि इसे बिना उचित स्वीकृति के दुरुपयोग न किया जाए। हाल ही में, NBA ने सांस्कृतिक और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए पहल की है।
**3. हाल की पहलों
NBA ने “नागोया प्रोटोकॉल” के कार्यान्वयन में भूमिका निभाई है, जो जैव संसाधनों की पहुँच और लाभ साझा करने से संबंधित है। इसके अतिरिक्त, जैव विविधता विरासत स्थलों के संरक्षण में भी इसका योगदान है।
**4. चुनौतियाँ
NBA को सीमित संसाधन, प्रशासनिक अड़चनें, और नीतियों के स्थानीय स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सारांश में, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण जैव विविधता के संरक्षण, संसाधनों की पहुँच की नियामकता, और पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, हालांकि इसे विभिन्न कार्यान्वयन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
See lessकेंद्रीय सतर्कता आयोग के गठन व कार्यों का वर्णन करते हुए इसकी सीमाओं का विश्लेषण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
केंद्रीय सतर्कता आयोग: गठन, कार्य और सीमाएँ 1. केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन (Formation): संरचना: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) का गठन सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के तहत किया गया था। इसमें एक मुख्य सतर्कता आयुक्त (CVC) और दो सतर्कता आयुक्त होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, और नियुक्Read more
केंद्रीय सतर्कता आयोग: गठन, कार्य और सीमाएँ
1. केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन (Formation):
2. केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य (Functions):
3. सीमाएँ (Limitations):
निष्कर्ष: केंद्रीय सतर्कता आयोग भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और पारदर्शिता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसके सीमित अधिकारक्षेत्र और अन्य एजेंसियों पर निर्भरता इसकी कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।
See lessनीति आयोग के लक्ष्य हैं? इसके तीन वर्षीय कार्य योजना को समझाइये। (125 Words) [UPPSC 2020]
नीति आयोग के लक्ष्य 1. नीति निर्धारण और समन्वय: नीति आयोग का प्रमुख उद्देश्य समन्वित नीति निर्माण और विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा देना है। यह केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को सशक्त बनाता है। 2. समावेशी विकास को प्रोत्साहन: समावेशी और समान विकास के लिए यह प्रयास करता है, जिसमें सभी सामाजिक वर्गों कोRead more
नीति आयोग के लक्ष्य
1. नीति निर्धारण और समन्वय: नीति आयोग का प्रमुख उद्देश्य समन्वित नीति निर्माण और विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा देना है। यह केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को सशक्त बनाता है।
2. समावेशी विकास को प्रोत्साहन: समावेशी और समान विकास के लिए यह प्रयास करता है, जिसमें सभी सामाजिक वर्गों को लाभ मिल सके।
3. क्षेत्रीय विकास: क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने और संतुलित विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
तीन वर्षीय कार्य योजना
1. आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा: निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां तैयार की जाती हैं, जैसे अटल आवास योजना के तहत शहरी और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना।
2. शासन में सुधार: डिजिटल परिवर्तन और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं, जैसे ई-गवर्नेंस और सार्वजनिक सेवाओं का डिजिटलीकरण।
3. सतत विकास को बढ़ावा: पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उपाय, जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का विस्तार।
इन पहलों के माध्यम से नीति आयोग समावेशी और सतत विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
See less"सूचना अधिकार अधिनियम ने लोकसेवकों को स्टील फ्रेम के बाहर आकर निष्ठापूर्वक जनता की सेवा करने के लिये बाध्य किया है।" व्याख्या करें। (200 Words) [UPPSC 2020]
सूचना अधिकार अधिनियम और लोकसेवकों की भूमिका 1. सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) का परिचय: सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में लागू हुआ, जिसका उद्देश्य लोकसेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों से सूचना प्राप्त करना सुलभ बनाना है। यह कानून नागरिकों को सूचना तक पहुंच का अधिकार प्रदान करता है और पारदर्शिता और जवाबदेही कोRead more
सूचना अधिकार अधिनियम और लोकसेवकों की भूमिका
1. सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) का परिचय:
सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में लागू हुआ, जिसका उद्देश्य लोकसेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों से सूचना प्राप्त करना सुलभ बनाना है। यह कानून नागरिकों को सूचना तक पहुंच का अधिकार प्रदान करता है और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।
2. स्टील फ्रेम के बाहर आना:
सूचना अधिकार अधिनियम ने लोकसेवकों को पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों के प्रति संवेदनशील किया है। पहले स्टील फ्रेम के रूप में जाने जाने वाले लोकसेवक अब जनता की सेवा के प्रति अधिक निष्ठावान और जवाबदेह बन गए हैं।
2023 में, RTI आवेदन के माध्यम से, दिल्ली में दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 राहत फंड की वित्तीय प्रबंधन की जानकारी प्राप्त की गई। इससे सार्वजनिक धन के सदुपयोग पर पारदर्शिता सुनिश्चित हुई।
3. निष्ठापूर्वक सेवा का उदाहरण:
RTI का उपयोग करके नागरिकों ने शासन की नीतियों और फैसलों पर प्रभावी सवाल उठाए हैं। 2019 में, RTI के तहत प्राप्त जानकारी ने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के बारे में सामान्य जानकारी सार्वजनिक की।
RTI ने सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार को प्रोत्साहित किया है, जिससे लोकसेवकों को सहयोगी और निष्पक्ष तरीके से काम करने की आदत पड़ी है।
निष्कर्ष:
See lessसूचना अधिकार अधिनियम ने लोकसेवकों को स्टील फ्रेम के बाहर निकलकर निष्ठापूर्वक जनता की सेवा करने के लिए बाध्य किया है। यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
"नीति आयोग" के उद्देश्यों और संरचना की व्याख्या कीजिए। इसकी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ क्या है? (200 Words) [UPPSC 2022]
नीति आयोग: उद्देश्यों और संरचना की व्याख्या उद्देश्य: नीति निर्माण और सलाह: नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सलाह देता है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजना के माध्यम से नीति आयोग ने अवसंरचना के क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह बढ़ाने की सलाह दी है। रणRead more
नीति आयोग: उद्देश्यों और संरचना की व्याख्या
उद्देश्य:
संरचना:
नीति आयोग में प्रधानमंत्री अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य, और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शामिल हैं।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:
इन प्रयासों से नीति आयोग ने भारत के समग्र और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
See less"लोक अदालतों ने भारतीय विधिक प्रणाली में परिवर्तन लाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभायी है।" स्पष्ट करियें। (125 Words) [UPPSC 2022]
लोक अदालतों की उत्प्रेरक भूमिका भारतीय विधिक प्रणाली में 1. सुलह और विवाद समाधान: लोक अदालतें विवादों को सुलह और समाधान के माध्यम से निपटाती हैं, जिससे दुरूह न्यायिक प्रक्रिया की बजाय शीघ्र समाधान संभव होता है। उदाहरण के लिए, 2022 में, दिल्ली की लोक अदालतों ने सैकड़ों छोटे-मोटे विवादों का त्वरित समाRead more
लोक अदालतों की उत्प्रेरक भूमिका भारतीय विधिक प्रणाली में
1. सुलह और विवाद समाधान:
2. सस्ती न्याय व्यवस्था:
3. विधिक जागरूकता:
4. न्याय में पहुँच:
निष्कर्ष
लोक अदालतें भारतीय विधिक प्रणाली में सुधार और परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये सुलह, सस्ता न्याय, विधिक जागरूकता, और न्याय की पहुँच को बढ़ावा देती हैं, जिससे समग्र न्याय प्रणाली को गति मिलती है।
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