‘क्वाड’ में भारत की भागीदारी के औचित्य की विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2023]
SAARC की असफलता और BIMSTEC की भूमिका 1. SAARC की असफलता: SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) की सदस्यता में भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक विवाद और सुरक्षा चिंताओं के कारण सहयोग और प्रगति में बाधाएं आईं। सदस्य देशों के आपसी विवाद और समन्वय की कमी ने SAARC की प्रभावशीलता को सीमित किया। 2.Read more
SAARC की असफलता और BIMSTEC की भूमिका
1. SAARC की असफलता: SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) की सदस्यता में भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक विवाद और सुरक्षा चिंताओं के कारण सहयोग और प्रगति में बाधाएं आईं। सदस्य देशों के आपसी विवाद और समन्वय की कमी ने SAARC की प्रभावशीलता को सीमित किया।
2. BIMSTEC का गठन: SAARC की असफलता के चलते, भारत ने BIMSTEC (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) को सशक्त और प्रोमोट करने की दिशा में कदम बढ़ाए। BIMSTEC में बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय एकता को प्राथमिकता दी जाती है।
3. BIMSTEC की विशेषताएँ:
- आर्थिक एकता: BIMSTEC में आर्थिक सहयोग और विकास पर जोर दिया जाता है।
- क्षेत्रीय सुरक्षा: यह संगठन सुरक्षा और विकास के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है, जो SAARC की तुलना में अधिक प्रभावी है।
निष्कर्ष: SAARC की असफलता ने भारत को BIMSTEC को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया, जो क्षेत्रीय सहयोग और विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है।
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क्वाड में भारत की भागीदारी का औचित्य 1. सामरिक और रणनीतिक हित: QUAD (क्वाड) का गठन भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। भारत की भागीदारी उत्तरी हिंद महासागर और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2Read more
क्वाड में भारत की भागीदारी का औचित्य
1. सामरिक और रणनीतिक हित: QUAD (क्वाड) का गठन भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। भारत की भागीदारी उत्तरी हिंद महासागर और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
2. अर्थशास्त्र और व्यापार: QUAD के माध्यम से भारत को सामरिक वाणिज्यिक सहयोग और आर्थिक निवेश के अवसर मिलते हैं, जो वाणिज्यिक मार्ग और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।
3. वैश्विक चुनौतियाँ: QUAD सदस्य देशों के साथ मिलकर भारत जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, और पैथोजन परिदृश्य जैसे वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकाल सकता है।
4. ज्योग्राफिकल स्थिति: भारत की सामरिक स्थिति और आधुनिक सैन्य क्षमता QUAD में एक प्रमुख सहयोगी की भूमिका निभाने में सहायक है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष: QUAD में भारत की भागीदारी सामरिक, आर्थिक, और वैश्विक स्थिरता की दृष्टि से उचित है, जो भारत की सुरक्षा और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है।
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