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सिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की विवेचना कीजिये। a. निष्पक्षता b. प्रतिबद्धता(125 Words) [UPPSC 2020]
सिविल सेवा में निष्पक्षता और प्रतिबद्धता पर चर्चा 'पक्षपात' और 'प्रतिबद्धता' एक प्रभावी सिविल सेवा के दो प्रमुख बुनियादी तत्व हैं। वे उस नींव का निर्माण करते हैं जिस पर सरकारी संस्थानों में जनता का विश्वास और विश्वास बनाया जाता है। आइए इन अवधारणाओं में से प्रत्येक के बारे में आगे बात करते हैंः सिविलRead more
सिविल सेवा में निष्पक्षता और प्रतिबद्धता पर चर्चा
‘पक्षपात’ और ‘प्रतिबद्धता’ एक प्रभावी सिविल सेवा के दो प्रमुख बुनियादी तत्व हैं। वे उस नींव का निर्माण करते हैं जिस पर सरकारी संस्थानों में जनता का विश्वास और विश्वास बनाया जाता है। आइए इन अवधारणाओं में से प्रत्येक के बारे में आगे बात करते हैंः
सिविल सेवा में निष्पक्षता
परिभाषाः निष्पक्षता का अर्थ है निष्पक्ष और उद्देश्यपूर्ण होना। सिविल सेवा के संदर्भ में, इसका अर्थ है राजनीतिक संबद्धता, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, नस्ल, धर्म या अन्य व्यक्तिगत विशेषताओं के संदर्भ में बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी व्यक्तियों और समूहों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना।
महत्वः
– सार्वजनिक विश्वासः निष्पक्षता सरकारी संस्थानों में सार्वजनिक विश्वास पैदा करती है क्योंकि नागरिक समझते हैं कि निर्णय व्यक्तिगत पूर्वाग्रह या राजनीतिक दबाव के बजाय योग्यता और लोगों की भलाई के आधार पर किए जाते हैं।
– प्रभावी शासन निष्पक्ष लोक सेवक बेहतर निर्णय लेते हैं और समुदाय के सर्वोत्तम हित में नीतियों को लागू करते हैं।
कानून का शासनः तटस्थता यह सुनिश्चित करने में कार्य करती है कि कानून के शासन को बरकरार रखा जाए और सभी लोगों के साथ कानून के समक्ष निष्पक्ष व्यवहार किया जाए।
अड़चनः
– भ्रष्टाचारः भ्रष्टाचार निष्पक्षता को प्रभावित करता है और अक्सर पक्षपात और भाई-भतीजावाद का कारण बनता है।
सिविल सेवा में प्रतिबद्धता
परिभाषाः प्रतिबद्धता किसी कारण या उद्देश्य के प्रति किसी के मजबूत समर्पण को संदर्भित करती है। सिविल सेवा में, प्रतिबद्धता सार्वजनिक हित की सेवा करने और समाज की बेहतरी के लिए काम करने की पूर्ण प्रतिबद्धता को संदर्भित करती है।
महत्वः
लोक सेवाः प्रतिबद्ध लोक सेवक जनता की सेवा करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छा से प्रेरित होते हैं।
नवान्वेषणः प्रतिबद्ध सिविल सेवकों के नवान्वेषी होने और चुनौतियों का सामना करने के नए तरीके खोजने की अधिक संभावना होती है।
चुनौतियांः
बर्नआउटः सार्वजनिक सेवा की मांग की प्रकृति बर्नआउट और प्रतिबद्धता की हानि का कारण बन सकती है।
– संसाधनों की कमीः अपर्याप्त संसाधनों के कारण सिविल सेवकों के लिए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
– राजनीतिक हस्तक्षेपः राजनीतिक हस्तक्षेप सिविल सेवकों की प्रतिबद्धता को कमजोर कर सकता है।
निष्पक्षता और प्रतिबद्धता का परस्पर जुड़ाव
निष्पक्षता और प्रतिबद्धता एक दूसरे से निकटता से जुड़े हुए हैं। एक प्रतिबद्ध सिविल सेवक के निष्पक्ष होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि वे स्व-सेवा के बजाय सेवा-उन्मुख होते हैं। इसी तरह, एक निष्पक्ष सिविल सेवक के काम के लिए प्रतिबद्ध होने की अधिक संभावना होती है क्योंकि वे समाज पर उनके काम के सकारात्मक प्रभाव की कल्पना कर सकते हैं।
निष्कर्ष
निष्पक्षता और प्रतिबद्धता ऐसे गुण हैं जो किसी भी सिविल सेवक के पास होने चाहिए। ये सिद्धांत सिविल सेवकों को अधिक न्यायपूर्ण, न्यायसंगत और समृद्ध समाज के निर्माण में मदद करते हैं। सरकारों को एक ऐसा सक्षम वातावरण बनाना चाहिए जो इन मूल्यों को बढ़ावा दे और सिविल सेवकों को अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करे।
See lessसत्यनिष्ठा
इसमें सच बोलने और धोखे से बचने की प्रतिबद्धता शामिल है। सत्य की भागीदारी में सत्य को बताना और अपने मूल्यों और विश्वासों के अनुसार सत्य को जीना दोनों शामिल हैं। निश्चित रूप से 'सच्चा' होना केवल सच कहने पर नहीं रुकता है। यह किसी के कार्यों और शब्दों में ईमानदारी, निष्पक्षता और निरंतरता जैसे नैतिक सिद्Read more
इसमें सच बोलने और धोखे से बचने की प्रतिबद्धता शामिल है। सत्य की भागीदारी में सत्य को बताना और अपने मूल्यों और विश्वासों के अनुसार सत्य को जीना दोनों शामिल हैं।
निश्चित रूप से ‘सच्चा’ होना केवल सच कहने पर नहीं रुकता है। यह किसी के कार्यों और शब्दों में ईमानदारी, निष्पक्षता और निरंतरता जैसे नैतिक सिद्धांतों की एक बड़ी श्रृंखला से घिरा हुआ है।
सत्यनिष्ठा का अर्थ अनिवार्य रूप से शब्दबद्ध, ईमानदार और एक ठोस चरित्र होना है।
See lessनिष्पक्षता
निष्पक्षता का वास्तव में अर्थ है निष्पक्षता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, सभी पक्षों के साथ समान व्यवहार और पूर्वाग्रह मुक्त व्यवहार। इसका संबंध इस बात से है कि जिस तरह से एक निष्पक्ष व्यक्ति या संस्था निर्णय लेने में वरीयता के आधार पर नहीं बल्कि सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर व्यवहार करती है, न किRead more
निष्पक्षता का वास्तव में अर्थ है निष्पक्षता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, सभी पक्षों के साथ समान व्यवहार और पूर्वाग्रह मुक्त व्यवहार। इसका संबंध इस बात से है कि जिस तरह से एक निष्पक्ष व्यक्ति या संस्था निर्णय लेने में वरीयता के आधार पर नहीं बल्कि सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर व्यवहार करती है, न कि व्यक्तिगत भावनाओं या हितों से प्रभावित होकर।
अपने सबसे बुनियादी अर्थों में, निष्पक्षता का संबंध किसी के निर्णयों और कार्यों में निष्पक्षता और तटस्थता से है।
See lessवस्तुनिष्ठता
"वस्तुनिष्ठता" शब्द का अर्थ है कि एक व्यक्ति या कुछ हमेशा तथ्यों पर आधारित होता है और व्यक्तिगत राय या भावना से प्रभावित नहीं होता है। निष्पक्ष का तात्पर्य पूर्वाग्रह या पूर्वाग्रह के बिना एक तटस्थ और निष्पक्ष दृष्टिकोण से है। यह केवल एक दृष्टिकोण के संदर्भ में वस्तुनिष्ठता की एक परिभाषा है-एक ऐसा दRead more
“वस्तुनिष्ठता” शब्द का अर्थ है कि एक व्यक्ति या कुछ हमेशा तथ्यों पर आधारित होता है और व्यक्तिगत राय या भावना से प्रभावित नहीं होता है। निष्पक्ष का तात्पर्य पूर्वाग्रह या पूर्वाग्रह के बिना एक तटस्थ और निष्पक्ष दृष्टिकोण से है।
यह केवल एक दृष्टिकोण के संदर्भ में वस्तुनिष्ठता की एक परिभाषा है-एक ऐसा दृष्टिकोण जो व्यक्तिगत भावनाओं या मान्यताओं से पक्षपाती या अनुचित रूप से प्रभावित हुए बिना किसी भी चीज़ को देखता है, लेकिन विशुद्ध रूप से तथ्यों और साक्ष्य पर।
See lessविभेद कीजियेः a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा में b. अभिवृत्ति की संरचना एवं प्रकार्यों में। (125 Words) [UPPSC 2021]
a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा वस्तुनिष्ठता परिभाषा: वस्तुनिष्ठता (Objectivity) किसी विषय के प्रति निष्पक्ष दृष्टिकोण है, जो व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों या भावनाओं से मुक्त होता है। उदाहरण: एक जज का निर्णय कानूनी तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत मान्यताओं पर। निष्ठा परिभाषा: निRead more
a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा
b. अभिवृत्ति की संरचना एवं प्रकार
निष्कर्ष
वस्तुनिष्ठता निष्पक्षता को दर्शाती है, जबकि निष्ठा नैतिकता और ईमानदारी को। अभिवृत्ति की संरचना और प्रकार व्यक्ति के मानसिक रुझानों और प्रतिक्रियाओं को विभिन्न परिप्रेक्ष्य में व्यक्त करते हैं।
See lessसिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का मूल्यांकन कीजिये। aअंतरात्मा b.सेवा भाव c. अनुशासन (125 Words) [UPPSC 2018]
सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता a. अंतरात्मा प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा कRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता
a. अंतरात्मा
प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अंतरात्मा अधिकारी की फैसलों में नैतिकता को बनाए रखने में सहायक होती है।
b. सेवा भाव
प्रासंगिकता: सेवा भाव समाज के प्रति समर्पण और बेहतर सेवा प्रदान करने का प्रेरक है। यह नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएएस अधिकारी तन्वी गांधी ने समाजिक समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम किया, जो सेवा भाव की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
c. अनुशासन
प्रासंगिकता: अनुशासन कार्यक्षमता और पेशेवरता को बनाए रखता है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी नियमों और कानूनों का पालन करें और कार्य में स्थिरता बनाए रखें। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, जैसे कि डॉ. सुधीर कुमार, जो हमेशा अपने कर्तव्यों में अनुशासन बनाए रखते हैं, यह दर्शाता है कि अनुशासन सिविल सेवा में कुशल प्रबंधन और नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
इन मूल्यों—अंतरात्मा, सेवा भाव, और अनुशासन—की सिविल सेवा में अत्यधिक प्रासंगिकता है, क्योंकि ये सुनिश्चित करते हैं कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को नैतिक, समर्पित और व्यवस्थित ढंग से निभाएं।
See lessसिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता की विवेचना एवं मूल्यांकन कीजियेः a. सत्यनिष्ठा b. निष्पक्षता c. वस्तुनिष्ठता d.गैर-तरफदारी 200 Words) [UPPSC 2018]
सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता a. सत्यनिष्ठा परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं। प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता
a. सत्यनिष्ठा
परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं।
प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार विरोधी कदम जैसे कि फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई ने जनता के विश्वास को बढ़ाया और सुशासन को बढ़ावा दिया।
b. निष्पक्षता
परिभाषा: निष्पक्षता का मतलब है सभी व्यक्तियों और मामलों को समान रूप से देखना और निर्णय लेना, बिना किसी पूर्वाग्रह या व्यक्तिगत पसंद के।
प्रासंगिकता: निष्पक्षता न्याय और समानता सुनिश्चित करती है। उच्चतम न्यायालय की हालिया निर्णय, जैसे कि तीन तलाक मामले में निर्णय, ने निष्पक्षता के महत्व को दर्शाया है, जिससे कानून के समक्ष सभी व्यक्तियों को समान उपचार मिला।
c. वस्तुनिष्ठता
परिभाषा: वस्तुनिष्ठता का तात्पर्य है निर्णय लेना तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित, व्यक्तिगत भावनाओं या विचारों से मुक्त।
प्रासंगिकता: वस्तुनिष्ठता प्रभावी नीति-निर्माण और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है। COVID-19 महामारी के दौरान सरकार की रणनीतियाँ तथ्यों और वैज्ञानिक डेटा पर आधारित थीं, जिससे महामारी के प्रबंधन में प्रभावशीलता आई।
d. गैर-तरफदारी
परिभाषा: गैर-तरफदारी का मतलब है किसी भी राजनीतिक दल या समूह के प्रति पक्षपाती न होना और सभी नागरिकों के प्रति समान व्यवहार करना।
प्रासंगिकता: गैर-तरफदारी लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक होती है। भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता और तटस्थता ने चुनावों को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया, जिससे लोकतंत्र की संस्थाओं पर विश्वास कायम रहा।
मूल्यांकन
सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, और गैर-तरफदारी इन मूल्यों के द्वारा सिविल सेवा को न केवल प्रभावी और न्यायपूर्ण बनाया जाता है, बल्कि यह सार्वजनिक विश्वास और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी मजबूत करता है। ये मूल्य सिविल सेवकों को उचित और ईमानदार तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम बनाते हैं।
See lessलोक सेवकों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाओं की व्याख्या कीजिये। क्या अंतरात्मा उनके समाधान में सहायक होगी? विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
लोक सेवकों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाएँ 1. स्वार्थ और पेशेवर दायित्व: लोक सेवक अक्सर स्वार्थ और पेशेवर दायित्व के बीच संतुलन बनाते हैं। उदाहरण के लिए, एक सरकारी अधिकारी को अपने करीबी रिश्तेदार को ठेका दिलाने का दबाव हो सकता है, जिससे उसे व्यक्तिगत निष्ठा और पेशेवर ईमानदारी के बीच चुनाव कRead more
लोक सेवकों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाएँ
1. स्वार्थ और पेशेवर दायित्व: लोक सेवक अक्सर स्वार्थ और पेशेवर दायित्व के बीच संतुलन बनाते हैं। उदाहरण के लिए, एक सरकारी अधिकारी को अपने करीबी रिश्तेदार को ठेका दिलाने का दबाव हो सकता है, जिससे उसे व्यक्तिगत निष्ठा और पेशेवर ईमानदारी के बीच चुनाव करना पड़ता है।
2. भ्रष्टाचार: भ्रष्टाचार की誘惑 एक प्रमुख नैतिक दुविधा है। लोक सेवक को रिश्वत या अन्य प्रलोभनों का सामना करना पड़ सकता है। अमृतसर में कोरोना के दौरान सरकारी राशन वितरण में भ्रष्टाचार का मामला इसका एक उदाहरण है, जहाँ अधिकारियों ने गलत तरीके से लाभ उठाया।
3. सूचना का खुलासा: अधिकारियों को विसलब्लोइंग (सूचना का खुलासा) करने के लिए दवाब महसूस हो सकता है, जो उनके करियर और सुरक्षा को जोखिम में डाल सकता है। सत्येंद्र दुबे का मामला एक ज्वलंत उदाहरण है, जिन्होंने सड़क निर्माण परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को उजागर किया और उनकी हत्या कर दी गई।
4. सार्वजनिक हित और नीतिगत प्रतिबंध: लोक सेवक को सार्वजनिक हित और नीतिगत प्रतिबंधों के बीच संतुलन बनाना पड़ता है। कोविड-19 महामारी के दौरान, अधिकारियों ने लॉकडाउन के कड़े नियमों और आर्थिक प्रभावों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की।
अंतरात्मा की भूमिका
1. नैतिक दिशा: अंतरात्मा एक आंतरिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है, जो लोक सेवकों को नैतिक निर्णय लेने में मदद करती है। एक अधिकारी जो ईमानदारी और कर्तव्य की भावना से प्रेरित होता है, वह भ्रष्टाचार और स्वार्थ के दबाव को अस्वीकार कर सकता है।
2. नैतिक साहस: अंतरात्मा नैतिक साहस प्रदान करती है, जिससे लोक सेवक कठिन निर्णय ले सकते हैं और अनैतिक प्रथाओं के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। फ्रांसिस हॉगन के फेसबुक का खुलासा इसका उदाहरण है, जहाँ उन्होंने सार्वजनिक भलाई के लिए व्यक्तिगत जोखिम उठाया।
3. जिम्मेदारी और पारदर्शिता: अंतरात्मा जिम्मेदारी और पारदर्शिता को सुदृढ़ करती है, जिससे लोक सेवक अपने कार्यों में नैतिक मानकों को बनाए रख सकते हैं। आईएएस अधिकारियों के लिए आचार संहिता की तरह, यह आंतरिक नैतिक कम्पास सरकारी नैतिकता की रक्षा में मदद करता है।
इस प्रकार, लोक सेवकों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाएँ जटिल हो सकती हैं, लेकिन अंतरात्मा इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, नैतिकता, साहस, और जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है।
See lessसिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिये। a. पारदर्शकता b. जवाबदेही c. दृढ़ विश्वास का सहास (125 Words) [UPPSC 2019]
सिविल सेवा के संदर्भ में पारदर्शकता, जवाबदेही और दृढ़ विश्वास का साहस की प्रासंगिकता a. पारदर्शकता: पारदर्शकता से सरकारी कार्यों में विश्वास और जिम्मेदारी बढ़ती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शासन में पारदर्शी नीतियों को अपनाया है, जैसे कि "ऑल इंडिया सर्विसेज ट्रांसपेरेंसी पोर्टल"Read more
सिविल सेवा के संदर्भ में पारदर्शकता, जवाबदेही और दृढ़ विश्वास का साहस की प्रासंगिकता
a. पारदर्शकता: पारदर्शकता से सरकारी कार्यों में विश्वास और जिम्मेदारी बढ़ती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शासन में पारदर्शी नीतियों को अपनाया है, जैसे कि “ऑल इंडिया सर्विसेज ट्रांसपेरेंसी पोर्टल” जिससे नागरिक सीधे प्रशासनिक फैसलों की निगरानी कर सकते हैं।
b. जवाबदेही: जवाबदेही सरकारी कर्मियों को उनकी कार्यप्रणाली के प्रति उत्तरदायी बनाती है। IAS अधिकारी अनूप सक्सेना, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए, ने पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत किया, जिससे व्यवस्था में सुधार हुआ।
c. दृढ़ विश्वास का साहस: दृढ़ विश्वास का साहस असामान्य परिस्थितियों में नैतिकता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। IAS अधिकारी डॉ. शाह फैसल ने सरकारी प्रणाली में सुधार के लिए त्याग किया और सामाजिक न्याय के लिए अपनी आवाज उठाई, जिससे स्पष्ट होता है कि दृढ़ विश्वास और साहस से अस्थिर परिस्थितियों में भी नैतिकता को बनाए रखा जा सकता है।
निष्कर्ष: पारदर्शकता, जवाबदेही, और दृढ़ विश्वास का साहस सिविल सेवाओं में सुधार और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। इन सिद्धांतों को अपनाने से शासन प्रणाली में विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ती है।
See lessसार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत क्या हैं? क्या वे सिविल के लिये आचार संहिता हैं? मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत और सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता 1. सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत, जो नोलेन कमेटी द्वारा परिभाषित किए गए थे, निम्नलिखित हैं: 1. स्वार्थहीनता (Selflessness): सार्वजनिक अधिकारियों को व्यक्तिगत लाभ के बजाय केवल जनहित में कार्य करना चाहिए।Read more
सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत और सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता
1. सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत
सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत, जो नोलेन कमेटी द्वारा परिभाषित किए गए थे, निम्नलिखित हैं:
1. स्वार्थहीनता (Selflessness): सार्वजनिक अधिकारियों को व्यक्तिगत लाभ के बजाय केवल जनहित में कार्य करना चाहिए। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में भारत में विभिन्न नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जैसे कि 2021 में विभिन्न नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप।
2. ईमानदारी (Integrity): अधिकारियों को ईमानदारी से कार्य करना चाहिए और उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखना चाहिए। हाल ही में, 2023 में एक प्रमुख भारतीय अधिकारी पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसने ईमानदारी के महत्व को उजागर किया।
3. वस्तुनिष्ठता (Objectivity): निर्णय merit और प्रमाणों के आधार पर होने चाहिए, व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के आधार पर नहीं। उदाहरण के लिए, सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए पारदर्शी चयन प्रक्रियाओं का होना आवश्यक है।
4. जवाबदेही (Accountability): सार्वजनिक अधिकारी अपनी कार्रवाइयों और निर्णयों के लिए उत्तरदायी होने चाहिए। भारत में कोविड-19 राहत कोष के प्रबंधन पर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयास इसे दर्शाते हैं।
5. खुलापन (Openness): अधिकारियों को अपने निर्णय और कार्यों के बारे में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम, जो भारत में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, इसी सिद्धांत को लागू करता है।
6. ईमानदारी (Honesty): सार्वजनिक अधिकारियों को धोखाधड़ी और गलत प्रतिनिधित्व से बचना चाहिए। यह सिद्धांत उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहां सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
7. नेतृत्व (Leadership): अधिकारियों को नैतिक व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए। प्रभावी नेता अपने कार्यों से विश्वास और आदर्श स्थापित करते हैं।
2. आचार संहिता के रूप में मूल्यांकन
सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता: ये सिद्धांत सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता के रूप में काम करते हैं, जैसे कि भारतीय सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता और अन्य वैश्विक संहिताएं। ये सिद्धांत अधिकारियों को स्वार्थहीनता, ईमानदारी, और जवाबदेही के उच्च मानकों का पालन करने का निर्देश देते हैं।
वास्तविक अनुप्रयोग: हालांकि, इन सिद्धांतों के अनुप्रयोग में चुनौतियाँ होती हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार और ब्यूरोक्रेटिक अड़चनें। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में विभिन्न भ्रष्टाचार विरोधी पहल और सुधार कार्यक्रमों ने इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रयास किए हैं।
निष्कर्ष: सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता के रूप में कार्य करते हैं, जो उनके नैतिक और पेशेवर आचरण को दिशा प्रदान करते हैं। इन सिद्धांतों का सही ढंग से पालन कर के ही अच्छी शासन व्यवस्था और जनविश्वास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
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