जन-प्रतिनिधित्व कानून के मुख्य तत्वों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
निर्धनता और भूख का चुनावी राजनीति पर प्रभाव चुनावी वादे: निर्धनता और भूख प्रमुख चुनावी मुद्दे बनते हैं। राजनीतिक पार्टियाँ वोट बटोरने के लिए सबसिडी, वेलफेयर स्कीम्स, और भ्रष्टाचार विरोधी वादे करती हैं, जैसे राशन कार्ड, नौकरियों और आर्थिक सहायता के प्रलोभन। मतदाता आकर्षण: गरीब और भूखे वर्ग को लक्षितRead more
निर्धनता और भूख का चुनावी राजनीति पर प्रभाव
चुनावी वादे: निर्धनता और भूख प्रमुख चुनावी मुद्दे बनते हैं। राजनीतिक पार्टियाँ वोट बटोरने के लिए सबसिडी, वेलफेयर स्कीम्स, और भ्रष्टाचार विरोधी वादे करती हैं, जैसे राशन कार्ड, नौकरियों और आर्थिक सहायता के प्रलोभन।
मतदाता आकर्षण: गरीब और भूखे वर्ग को लक्षित कर मतदाता आधार को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। चुनावों के समय आकर्षक पैकेज और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के वादे होते हैं।
वोट बैंक राजनीति: इन मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग होता है। पार्टियाँ अक्सर अल्पकालिक समाधान प्रदान करती हैं, जिससे दीर्घकालिक नीति पर ध्यान कम होता है।
निष्कर्ष: निर्धनता और भूख चुनावी राजनीति को वोट बैंक राजनीति, पॉपुलिस्ट वादे और अल्पकालिक उपायों के माध्यम से प्रभावित करते हैं।
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जन-प्रतिनिधित्व कानून के मुख्य तत्वों का आलोचनात्मक परीक्षण **1. चुनावी प्रक्रिया का नियमन जन-प्रतिनिधित्व कानून (1951 & 1952) चुनावी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह चुनावों, उम्मीदवार की पात्रता, और मतदाता अधिकारों की प्रक्रियाओं को स्पष्ट करता है। हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs)Read more
जन-प्रतिनिधित्व कानून के मुख्य तत्वों का आलोचनात्मक परीक्षण
**1. चुनावी प्रक्रिया का नियमन
जन-प्रतिनिधित्व कानून (1951 & 1952) चुनावी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह चुनावों, उम्मीदवार की पात्रता, और मतदाता अधिकारों की प्रक्रियाओं को स्पष्ट करता है। हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs) और वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश इसके निष्पक्षता को बढ़ाते हैं।
**2. पात्रता और अयोग्यता
कानून उम्मीदवारों के पात्रता मानदंड और अयोग्यता की स्थितियाँ निर्धारित करता है, जैसे आपराधिक सजा और विफलता। 2021 में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आपराधिक रिकॉर्ड के खुलासे पर इसका उदाहरण है।
**3. चुनावी अपराध
यह चुनावी अपराधों जैसे भ्रष्टाचार, डराना-धमकाना, और घूस को संबोधित करता है। हाल के चुनावों में धन और बल के दुरुपयोग के खिलाफ की गई कार्रवाई इस तत्व की प्रासंगिकता को दर्शाती है।
**4. सुधार और चुनौतियाँ
कानून के बावजूद, अधिकारों की अमलविज्ञता और पारदर्शिता की कमी जैसी समस्याएँ मौजूद हैं। हाल में ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण के प्रस्ताव जैसे सुधार इन चुनौतियों को संबोधित करने के प्रयास हैं।
सारांश में, जन-प्रतिनिधित्व कानून चुनावी व्यवस्था के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है, लेकिन सुधार और पारदर्शिता की निरंतर आवश्यकता है।
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