भारत में “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा की अपनी संभावनाएं एवं सीमाएं है, परीक्षण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2022]
मतदाता निरीक्षण पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) का मूल्यांकन 1. पारदर्शिता और विश्वास: VVPAT प्रणाली ने मतदान की पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाया है। यह सुनिश्चित करती है कि मतदाता की पर्ची का रिकॉर्ड डिजिटल वोटिंग के साथ मेल खाता है। हाल के लोकसभा चुनाव (2019) में, VVPAT ने चुनाव परिणामों की सटीकता को सुनिRead more
मतदाता निरीक्षण पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) का मूल्यांकन
1. पारदर्शिता और विश्वास: VVPAT प्रणाली ने मतदान की पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाया है। यह सुनिश्चित करती है कि मतदाता की पर्ची का रिकॉर्ड डिजिटल वोटिंग के साथ मेल खाता है। हाल के लोकसभा चुनाव (2019) में, VVPAT ने चुनाव परिणामों की सटीकता को सुनिश्चित किया।
2. विवाद समाधान: VVPAT की उपस्थिति ने विवादित मतपत्रों के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (2018) में, VVPAT ने मतपत्रों की सटीकता की पुष्टि करने में मदद की, जिससे मतदाता के संदेहों का समाधान हुआ।
3. तकनीकी और प्रशासनिक चुनौती: VVPAT प्रणाली को लागू करने में तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियाँ सामने आई हैं, जैसे कि मशीनों में तकनीकी खराबियाँ और पुन: गणना में समय की देरी। इन समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है ताकि प्रणाली की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बनी रहे।
VVPAT का उपयोग भारतीय चुनावों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास और सटीकता को बढ़ाने में सहायक रहा है, लेकिन इसके साथ जुड़ी समस्याओं का समाधान भी आवश्यक है।
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भारत में "एक राष्ट्र एक चुनाव" की अवधारणा की संभावनाएँ और सीमाएँ संभावनाएँ: वित्तीय लाभ: एक साथ चुनाव कराने से सरकार और जनता दोनों पर वित्तीय बोझ कम होगा। उदाहरण के लिए, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अनुमानित लागत ₹50,000 करोड़ के आस-पास है, जबकि एक साथ चुनाव से इन खर्चों में कमी आ सकती है। प्रशासनिक सुवRead more
भारत में “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा की संभावनाएँ और सीमाएँ
संभावनाएँ:
सीमाएँ:
निष्कर्ष: “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा वित्तीय और प्रशासनिक दृष्टिकोण से लाभकारी हो सकती है, लेकिन संविधानिक, कानूनी, और लॉजिस्टिक चुनौतियाँ इसे लागू करने में बाधा डालती हैं। सही ढंग से कार्यान्वित करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श और योजना की आवश्यकता होगी।
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