42 वें भारतीय संशोधन को संविधान का पुनः लेखन क्यों कहा जाता है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 के मुख्य प्रावधान **1. पात्रता मानदंड: CAA, 2019 के तहत, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश किया है। **2. धार्मिक बहिष्कार: यह अधRead more
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 के मुख्य प्रावधान
**1. पात्रता मानदंड: CAA, 2019 के तहत, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश किया है।
**2. धार्मिक बहिष्कार: यह अधिनियम मुसलमानों को इस प्रावधान से बाहर करता है, जिससे इसके भेदभावपूर्ण होने पर विवाद उत्पन्न हुआ है।
**3. निवास अवधि में कमी: इस अधिनियम के तहत, भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए निवास अवधि को 11 वर्षों से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।
**4. हालिया घटनाक्रम: CAA के विरोध में व्यापक प्रदर्शन और कानूनी चुनौतियाँ आई हैं, जिनमें संविधानिक धर्मनिरपेक्षता की आलोचना की गई है।
निष्कर्ष: CAA का उद्देश्य कुछ धार्मिक शरणार्थियों को तेजी से नागरिकता प्रदान करना है, लेकिन इसकी विवादास्पद प्रकृति ने इसे व्यापक चर्चा और विरोध का सामना कराया है।
See less
42वें भारतीय संशोधन का संविधान का पुनः लेखन 1. वृहद परिवर्तन: 42वां संशोधन (1976) भारतीय संविधान में व्यापक और गहरे बदलाव लाया, जो इसे "संविधान का पुनः लेखन" का दर्जा देता है। इस संशोधन ने संविधान की प्रस्तावना को संशोधित किया और सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सर्वजन कल्याण जैसे मूल्यों को स्थापितRead more
42वें भारतीय संशोधन का संविधान का पुनः लेखन
1. वृहद परिवर्तन: 42वां संशोधन (1976) भारतीय संविधान में व्यापक और गहरे बदलाव लाया, जो इसे “संविधान का पुनः लेखन” का दर्जा देता है। इस संशोधन ने संविधान की प्रस्तावना को संशोधित किया और सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सर्वजन कल्याण जैसे मूल्यों को स्थापित किया।
2. संसदीय और कानूनी बदलाव: संशोधन ने संसदीय प्रणाली में भी बदलाव किए। इसमें केंद्र-राज्य संबंध, संविधान के भागों की पुनर्रचना और सुप्रीम कोर्ट की अधिकारिता को प्रभावित करने वाले कई प्रावधान जोड़े गए।
3. संविधान की संरचना में बदलाव: संशोधन ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में बदलाव किया, जिससे कई धारा और धारणाओं को नया स्वरूप मिला।
4. प्रस्तावना में परिवर्तन: प्रस्तावना में “समाजवाद”, “धर्मनिरपेक्षता” और “गणतंत्र” के सिद्धांतों को शामिल किया गया, जिससे संविधान की मूल भावना और उद्देश्य को स्पष्ट किया गया।
निष्कर्ष: 42वां संशोधन संविधान के संरचनात्मक और वैधानिक बदलाव के कारण संविधान का “पुनः लेखन” कहा जाता है, जो भारतीय राज्य की प्रशासनिक और सामाजिक दिशा को पुनः परिभाषित करता है।
See less