आधुनिक शिक्षा में सर सैयद अहमद खान के योगदान पर एक टिप्पणी लिखिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
बाल गंगाधर तिलक का प्रेस की आज़ादी के संघर्ष में योगदान 1. पत्रकारिता का प्रचार: पत्रिकाएँ: बाल गंगाधर तिलक ने केसरी (मराठी) और द महरट्टा (अंग्रेज़ी) जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। इन पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश शासन की आलोचना की और राष्ट्रीय भावनाओं को प्रRead more
बाल गंगाधर तिलक का प्रेस की आज़ादी के संघर्ष में योगदान
1. पत्रकारिता का प्रचार:
- पत्रिकाएँ: बाल गंगाधर तिलक ने केसरी (मराठी) और द महरट्टा (अंग्रेज़ी) जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। इन पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश शासन की आलोचना की और राष्ट्रीय भावनाओं को प्रोत्साहित किया।
2. प्रेस सेंसरशिप के खिलाफ संघर्ष:
- ब्रिटिश प्रतिबंधों का विरोध: तिलक ने ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए प्रेस सेंसरशिप के खिलाफ दृढ़ विरोध किया। उनके लेखन और विचारों ने प्रेस की स्वतंत्रता की अहमियत को उजागर किया।
3. सार्वजनिक जागरूकता:
- जन जागरण: तिलक ने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को उनके अधिकारों और ब्रिटिश शासन के अन्याय के बारे में जागरूक किया, जिससे एक राजनीतिक चेतना का निर्माण हुआ।
4. कानूनी संघर्ष:
- कानूनी लढ़ाई: तिलक ने प्रेस पर प्रतिबंधों के खिलाफ कानूनी लढ़ाई लड़ी, जिससे प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को मजबूती मिली।
निष्कर्ष: बाल गंगाधर तिलक का प्रेस की आज़ादी के लिए संघर्ष ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया।
See less
आधुनिक शिक्षा में सर सैयद अहमद खान के योगदान पर टिप्पणी सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने मुस्लिम समाज को शिक्षा की महत्वता का एहसास कराया और पारंपरिक शिक्षा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा। **1. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: 1875 में, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीRead more
आधुनिक शिक्षा में सर सैयद अहमद खान के योगदान पर टिप्पणी
सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने मुस्लिम समाज को शिक्षा की महत्वता का एहसास कराया और पारंपरिक शिक्षा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा।
**1. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: 1875 में, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना की, जो आधुनिक शिक्षा के प्रचार का महत्वपूर्ण केंद्र बनी।
**2. प्रेरणा और सुधार: उन्होंने मुस्लिम समाज के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पश्चिमी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
**3. साहित्य और प्रकाशन: उनके द्वारा संपादित “असारुस सानादीद” जैसे लेखन, और “दस्तरख्वान” जैसी पत्रिकाओं ने शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी शिक्षा नीति और सामाजिक सुधार ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को आधुनिक दृष्टिकोण प्रदान किया और समाज में सकारात्मक बदलाव किया।
See less