“अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम है।” इस कथन के संदर्भ में अभिवृत्ति निर्माण हेतु उत्तरदायी कारकों की व्याख्या एवं मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति के मूल कारण 1. सांस्कृतिक और पारंपरिक धारणाएँ: पारंपरिक सांस्कृतिक मान्यताएँ और पुरानी परंपराएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कई समाजों में पुरुषों को उच्च दर्जा और महिलाओं को घरेलू भूमिकाओं तक सीमित माना जाता है, जिससे लिंग असमानता बढ़ती है। 2. शिक्षा और जाRead more
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति के मूल कारण
1. सांस्कृतिक और पारंपरिक धारणाएँ: पारंपरिक सांस्कृतिक मान्यताएँ और पुरानी परंपराएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कई समाजों में पुरुषों को उच्च दर्जा और महिलाओं को घरेलू भूमिकाओं तक सीमित माना जाता है, जिससे लिंग असमानता बढ़ती है।
2. शिक्षा और जागरूकता की कमी: शिक्षा की कमी और लिंग संवेदनशीलता के बारे में जागरूकता का अभाव लिंग भेदभाव को बढ़ावा देता है। उदाहरण: ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर कम ध्यान और लड़कों को प्राथमिकता देना।
3. कानूनी और संस्थागत असमानताएँ: कानूनों और नीतियों की कमी या उनका प्रभावी कार्यान्वयन न होने के कारण लिंग भेदभाव में कमी नहीं आती। उदाहरण: महिला श्रम अधिकारों के प्रभावी कार्यान्वयन की कमी।
4. सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ: महिलाओं और पुरुषों के बीच आर्थिक और सामाजिक असमानताएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कार्यस्थलों पर वेतन असमानता और उच्च पदों पर महिलाओं की कमी।
5. मीडिया और मनोरंजन का प्रभाव: मीडिया और मनोरंजन में लिंग भेदभाव वाले स्टीरियोटाइप को बढ़ावा दिया जाता है। उदाहरण: विज्ञापनों और फिल्में जो पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को सुदृढ़ करती हैं।
क्यों इतनी दृढ़ है?
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति सांस्कृतिक परंपराओं, शिक्षा की कमी, कानूनी संरचनाओं की कमी, सामाजिक असमानताओं और मीडिया के प्रभाव के कारण दृढ़ है। इन तत्वों के सम्मिलित प्रभाव से लिंग भेदभाव का उन्मूलन कठिन हो जाता है।
निष्कर्ष: लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्तियों को दूर करने के लिए सांस्कृतिक बदलाव, शिक्षा में सुधार, कानूनी सुधार और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।
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अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम हैं 1. परिभाषा और निर्माण: अभिवृत्तियाँ लोगों, वस्तुओं या परिस्थितियों के प्रति मूल्यात्मक निर्णय और भावनाएँ होती हैं, जो हमारे अनुभवों और अंतःक्रियाओं से आकार लेती हैं। ये स्वाभाविक नहीं होतीं, बल्कि समय के साथ विभिन्न उत्तेजनाओं और स्थितियों के आधार पर विकसित हRead more
अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम हैं
1. परिभाषा और निर्माण: अभिवृत्तियाँ लोगों, वस्तुओं या परिस्थितियों के प्रति मूल्यात्मक निर्णय और भावनाएँ होती हैं, जो हमारे अनुभवों और अंतःक्रियाओं से आकार लेती हैं। ये स्वाभाविक नहीं होतीं, बल्कि समय के साथ विभिन्न उत्तेजनाओं और स्थितियों के आधार पर विकसित होती हैं। उदाहरण के लिए, किसी विशेष करियर पथ के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति सकारात्मक या नकारात्मक अनुभवों द्वारा प्रभावित हो सकती है।
2. अभिवृत्ति निर्माण के कारक
1. व्यक्तिगत अनुभव: प्रत्यक्ष अनुभव अभिवृत्तियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 टीकाकरण अभियान में सकारात्मक अनुभव और प्रभावी संचार ने टीकों के प्रति सार्वजनिक अभिवृत्तियों को प्रभावित किया।
2. सामाजिक प्रभाव: परिवार, मित्र, और सांस्कृतिक मानदंड अभिवृत्ति निर्माण पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, एक परिवार जो शिक्षा को अत्यधिक महत्व देता है, उसके सदस्य आमतौर पर अकादमिक उपलब्धियों के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति विकसित करते हैं। हाल की सोशल मीडिया अध्ययन ने दिखाया है कि साथी प्रभाव कैसे सामाजिक मुद्दों पर अभिवृत्तियों को आकार दे सकते हैं।
3. शिक्षा और अध्ययन: औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण ज्ञान और अनुभव प्रदान करते हैं, जो अभिवृत्तियों को आकार देते हैं। स्वच्छ भारत अभियान जैसे शैक्षिक कार्यक्रमों ने स्वच्छता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति अभिवृत्तियों को प्रभावित किया है।
4. मीडिया और संचार: मीडिया चित्रण और जनसंचार अभियानों से अभिवृत्तियों पर प्रभाव पड़ता है। #MeToo आंदोलन ने लिंग समानता और यौन उत्पीड़न के प्रति अभिवृत्तियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है, जो मीडिया की भूमिका को दर्शाता है।
5. भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ: भावनात्मक अनुभव भी अभिवृत्तियों को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को किसी विशेष तकनीक के साथ आघात का अनुभव हुआ हो तो वह तकनीक के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति विकसित कर सकता है।
मूल्यांकन: अभिवृत्ति निर्माण के कारकों को समझना नीति और सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। सकारात्मक अनुभवों और सामाजिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी जन अभियान और शैक्षिक कार्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य सार्वजनिक अभियानों द्वारा सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों पर ध्यान केंद्रित कर अभिवृत्तियों में सुधार किया जा सकता है।
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