Home/uppsc: abhivrati
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
विभेद कीजियेः a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा में b. अभिवृत्ति की संरचना एवं प्रकार्यों में। (125 Words) [UPPSC 2021]
a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा वस्तुनिष्ठता परिभाषा: वस्तुनिष्ठता (Objectivity) किसी विषय के प्रति निष्पक्ष दृष्टिकोण है, जो व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों या भावनाओं से मुक्त होता है। उदाहरण: एक जज का निर्णय कानूनी तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत मान्यताओं पर। निष्ठा परिभाषा: निRead more
a. वस्तुनिष्ठता एवं निष्ठा
b. अभिवृत्ति की संरचना एवं प्रकार
निष्कर्ष
वस्तुनिष्ठता निष्पक्षता को दर्शाती है, जबकि निष्ठा नैतिकता और ईमानदारी को। अभिवृत्ति की संरचना और प्रकार व्यक्ति के मानसिक रुझानों और प्रतिक्रियाओं को विभिन्न परिप्रेक्ष्य में व्यक्त करते हैं।
See lessनिम्नलिखित में विभेद कीजिये: a.अभिवृत्ति एवं मूल्य। b.अभिवृत्ति एवं मत।(125 Words) [UPPSC 2018]
a. अभिवृत्ति एवं मूल्य अभिवृत्ति परिभाषा: अभिवृत्ति एक व्यक्ति की किसी विशेष विषय, वस्तु, या व्यक्ति के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक भावना होती है, जो उनके व्यवहार को प्रभावित करती है। उदाहरण: किसी व्यक्ति की सरकारी स्कूलों के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति हो सकती है, जिससे वह सरकारी स्कूलों को समर्थन कRead more
a. अभिवृत्ति एवं मूल्य
b. अभिवृत्ति एवं मत
निष्कर्ष
अभिवृत्ति और मूल्य व्यक्ति की स्थायी मानसिकता और विश्वासों को दर्शाते हैं, जबकि अभिवृत्ति और मत समयानुसार बदलने वाले विचार और राय को प्रदर्शित करते हैं।
See lessलोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर बताइए । (125 Words) [UPPSC 2022]
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर 1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सRead more
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर
1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम का कार्यान्वयन, जो नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
2. अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति: अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक सत्ता और नियंत्रण पर जोर देते हैं, और रूल बुक और प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं। यह अभिवृत्ति कभी-कभी लोक सेवक और नागरिक के बीच दूरी पैदा कर सकती है। उदाहरण के लिए, बंगाल के निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान प्रक्रिया के दौरान अनावश्यक बाधाएँ उत्पन्न करना, जिससे नागरिकों को कठिनाइयाँ हुईं।
मूल अंतर: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में सेवा और पारदर्शिता की प्राथमिकता होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अधिकार और नियमों के प्रति कड़ाई होती है। दोनों अभिवृत्तियाँ लोक सेवकों की भूमिका में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लोकतंत्रीय अभिवृत्ति को अधिक प्राथमिकता देने से जनता के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व बढ़ता है।
See less"अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम है।" इस कथन के संदर्भ में अभिवृत्ति निर्माण हेतु उत्तरदायी कारकों की व्याख्या एवं मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम हैं 1. परिभाषा और निर्माण: अभिवृत्तियाँ लोगों, वस्तुओं या परिस्थितियों के प्रति मूल्यात्मक निर्णय और भावनाएँ होती हैं, जो हमारे अनुभवों और अंतःक्रियाओं से आकार लेती हैं। ये स्वाभाविक नहीं होतीं, बल्कि समय के साथ विभिन्न उत्तेजनाओं और स्थितियों के आधार पर विकसित हRead more
अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम हैं
1. परिभाषा और निर्माण: अभिवृत्तियाँ लोगों, वस्तुओं या परिस्थितियों के प्रति मूल्यात्मक निर्णय और भावनाएँ होती हैं, जो हमारे अनुभवों और अंतःक्रियाओं से आकार लेती हैं। ये स्वाभाविक नहीं होतीं, बल्कि समय के साथ विभिन्न उत्तेजनाओं और स्थितियों के आधार पर विकसित होती हैं। उदाहरण के लिए, किसी विशेष करियर पथ के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति सकारात्मक या नकारात्मक अनुभवों द्वारा प्रभावित हो सकती है।
2. अभिवृत्ति निर्माण के कारक
1. व्यक्तिगत अनुभव: प्रत्यक्ष अनुभव अभिवृत्तियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 टीकाकरण अभियान में सकारात्मक अनुभव और प्रभावी संचार ने टीकों के प्रति सार्वजनिक अभिवृत्तियों को प्रभावित किया।
2. सामाजिक प्रभाव: परिवार, मित्र, और सांस्कृतिक मानदंड अभिवृत्ति निर्माण पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, एक परिवार जो शिक्षा को अत्यधिक महत्व देता है, उसके सदस्य आमतौर पर अकादमिक उपलब्धियों के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति विकसित करते हैं। हाल की सोशल मीडिया अध्ययन ने दिखाया है कि साथी प्रभाव कैसे सामाजिक मुद्दों पर अभिवृत्तियों को आकार दे सकते हैं।
3. शिक्षा और अध्ययन: औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण ज्ञान और अनुभव प्रदान करते हैं, जो अभिवृत्तियों को आकार देते हैं। स्वच्छ भारत अभियान जैसे शैक्षिक कार्यक्रमों ने स्वच्छता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति अभिवृत्तियों को प्रभावित किया है।
4. मीडिया और संचार: मीडिया चित्रण और जनसंचार अभियानों से अभिवृत्तियों पर प्रभाव पड़ता है। #MeToo आंदोलन ने लिंग समानता और यौन उत्पीड़न के प्रति अभिवृत्तियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है, जो मीडिया की भूमिका को दर्शाता है।
5. भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ: भावनात्मक अनुभव भी अभिवृत्तियों को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को किसी विशेष तकनीक के साथ आघात का अनुभव हुआ हो तो वह तकनीक के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति विकसित कर सकता है।
मूल्यांकन: अभिवृत्ति निर्माण के कारकों को समझना नीति और सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। सकारात्मक अनुभवों और सामाजिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी जन अभियान और शैक्षिक कार्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य सार्वजनिक अभियानों द्वारा सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों पर ध्यान केंद्रित कर अभिवृत्तियों में सुधार किया जा सकता है।
See lessअभिवृत्ति के प्रकार्यों की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
अभिवृत्ति के प्रकार्यों की विवेचना 1. संज्ञानात्मक कार्य (Cognitive Function): अभिवृत्तियाँ जानकारी को संगठित और विश्लेषित करने में मदद करती हैं। ये लोगों को विश्व की समझ और व्याख्या प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, पर्यावरणीय अभिवृत्तियाँ जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर लोगों की धारणाओं को प्रभावितRead more
अभिवृत्ति के प्रकार्यों की विवेचना
1. संज्ञानात्मक कार्य (Cognitive Function): अभिवृत्तियाँ जानकारी को संगठित और विश्लेषित करने में मदद करती हैं। ये लोगों को विश्व की समझ और व्याख्या प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, पर्यावरणीय अभिवृत्तियाँ जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर लोगों की धारणाओं को प्रभावित करती हैं।
2. भावनात्मक कार्य (Affective Function): अभिवृत्तियाँ भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करती हैं। स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक अभिवृत्तियाँ लोगों की मानसिक स्थिति और संतोष को बेहतर बनाती हैं। उदाहरण के लिए, मानसिक स्वास्थ्य पहल सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं, जो तनाव प्रबंधन में सहायक होती हैं।
3. व्यवहारात्मक कार्य (Behavioral Function): अभिवृत्तियाँ व्यवहार और निर्णय लेने को मार्गदर्शित करती हैं। यह विभिन्न स्थितियों में लोगों के कार्यों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया ट्रेंड्स यह दर्शाते हैं कि अभिवृत्तियाँ उपभोक्ता व्यवहार को कैसे प्रभावित करती हैं।
4. समायोजनात्मक कार्य (Adjustment Function): अभिवृत्तियाँ वातावरण के साथ समायोजित करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, कार्यस्थल विविधता कार्यक्रम समावेशिता के प्रति सकारात्मक अभिवृत्तियाँ उत्पन्न करके टीमवर्क और उत्पादकता में सुधार करती हैं।
अभिवृत्तियाँ संज्ञान, भावनाओं, व्यवहार और समायोजन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See lessमनोवृत्ति को परिभाषित कीजिये तथा मनोवृत्ति एवं अभिक्षमता के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य संबंधों की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
मनोवृत्ति की परिभाषा और अभिक्षमता के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में संबंध 1. मनोवृत्ति की परिभाषा (Definition of Attitude): मनोवृत्ति: मनोवृत्ति एक मानसिक स्थिति या प्रवृत्ति है जो किसी व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करती है। यह एक विशेष व्यक्ति, वस्तु, या स्थिति के प्रति सकारात्मक याRead more
मनोवृत्ति की परिभाषा और अभिक्षमता के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में संबंध
1. मनोवृत्ति की परिभाषा (Definition of Attitude):
2. मनोवृत्ति और अभिक्षमता के संबंध (Relationship Between Aptitude and Attitude):
निष्कर्ष: ऐतिहासिक रूप से, मनोवृत्ति को मानसिक प्रवृत्ति के रूप में देखा गया है, जो अभिक्षमता के उपयोग को प्रभावित करती है। अभिक्षमता आंतरिक क्षमताओं को दर्शाती है, जबकि मनोवृत्ति यह निर्धारित करती है कि ये क्षमताएँ कितनी प्रभावी ढंग से उपयोग की जाती हैं।
See lessDifferentiate between the following. a. Tolerance and Compassion b. Attitude and Aptitude (125 Words) [UPPSC 2020]
Differentiating Between Key Concepts 1. Tolerance vs. Compassion Tolerance refers to accepting and respecting differences in others, even if one does not necessarily agree with them. For instance, the Supreme Court of India showed tolerance by upholding the rights of diverse communities, including tRead more
Differentiating Between Key Concepts
1. Tolerance vs. Compassion
2. Attitude vs. Aptitude
Understanding these distinctions helps in recognizing the diverse aspects of personal and professional development.
See lessअभिवृत्ति के विभिन्न अवयवों का वर्णन कीजिए तथा अभिवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का विवेचन कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
अभिवृत्ति के विभिन्न अवयव और निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक 1. अभिवृत्ति के अवयव संज्ञानात्मक अवयव: यह धारणाएं और विचार होते हैं, जो किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति हमारी सोच को दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति का मानना कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहिए, उसकी संज्ञानात्मक अभिवृत्ति है।Read more
अभिवृत्ति के विभिन्न अवयव और निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
1. अभिवृत्ति के अवयव
2. अभिवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
निष्कर्ष: अभिवृत्ति के अवयवों में संज्ञानात्मक, भावनात्मक, और व्यवहारिक तत्व शामिल होते हैं, और इन्हें प्रभावित करने वाले कारकों में परिवार, शिक्षा, और मीडिया शामिल हैं।
See lessसामाजिक समस्या के प्रति व्यक्ति की मनोवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों की उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
सामाजिक समस्या के प्रति व्यक्ति की मनोवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक 1. परिवार और सामाजिक परिवेश: व्यक्ति की मनोवृत्ति पर उसके परिवार और सामाजिक परिवेश का गहरा प्रभाव होता है। उदाहरण: अगर परिवार में जातिवाद या लिंग भेदभाव को बढ़ावा दिया जाता है, तो व्यक्ति की मनोवृत्ति भी प्रभावित होती हैRead more
सामाजिक समस्या के प्रति व्यक्ति की मनोवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
1. परिवार और सामाजिक परिवेश: व्यक्ति की मनोवृत्ति पर उसके परिवार और सामाजिक परिवेश का गहरा प्रभाव होता है। उदाहरण: अगर परिवार में जातिवाद या लिंग भेदभाव को बढ़ावा दिया जाता है, तो व्यक्ति की मनोवृत्ति भी प्रभावित होती है। उदाहरण: एक पारंपरिक परिवार में पलने-बढ़ने वाले व्यक्ति के लिए जातिवादी सोच सामान्य हो सकती है।
2. शिक्षा और जानकारी: शिक्षा और जानकारी व्यक्ति की सोच को दिशा देती है। उदाहरण: नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार के माध्यम से, शिक्षा और जागरूकता ने स्वच्छता के प्रति सकारात्मक मनोवृत्ति निर्माण में मदद की है।
3. मीडिया और मनोरंजन: मीडिया और मनोरंजन का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण: बॉलीवुड फिल्मों में महिलाओं की सशक्तिकरण की कहानियाँ जैसे कि “मांझी: द माउंटेन मैन” ने समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया।
4. कानूनी और नीतिगत ढाँचा: कानूनी और नीतिगत ढाँचा समाज की समस्याओं के प्रति मनोवृत्ति को प्रभावित करता है। उदाहरण: आरटीआई (सूचना के अधिकार) के कार्यान्वयन ने सार्वजनिक पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के प्रति लोगों की सोच में सुधार किया है।
5. व्यक्तिगत अनुभव: व्यक्ति के अपने अनुभव भी उसकी सोच को प्रभावित करते हैं। उदाहरण: किसी ने सामाजिक भेदभाव का व्यक्तिगत अनुभव किया है, तो वह इस समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है।
निष्कर्ष: सामाजिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की मनोवृत्ति पर परिवार, शिक्षा, मीडिया, कानूनी ढाँचा, और व्यक्तिगत अनुभव जैसे कारक गहरा प्रभाव डालते हैं। इन कारकों की समझ से सामाजिक बदलाव और जागरूकता में सुधार संभव है।
See lessलिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति के मूल कारणों की विवेचना कीजिये। यह इतनी दृढ़ क्यों है? (200 Words) [UPPSC 2021]
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति के मूल कारण 1. सांस्कृतिक और पारंपरिक धारणाएँ: पारंपरिक सांस्कृतिक मान्यताएँ और पुरानी परंपराएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कई समाजों में पुरुषों को उच्च दर्जा और महिलाओं को घरेलू भूमिकाओं तक सीमित माना जाता है, जिससे लिंग असमानता बढ़ती है। 2. शिक्षा और जाRead more
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति के मूल कारण
1. सांस्कृतिक और पारंपरिक धारणाएँ: पारंपरिक सांस्कृतिक मान्यताएँ और पुरानी परंपराएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कई समाजों में पुरुषों को उच्च दर्जा और महिलाओं को घरेलू भूमिकाओं तक सीमित माना जाता है, जिससे लिंग असमानता बढ़ती है।
2. शिक्षा और जागरूकता की कमी: शिक्षा की कमी और लिंग संवेदनशीलता के बारे में जागरूकता का अभाव लिंग भेदभाव को बढ़ावा देता है। उदाहरण: ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर कम ध्यान और लड़कों को प्राथमिकता देना।
3. कानूनी और संस्थागत असमानताएँ: कानूनों और नीतियों की कमी या उनका प्रभावी कार्यान्वयन न होने के कारण लिंग भेदभाव में कमी नहीं आती। उदाहरण: महिला श्रम अधिकारों के प्रभावी कार्यान्वयन की कमी।
4. सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ: महिलाओं और पुरुषों के बीच आर्थिक और सामाजिक असमानताएँ लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण: कार्यस्थलों पर वेतन असमानता और उच्च पदों पर महिलाओं की कमी।
5. मीडिया और मनोरंजन का प्रभाव: मीडिया और मनोरंजन में लिंग भेदभाव वाले स्टीरियोटाइप को बढ़ावा दिया जाता है। उदाहरण: विज्ञापनों और फिल्में जो पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को सुदृढ़ करती हैं।
क्यों इतनी दृढ़ है?
लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्ति सांस्कृतिक परंपराओं, शिक्षा की कमी, कानूनी संरचनाओं की कमी, सामाजिक असमानताओं और मीडिया के प्रभाव के कारण दृढ़ है। इन तत्वों के सम्मिलित प्रभाव से लिंग भेदभाव का उन्मूलन कठिन हो जाता है।
निष्कर्ष: लिंग संबंधी नकारात्मक अभिवृत्तियों को दूर करने के लिए सांस्कृतिक बदलाव, शिक्षा में सुधार, कानूनी सुधार और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।
See less