आपदा प्रबन्धन में सरकार की क्या भूमिका है? क्या स्थानीय नागरिकों को इसका प्रशिक्षण देना उचित होगा ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
भारत में केंद्र, राज्य तथा जनपद स्तरों पर आपदा प्रबंधन परिचय: भारत की आपदा प्रबंधन प्रणाली एक तीन स्तरीय ढांचा है, जिसमें केंद्र, राज्य, और जनपद स्तर शामिल हैं। यह ढांचा आपदाओं से निपटने और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए जिम्मेदार है। **1. केंद्र स्तर: केंद्र स्तर पर, राष्ट्रीय आRead more
भारत में केंद्र, राज्य तथा जनपद स्तरों पर आपदा प्रबंधन
परिचय: भारत की आपदा प्रबंधन प्रणाली एक तीन स्तरीय ढांचा है, जिसमें केंद्र, राज्य, और जनपद स्तर शामिल हैं। यह ढांचा आपदाओं से निपटने और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए जिम्मेदार है।
**1. केंद्र स्तर: केंद्र स्तर पर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) प्रमुख निकाय है, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया है। NDMA की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और यह आपदा प्रबंधन के लिए नीतियाँ, योजनाएँ और दिशा-निर्देश तैयार करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), NDMA के अधीन कार्य करता है और आपातकालीन राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, 2023 के हिमाचल प्रदेश बाढ़ में, NDRF ने व्यापक बचाव और राहत कार्य किए।
**2. राज्य स्तर: राज्य स्तर पर, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) प्रत्येक राज्य में स्थापित है और इसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्यमंत्री करते हैं। SDMA राज्य की आपदा प्रबंधन योजनाओं को तैयार करता है और कार्यान्वित करता है। 2022 के उत्तराखंड के भारी बारिश के दौरान, SDMA ने स्थानीय एजेंसियों और संगठनों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों का समन्वय किया।
**3. जनपद स्तर: जनपद स्तर पर, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA), जिसकी अध्यक्षता जनपद कलेक्टर करते हैं, आपदा प्रबंधन का पहला स्तर है। DDMA स्थानीय समस्याओं का समाधान करता है और आपातकालीन राहत कार्यों का संचालन करता है। 2021 के चमोली फ्लैश फ्लड्स के दौरान, DDMA ने तत्काल राहत, निकासी और पुनर्वास कार्यों का प्रभावी प्रबंधन किया।
हाल का उदाहरण: COVID-19 महामारी के दौरान, NDMA ने राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किए, राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय लागू किए, और जनपद प्राधिकरण ने कंटेनमेंट जोन का प्रबंधन किया।
निष्कर्ष: भारत का आपदा प्रबंधन ढांचा केंद्र, राज्य, और जनपद स्तरों पर एक समन्वित प्रणाली है, जो आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन और राहत कार्यों को सुनिश्चित करता है। इस ढांचे को निरंतर सुधार और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है।
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आपदा प्रबंधन में सरकार की भूमिका 1. नीति निर्माण और योजना: सरकार की प्राथमिक भूमिका आपदा प्रबंधन नीतियों और योजना के निर्माण में होती है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP) भारत में आपदा प्रबंधन की दिशा और रणनीतियों को निर्धारित करती है। 2. आपातकालीन सेवाएँ और राहत कार्य: सरकार आपातकRead more
आपदा प्रबंधन में सरकार की भूमिका
1. नीति निर्माण और योजना: सरकार की प्राथमिक भूमिका आपदा प्रबंधन नीतियों और योजना के निर्माण में होती है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP) भारत में आपदा प्रबंधन की दिशा और रणनीतियों को निर्धारित करती है।
2. आपातकालीन सेवाएँ और राहत कार्य: सरकार आपातकालीन सेवाएँ और राहत कार्य प्रदान करती है, जैसे कि उत्तराखंड बाढ़ (2013) के दौरान केंद्रीय और राज्य सरकारों ने तत्काल राहत कार्य और पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. संसाधन आवंटन और समन्वय: सरकार संसाधनों के आवंटन और सहयोगात्मक समन्वय सुनिश्चित करती है, जैसे कि COVID-19 महामारी के दौरान चिकित्सा आपूर्ति और टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए समन्वय और संसाधन आवंटित किए गए।
4. नियम और कानून: आपदा प्रबंधन के लिए नियम और कानून लागू करती है, जैसे कि आपदा प्रबंधन अधिनियम (2005), जो आपदा प्रबंधन के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
स्थानीय नागरिकों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता
1. त्वरित प्रतिक्रिया: स्थानीय नागरिकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आपदा के दौरान पहले संपर्क में होते हैं और तत्काल मदद कर सकते हैं। अग्निशामक प्रशिक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य वर्कशॉप्स ऐसे उदाहरण हैं जहाँ स्थानीय लोगों को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित किया गया है।
2. सशक्तिकरण और जागरूकता: स्थानीय नागरिकों को प्रशिक्षित करने से उनकी सशक्तिकरण और जागरूकता बढ़ती है। नेपाल भूकंप (2015) के बाद स्थानीय स्वयंसेवकों की भूमिका ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में सुधार किया।
3. प्रभावी नेटवर्क: स्थानीय प्रशिक्षण से सामुदायिक नेटवर्क और सहयोग बढ़ता है, जिससे आपदा के समय समुदाय आधारित प्रतिक्रिया अधिक प्रभावी होती है। स्वच्छ भारत मिशन ने स्थानीय समुदायों को स्वच्छता और आपदा प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया है।
निष्कर्ष: सरकार की भूमिका आपदा प्रबंधन में एक संरचनात्मक और समन्वयात्मक आधार प्रदान करती है, जबकि स्थानीय नागरिकों का प्रशिक्षण तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में सहायक होता है। दोनों के सहयोग से आपदा प्रबंधन की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया जा सकता है।
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