आपदा प्रबंधन के विभिन्न प्रकारों एवं कार्यों का उल्लेख कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
आपदाएँ और उनके प्रबंधन प्रकार: प्राकृतिक आपदाएँ: भूगर्भीय: भूकंप, ज्वालामुखी। मौसमी: चक्रवात, बाढ़, सूखा। जलवायु: हीटवेव, हिमस्खलन। मानव-निर्मित आपदाएँ: प्रौद्योगिकी: औद्योगिक दुर्घटनाएँ, परमाणु दुर्घटनाएँ। पर्यावरणीय: प्रदूषण, वनस्पति कटाई। सामाजिक: आतंकवाद, हिंसा। प्रबंधन: रूपरेखा और योजना: राष्ट्Read more
आपदाएँ और उनके प्रबंधन
प्रकार:
- प्राकृतिक आपदाएँ:
- भूगर्भीय: भूकंप, ज्वालामुखी।
- मौसमी: चक्रवात, बाढ़, सूखा।
- जलवायु: हीटवेव, हिमस्खलन।
- मानव-निर्मित आपदाएँ:
- प्रौद्योगिकी: औद्योगिक दुर्घटनाएँ, परमाणु दुर्घटनाएँ।
- पर्यावरणीय: प्रदूषण, वनस्पति कटाई।
- सामाजिक: आतंकवाद, हिंसा।
प्रबंधन:
- रूपरेखा और योजना: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) आपदा प्रबंधन के लिए नीतियाँ और योजनाएँ बनाते हैं।
- प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली: मौसम विभाग और जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा शुरुआती चेतावनी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जैसे बाढ़ पूर्वानुमान और भूकंप चेतावनी।
- प्रतिक्रिया और राहत: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) तत्काल सहायता प्रदान करता है और राहत कार्य के लिए संसाधन जुटाता है।
- पुनर्निर्माण और रिकवरी: आपदा के बाद पुनर्निर्माण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से प्रभावित लोगों की पुनर्वास प्रक्रिया को सहारा दिया जाता है।
इन प्रबंधन उपायों से भारत में आपदाओं के प्रभाव को कम किया जाता है और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता प्रदान की जाती है।
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आपदा प्रबंधन के विभिन्न प्रकार और कार्य 1. आपातकालीन प्रतिक्रिया: आपातकालीन प्रतिक्रिया का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी राहत प्रदान करना है। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड बाढ़ (2013) के दौरान, आपदा प्रबंधन दलों ने त्वरित राहत और बचाव कार्य किए। 2. आपदा की तैयारी: आपदा की तैयारी का उद्देशRead more
आपदा प्रबंधन के विभिन्न प्रकार और कार्य
1. आपातकालीन प्रतिक्रिया: आपातकालीन प्रतिक्रिया का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी राहत प्रदान करना है। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड बाढ़ (2013) के दौरान, आपदा प्रबंधन दलों ने त्वरित राहत और बचाव कार्य किए।
2. आपदा की तैयारी: आपदा की तैयारी का उद्देश्य आपदा से पूर्व योजना और तैयारी करना है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP) और सामुदायिक प्रशिक्षण इसके उदाहरण हैं, जो विभिन्न आपदाओं के लिए तैयारी सुनिश्चित करते हैं।
3. आपदा पुनर्वास: पुनर्वास का कार्य आपदा के बाद प्रभावित लोगों की स्थिति में सुधार करना है। गुजरात भूकंप (2001) के बाद, पुनर्वास प्रयासों ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और आवास की मरम्मत की।
4. आपदा जोखिम न्यूनीकरण: जोखिम न्यूनीकरण का उद्देश्य आपदा के प्रभाव को कम करना है। सीमांत क्षेत्रों में वृक्षारोपण और विपदाओं के प्रति जागरूकता अभियानों के माध्यम से जोखिम को कम किया जा सकता है।
5. आपदा की प्रतिक्रिया और राहत: आपदा की प्रतिक्रिया में त्वरित राहत, बचाव कार्य और प्रभावितों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना शामिल है। कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकारों और संगठनों ने तत्काल चिकित्सा सहायता और खाद्य वितरण किया।
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