प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] प्रकाशीय तन्तु (ऑप्टीकल फाइबर) में किस परिघटना का उपयोग किया जाता है?
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्Read more
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उनकी उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित करता है। यहाँ शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है, हाल के उदाहरणों के साथ:
1. उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता
- विवरण:
- इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य उन वैज्ञानिक शोध और योगदानों को मान्यता देना है जो महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं। यह पुरस्कार वैज्ञानिकों के असाधारण काम को सम्मानित करता है जो ज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नति लाते हैं।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. ममता चौधरी, जिन्होंने मेडिकल साइंसेज में अपनी उत्कृष्ट शोध के लिए पुरस्कार प्राप्त किया। उनकी खोजों ने भारत में स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, विशेषकर कैंसर के उपचार में।
2. वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित और बढ़ावा देना
- विवरण:
- शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखता है। पुरस्कार विजेताओं की मान्यता उन्हें और अधिक शोध करने के लिए प्रेरित करती है और अनुसंधान की दिशा में नई पहलों को जन्म देती है।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. आर. ए. मसहेलकर, जिन्हें रसायन विज्ञान और पॉलिमर विज्ञान में उनके योगदान के लिए पुरस्कार मिला। उनकी मान्यता ने भारत में रसायन और औद्योगिक अनुसंधान में नई दिशाओं को अनलॉक किया।
3. वैज्ञानिक करियर का समर्थन और उन्नति
- विवरण:
- यह पुरस्कार वैज्ञानिकों के करियर को समर्थन और मान्यता प्रदान करता है। पुरस्कार मिलने से वैज्ञानिकों को बढ़ी हुई फंडिंग, अनुसंधान सहयोग और पेशेवर उन्नति के अवसर मिलते हैं।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. वी. के. श्रीवास्तव, जिन्हें परमाणु भौतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उनकी मान्यता ने उन्हें और अधिक महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम करने का अवसर प्रदान किया।
4. राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना
- विवरण:
- पुरस्कार का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना है, और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के वैज्ञानिक योगदान को उजागर करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. रश्मि सरकार, जिन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए मान्यता प्राप्त हुई। उनके काम ने भारत को वैश्विक स्तर पर अनुसंधान और विकास में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।
5. सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना
- विवरण:
- पुरस्कार वैज्ञानिकों और संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है और ज्ञान साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देता है। यह पुरस्कार नेटवर्किंग और वैज्ञानिक सहयोग को सशक्त बनाता है।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. संदीप जोशी, जिन्हें जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कार मिला। उनकी मान्यता ने अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा दिया और ज्ञान के आदान-प्रदान में योगदान किया।
6. वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना
- विवरण:
- शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक होता है। यह पुरस्कार वैज्ञानिकों को उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करता है और आने वाली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रेरणा प्रदान करता है।
- हाल का उदाहरण:
- डॉ. सतीश धवन, जिन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया और पुरस्कार प्राप्त किया। उनकी उपलब्धियों ने भारतीय वैज्ञानिकों को प्रेरित किया और अनुसंधान के क्षेत्र में एक मजबूत आधार तैयार किया।
निष्कर्ष
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता देना, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, वैज्ञानिक करियर का समर्थन करना, राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना, सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना, और वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए एक सम्मानित मानक स्थापित करता है।
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प्रकाशीय तन्तु (ऑप्टीकल फाइबर) में किस परिघटना का उपयोग किया जाता है? परिचय प्रकाशीय तन्तु, जिन्हें ऑप्टीकल फाइबर भी कहा जाता है, आधुनिक संचार और नेटवर्किंग के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये तन्तु डेटा को उच्च गति और कम हानि के साथ लंबी दूरी तक भेजने में सक्षम होते हैं। इनकी कार्यप्रणाली एकRead more
प्रकाशीय तन्तु (ऑप्टीकल फाइबर) में किस परिघटना का उपयोग किया जाता है?
परिचय
प्रकाशीय तन्तु, जिन्हें ऑप्टीकल फाइबर भी कहा जाता है, आधुनिक संचार और नेटवर्किंग के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये तन्तु डेटा को उच्च गति और कम हानि के साथ लंबी दूरी तक भेजने में सक्षम होते हैं। इनकी कार्यप्रणाली एक विशिष्ट भौतिक परिघटना पर आधारित है। इस उत्तर में, हम इस परिघटना को समझेंगे और इसके आधुनिक अनुप्रयोगों पर चर्चा करेंगे।
1. कुल आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
2. ऑप्टिकल फाइबर की संरचना
3. ऑप्टिकल फाइबर के अनुप्रयोग
4. ऑप्टिकल फाइबर के लाभ
निष्कर्ष
प्रकाशीय तन्तुओं में कुल आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) का उपयोग किया जाता है, जो इन तन्तुओं को लंबे दूरी तक डेटा ट्रांसमिट करने में सक्षम बनाता है। यह परिघटना ऑप्टिकल फाइबर की डिजाइन और इसके अनुप्रयोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। UPSC Mains aspirants के लिए, इस परिघटना की गहरी समझ आधुनिक संचार और डेटा प्रौद्योगिकी में उसके महत्व को स्पष्ट करती है।
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