प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य क्या है?
आधुनिक आवर्त्त नियम परिचय आधुनिक आवर्त्त नियम रसायनशास्त्र में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो तत्वों के गुणधर्मों के व्यवस्थित अध्ययन को समझने में सहायता करता है। यह नियम तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के आधार पर आवर्त सारणी में व्यवस्थित करता है और उनके गुणधर्मों में आवर्तकता को स्पष्ट करता है। परिभाषRead more
आधुनिक आवर्त्त नियम
परिचय
आधुनिक आवर्त्त नियम रसायनशास्त्र में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो तत्वों के गुणधर्मों के व्यवस्थित अध्ययन को समझने में सहायता करता है। यह नियम तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के आधार पर आवर्त सारणी में व्यवस्थित करता है और उनके गुणधर्मों में आवर्तकता को स्पष्ट करता है।
परिभाषा
आधुनिक आवर्त्त नियम कहता है:
- “तत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांक के एक आवर्ती कार्य होते हैं।”
इसका तात्पर्य है कि जब तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है, तो उनके रासायनिक और भौतिक गुणधर्म आवर्तक पैटर्न प्रदर्शित करते हैं।
मुख्य अवधारणाएँ
- परमाणु क्रमांक का आधार
- परमाणु क्रमांक: आधुनिक आवर्त्त नियम के अनुसार, तत्वों को उनकी परमाणु क्रमांक के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है, न कि उनके परमाणु द्रव्यमान के अनुसार।
- क्रमबद्धता: आवर्त सारणी में तत्वों की स्थिति उनके परमाणु क्रमांक द्वारा निर्धारित होती है।
- उदाहरण: आवर्त सारणी में हाइड्रोजन (परमाणु क्रमांक 1) से शुरू होकर, हीलियम (परमाणु क्रमांक 2), लिथियम (परमाणु क्रमांक 3) आदि तक जारी रहती है।
- आवर्तक गुणधर्म
- आवर्तक रुझान: आवर्त सारणी में तत्वों के गुणधर्म जैसे कि परमाणु त्रिज्या, आयनीकरण ऊर्जा, और इलेक्ट्रोनगैटिविटी में आवर्तक पैटर्न दिखाई देते हैं। ये गुणधर्म आवर्ती रूप से प्रदर्शित होते हैं जब एक तत्व को अवधारित काल के दौरान क्रमबद्ध किया जाता है।
- उदाहरण: आवर्त सारणी में एक अवधि के दौरान दाएँ से बाएँ जाते समय परमाणु त्रिज्या घटती है, जबकि एक समूह के भीतर नीचे की ओर जाते समय बढ़ती है।
- आवर्त सारणी की संरचना
- अवधियाँ और समूह: आवर्त सारणी पंक्तियों (अवधियाँ) और स्तंभों (समूहों) में व्यवस्थित की जाती है। समान समूह में तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक संयोजन के समान होने के कारण उनके रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
- उदाहरण: क्षारीय धातुएं (समूह 1) जैसे सोडियम (Na) और पोटैशियम (K) पानी के साथ समान प्रतिक्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं, जबकि नॉटेबल गैसें (समूह 18) जैसे नीयन (Ne) और आर्गन (Ar) रासायनिक दृष्टि से अक्रिय होते हैं।
हालिया उदाहरण
- नई तत्वों की खोज
- ओगानेसन (Og): परमाणु क्रमांक 118 वाला ओगानेसन आधुनिक आवर्त्त नियम की प्रासंगिकता को दर्शाता है। इसकी विशेषताएँ और आवर्त सारणी में इसका स्थान तत्वों के गुणधर्मों को भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
- प्रौद्योगिकी में आवर्तक रुझान
- लैंथेनाइड्स और एक्टिनाइड्स: तत्वों के आवर्तक गुणधर्म सामग्री विज्ञान में अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, लैंथेनाइड्स और एक्टिनाइड्स का उपयोग उच्च प्रदर्शन वाले मैग्नेट और परमाणु ईंधन बनाने में किया जाता है।
- रासायनिक प्रतिक्रियाएँ
- संविधान धातुएं: तत्वों की आवर्तक रुझानों जैसे कि आयनीकरण अवस्था और उत्प्रेरक गुणधर्म, औद्योगिक प्रक्रियाओं और प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, आयरन (Fe) की विशेषताएँ स्टील निर्माण में उपयोग की जाती हैं।
निष्कर्ष
आधुनिक आवर्त्त नियम, जो परमाणु क्रमांक पर आधारित है, तत्वों के गुणधर्मों की प्रणालीबद्ध समझ प्रदान करता है और आवर्त सारणी के संगठन को समझाने में मदद करता है। हालिया अनुसंधान और खोजें इस नियम की प्रासंगिकता को पुष्टि करती हैं और इसके वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय अनुप्रयोगों को उजागर करती हैं। UPSC Mains aspirants के लिए, इस नियम की गहरी समझ रसायनशास्त्र की बुनियादी अवधारणाओं और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के ज्ञान में सहायक होती है।
See less
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्Read more
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उनकी उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित करता है। यहाँ शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है, हाल के उदाहरणों के साथ:
1. उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता
2. वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित और बढ़ावा देना
3. वैज्ञानिक करियर का समर्थन और उन्नति
4. राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना
5. सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना
6. वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना
निष्कर्ष
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता देना, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, वैज्ञानिक करियर का समर्थन करना, राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना, सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना, और वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए एक सम्मानित मानक स्थापित करता है।
See less