Answer the question in maximum 50 words/5 to 6 lines. This question carries 05 marks. [MPPSC 2023] Describe any of the five corruption types that the Central Vigilance Commission has found.
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन: अनुमोदन और महत्व संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन का अवलोकन संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन (United Nations Convention against Corruption - UNCAC) एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचा है, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने और उसकी जांच करनेRead more
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन: अनुमोदन और महत्व
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन का अवलोकन
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन (United Nations Convention against Corruption – UNCAC) एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचा है, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने और उसकी जांच करने के लिए स्थापित किया गया है। यह सम्मेलन भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक सहयोग और प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
अनुमोदन का वर्ष
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन को 2003 में अपनाया गया। यह सम्मेलन पारंपरिक भ्रष्टाचार की कई प्रकार की गतिविधियों और इसके दुष्परिणामों को लक्षित करता है, और वैश्विक स्तर पर प्रभावी कदम उठाने के लिए सदस्य देशों को प्रेरित करता है।
मुख्य विशेषताएँ और उद्देश्य
- भ्रष्टाचार की रोकथाम:
- सम्मेलन ने भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए कई प्रमुख उपायों की सिफारिश की है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की पारदर्शिता, राजनीतिक दान की निगरानी और सरकारी प्रक्रिया की पारदर्शिता शामिल है।
- अनुप्रयुक्त दायित्व और सहयोग:
- UNCAC सदस्य देशों को भ्रष्टाचार से संबंधित अपराधों की परिभाषा और उन्हें दंडित करने के लिए कानूनी ढांचे को लागू करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- सम्मेलन ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाए हैं, ताकि भ्रष्टाचार के मामलों में सीमा पार सहयोग किया जा सके।
- नागरिक समाज की भागीदारी:
- नागरिक समाज और मीडिया की भूमिका को मान्यता देते हुए, UNCAC ने पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित किया है।
हाल के उदाहरण और केस स्टडीज
- भारत की पहल:
- भारत ने UNCAC को अपनाया और इसके अनुशासन के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उदाहरणस्वरूप, प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने UNCAC के दिशानिर्देशों के आधार पर कई भ्रष्टाचार विरोधी कार्यवाहियाँ की हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- UNCAC के प्रभावी कार्यान्वयन के तहत, देशों ने क्रॉस-बॉर्डर प्रिवेंशन और एक्स्ट्राडिशन के मामलों में सहयोग किया है। मलेशिया और सिंगापुर के बीच भ्रष्टाचार के मामलों में सहयोग इसका एक अच्छा उदाहरण है।
- वैश्विक समावेशिता:
- वर्ल्ड बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी वैश्विक संस्थाएँ UNCAC के दिशा-निर्देशों को अपनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ उपायों को लागू कर रही हैं।
निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन को 2003 में अपनाया गया था, और यह वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानूनी और नैतिक ढांचा प्रदान करता है। सम्मेलन के उद्देश्य में भ्रष्टाचार की रोकथाम, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, और पारदर्शिता बढ़ाना शामिल है। हाल के वर्षों में, UNCAC ने भ्रष्टाचार विरोधी वैश्विक प्रयासों में एक मजबूत आधार प्रदान किया है और कई देशों ने इसके दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रभावी कार्यवाही की है।
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Forms of Corruption Identified by Central Vigilance Commission Introduction The Central Vigilance Commission (CVC) plays a pivotal role in combating corruption within the Indian government. It identifies and addresses various forms of corruption that undermine public trust and efficiency. UnderstandRead more
Forms of Corruption Identified by Central Vigilance Commission
Introduction
The Central Vigilance Commission (CVC) plays a pivotal role in combating corruption within the Indian government. It identifies and addresses various forms of corruption that undermine public trust and efficiency. Understanding these forms is crucial for developing effective strategies to combat corruption.
1. Bribery
2. Embezzlement
3. Nepotism and Favoritism
4. Extortion
5. Fraud
Conclusion
Understanding these five forms of corruption—bribery, embezzlement, nepotism and favoritism, extortion, and fraud—is essential for the Central Vigilance Commission’s efforts to promote transparency and accountability. Recent examples illustrate the persistent challenges posed by these forms of corruption and underscore the importance of effective anti-corruption measures.
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