Answer the question in maximum 50 words/5 to 6 lines. This question carries 05 marks. [MPPSC 2023] Describe any of the five corruption types that the Central Vigilance Commission has found.
लोकपाल की अवधारणा लोकपाल एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है जिसका उद्देश्य भारत में सरकारी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच और निर्णय करना है। इसका गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी तंत्र के रूप में किया गया है। प्रारंभिक सुझाव लोकपाल की स्थापना का सुझाव सबसे पहले राजीवRead more
लोकपाल की अवधारणा
लोकपाल एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है जिसका उद्देश्य भारत में सरकारी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच और निर्णय करना है। इसका गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी तंत्र के रूप में किया गया है।
प्रारंभिक सुझाव
लोकपाल की स्थापना का सुझाव सबसे पहले राजीव गांधी ने दिया था। 1960 के दशक में, भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सरकारी अधिकारियों और नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक स्वतंत्र और प्रभावी निगरानी तंत्र की आवश्यकता को महसूस किया। उनकी पहल ने इस विचार को बल प्रदान किया कि एक ऐसी संस्था की स्थापना की जाए जो सरकारी भ्रष्टाचार की जांच और उसे समाप्त करने के लिए कार्य करे।
महत्वपूर्ण घटनाक्रम
- राजीव गांधी का सुझाव:
- राजीव गांधी ने लोकपाल की अवधारणा का प्रस्ताव 1968 में किया था। उनका उद्देश्य था कि एक ऐसा संस्थान बनाया जाए जो सरकारी भ्रष्टाचार की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर सके।
- लोकपाल बिल का पहला प्रयास:
- 1971 में, भारतीय सरकार ने लोकपाल की स्थापना के लिए पहला विधेयक पेश किया, लेकिन यह विधेयक पारित नहीं हो सका। इस विधेयक की अस्वीकृति के बावजूद, लोकपाल की अवधारणा की आवश्यकता पर जोर लगातार जारी रहा।
- हाल की पहल और बदलाव:
- 2011 में, अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने लोकपाल की स्थापना की मांग को नई शक्ति प्रदान की। इस आंदोलन के बाद, लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक को 2013 में संसद द्वारा पारित किया गया। इसके तहत, लोकपाल की स्थापना की गई और यह एक संवैधानिक संस्था के रूप में कार्य करने लगी।
हाल के उदाहरण
- लोकपाल की स्थापना:
- 2019 में, भारत सरकार ने नकुल दिग्गज को पहले लोकपाल के रूप में नियुक्त किया, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने और न्यायपूर्ण निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हैं। इस नियुक्ति ने लोकपाल की संस्थागत प्रभावशीलता को वास्तविकता में परिणत किया।
- समाचार में लोकपाल की गतिविधियाँ:
- हाल ही में, लोकपाल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच की और कई सुधारात्मक कदम उठाए। इसने सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निष्कर्ष
लोकपाल की स्थापना का सुझाव सबसे पहले राजीव गांधी ने दिया था, जिन्होंने सरकारी भ्रष्टाचार की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र और प्रभावी तंत्र की आवश्यकता को महसूस किया। उनके प्रस्ताव के आधार पर, बाद में लोकपाल की स्थापना की गई, जो अब भ्रष्टाचार की रोकथाम और सरकारी पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लोकपाल की वर्तमान कार्यशैली और सक्रियता ने इसे एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था बना दिया है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर प्रयास करती है।
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Forms of Corruption Identified by Central Vigilance Commission Introduction The Central Vigilance Commission (CVC) plays a pivotal role in combating corruption within the Indian government. It identifies and addresses various forms of corruption that undermine public trust and efficiency. UnderstandRead more
Forms of Corruption Identified by Central Vigilance Commission
Introduction
The Central Vigilance Commission (CVC) plays a pivotal role in combating corruption within the Indian government. It identifies and addresses various forms of corruption that undermine public trust and efficiency. Understanding these forms is crucial for developing effective strategies to combat corruption.
1. Bribery
2. Embezzlement
3. Nepotism and Favoritism
4. Extortion
5. Fraud
Conclusion
Understanding these five forms of corruption—bribery, embezzlement, nepotism and favoritism, extortion, and fraud—is essential for the Central Vigilance Commission’s efforts to promote transparency and accountability. Recent examples illustrate the persistent challenges posed by these forms of corruption and underscore the importance of effective anti-corruption measures.
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