“वंचितों के विकास और कल्याण की योजनाएं अपनी प्रकृति से ही दृष्टिकोण में भेदभाव करने वाली होती हैं।” क्या आप सहमत हैं ? अपने उत्तर के पक्ष में कारण दीजिए । (250 words) [UPSC 2023]
भारत में राज्य विधायिकाओं में महिलाओं की प्रभावी और सार्थक भागीदारी तथा प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में नागरिक समाज समूहों (सीएसओ) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है: साधन और समर्थन विधायी सुधारों के लिए अभियान: नागरिक समाज समूह महिलाओं की राजनीतिकRead more
भारत में राज्य विधायिकाओं में महिलाओं की प्रभावी और सार्थक भागीदारी तथा प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में नागरिक समाज समूहों (सीएसओ) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
साधन और समर्थन
- विधायी सुधारों के लिए अभियान: नागरिक समाज समूह महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विधायी सुधारों की मांग करते हैं। विशेष रूप से, उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में अभियान चलाया है, जो राज्य विधायिकाओं में 33% सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव करता है।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: ये समूह महिलाओं को राजनीतिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिसमें सार्वजनिक भाषण, अभियान प्रबंधन, और नीति निर्माण जैसे कौशल शामिल हैं। यह प्रशिक्षण महिलाओं को आत्म-विश्वास और प्रभावी नेतृत्व की दिशा में सक्षम बनाता है।
साक्षरता और जागरूकता
- जागरूकता अभियानों का आयोजन: नागरिक समाज समूह महिलाओं को उनके राजनीतिक अधिकारों और भागीदारी के महत्व के बारे में जागरूक करते हैं। ये अभियान महिलाओं को चुनाव और विधायिका में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।
- समर्थन नेटवर्क: वे महिला नेताओं के लिए समर्थन नेटवर्क स्थापित करते हैं, जिसमें मेंटरशिप और मार्गदर्शन शामिल है। यह समर्थन सामाजिक बाधाओं और लिंग भेदभाव को पार करने में मदद करता है।
निगरानी और पारदर्शिता
- चुनाव प्रक्रिया की निगरानी: नागरिक समाज समूह चुनाव प्रक्रियाओं की निगरानी करते हैं ताकि महिलाओं उम्मीदवारों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष और समावेशी हों।
- लिंग संवेदनशील नीतियों की वकालत: ये समूह लिंग आधारित मुद्दों पर नीतिगत बदलावों की वकालत करते हैं, जैसे कि महिला हिंसा और समान अवसर, जिससे महिला विधायकों के लिए अनुकूल वातावरण बन सके।
ग्रासरूट्स गतिविधियाँ
- ग्रासरूट्स समर्थन का निर्माण: नागरिक समाज समूह महिलाओं के लिए ग्रासरूट्स समर्थन तैयार करते हैं, जो उन्हें वोटर समर्थन और दृश्यता प्राप्त करने में मदद करता है।
इन प्रयासों के माध्यम से, नागरिक समाज समूह महिलाओं की राज्य विधायिकाओं में भागीदारी को बढ़ावा देने और एक अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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वंचितों के विकास और कल्याण की योजनाएं अपनी प्रकृति से ही दृष्टिकोण में भेदभाव करने वाली होती हैं," इस विचार से सहमत होने के कई कारण हैं। 1. विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति: वंचित वर्गों के लिए बनाई गई योजनाएं सामान्य योजनाओं से भिन्न होती हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य विशिष्ट सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को दRead more
वंचितों के विकास और कल्याण की योजनाएं अपनी प्रकृति से ही दृष्टिकोण में भेदभाव करने वाली होती हैं,” इस विचार से सहमत होने के कई कारण हैं।
1. विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति: वंचित वर्गों के लिए बनाई गई योजनाएं सामान्य योजनाओं से भिन्न होती हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य विशिष्ट सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को दूर करना होता है। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष आरक्षण, सब्सिडी, और अन्य सहायता योजनाएं बनती हैं। ये योजनाएं सामान्य वर्ग के लिए उपलब्ध साधनों और अवसरों से अलग होती हैं, ताकि वंचित वर्ग को उनकी स्थिति के आधार पर समान अवसर प्राप्त हो सकें।
2. समानता की ओर कदम: वंचित वर्गों के लिए विशेष योजनाओं का उद्देश्य समानता प्राप्त करना होता है। यदि ये योजनाएं सामान्य वर्ग के लिए समान होतीं, तो वंचित वर्ग की विशिष्ट समस्याएं और आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पातीं। उदाहरण के लिए, एक सामान्य शिक्षा नीति सभी बच्चों को एक समान शिक्षा देने का प्रयास करती है, लेकिन वंचित वर्ग के बच्चों के लिए अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता होती है, जैसे कि निःशुल्क शिक्षा, किताबें, और अन्य संसाधन।
3. प्रभावशीलता में अंतर: विशेष योजनाएं उन लोगों तक पहुँचती हैं जिन्हें सामान्य योजनाओं से लाभ नहीं होता। इन योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन वंचित वर्ग की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जाती हैं, जिससे उनकी प्रभावशीलता में सुधार होता है।
4. समान अवसरों की स्थापना: वंचित वर्ग के लिए विशेष योजनाएं उनके सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आवश्यक हैं। यह दृष्टिकोण भेदभावपूर्ण नहीं होता, बल्कि असमानता को दूर करने का प्रयास होता है, ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकें।
इन कारणों से, वंचितों के विकास और कल्याण के लिए बनाई गई योजनाएं अक्सर दृष्टिकोण में भेदभावपूर्ण लगती हैं, लेकिन उनका उद्देश्य असल में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना होता है।
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