स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में गरीबी आय और उत्पादक संसाधनों की कमी से अधिक बाधक है। इस संदर्भ में, भारत में मौजूद गरीबी की गतिशील प्रकृति पर चर्चा कीजिए और इस समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाए ...
गरीबी और भूख के मूल कारण 1. असमानता और बेरोजगारी: आय और संसाधनों के असमान वितरण के कारण गरीब समुदायों की स्थिति बदतर होती है। बेरोजगारी से आय का अभाव और खाद्य असुरक्षा बढ़ती है। 2. शिक्षा और कौशल की कमी: अशिक्षा और कौशल की कमी के कारण लोग अच्छी नौकरियां प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, जिससे गरीबीRead more
गरीबी और भूख के मूल कारण
1. असमानता और बेरोजगारी:
आय और संसाधनों के असमान वितरण के कारण गरीब समुदायों की स्थिति बदतर होती है। बेरोजगारी से आय का अभाव और खाद्य असुरक्षा बढ़ती है।
2. शिक्षा और कौशल की कमी:
अशिक्षा और कौशल की कमी के कारण लोग अच्छी नौकरियां प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, जिससे गरीबी और भूख बढ़ती है।
3. कृषि में कमी:
कृषि में सुधार न होने से खाद्य उत्पादन में कमी होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भूख और गरीबी बढ़ती है।
सरकारी नीतियां
1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY):
इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जाता है। इसे 2023 तक बढ़ाया गया है।
2. मनरेगा:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाकर गरीबी को कम किया जा रहा है।
3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि:
इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे उनकी आय बढ़ती है और भूख की समस्या को कम किया जा सके।
भारत में गरीबी की गतिशील प्रकृति एक जटिल समस्या है, जो केवल आय और उत्पादक संसाधनों की कमी से अधिक गहरी है। गरीबी की गतिशीलता का अर्थ है कि गरीब लोगों की स्थिति केवल आर्थिक संसाधनों की कमी से नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और संस्थागत कारकों द्वारा भी प्रभावित होती है। गरीबी की गतिशील प्रकृति: सामाजRead more
भारत में गरीबी की गतिशील प्रकृति एक जटिल समस्या है, जो केवल आय और उत्पादक संसाधनों की कमी से अधिक गहरी है। गरीबी की गतिशीलता का अर्थ है कि गरीब लोगों की स्थिति केवल आर्थिक संसाधनों की कमी से नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और संस्थागत कारकों द्वारा भी प्रभावित होती है।
गरीबी की गतिशील प्रकृति:
समाधान के उपाय:
इन उपायों के बावजूद, गरीबी का समाधान एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समानता और प्रशासनिक सुधारों को एकीकृत रूप से लागू करना होगा। इन क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों से ही गरीबी को स्थायी रूप से समाप्त किया जा सकता है।
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