अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की चर्चा कीजिए। इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक हुआ है? (200 words) [UPSC 2016]
भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 भारत में एक सशक्त, नवाचारी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष पारितंत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन सकती है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाना, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना हैRead more
भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 भारत में एक सशक्त, नवाचारी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष पारितंत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन सकती है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाना, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है।
पहले, यह नीति भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास में नवाचार को बढ़ावा देती है, जिससे नई प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं का विकास संभव होता है। इसके अलावा, यह नीति निजी क्षेत्र के लिए अवसर प्रदान करती है, जिससे कंपनियाँ अंतरिक्ष से संबंधित सेवाओं और उत्पादों में निवेश कर सकें और प्रतिस्पर्धी बन सकें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह नीति भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए सुसज्जित करती है, सहयोग और साझेदारी के माध्यम से अपने अंतरिक्ष मिशनों की प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
इस प्रकार, भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 भारत के अंतरिक्ष पारितंत्र को सशक्त और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ 1. प्रमुख उपलब्धियाँ: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र: भारत ने आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से अनेक सफल उपग्रह प्रक्षेपण किए हैं। चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्रमा मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी के संकेतों की खोज कीRead more
भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ
1. प्रमुख उपलब्धियाँ:
2. सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक:
इन उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाया और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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