अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की चर्चा कीजिए। इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक हुआ है? (200 words) [UPSC 2016]
अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी (नैनोटेक्नोलॉजी) का महत्व 1. 21वीं शताब्दी की प्रमुख प्रौद्योगिकी: अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी, जिसमें 1 से 100 नैनोमीटर के बीच के आयामों पर सामग्री और उपकरणों की निर्मिति होती है, वास्तव में क्रांतिकारी है। इसके कारण, नैनोटेक्नोलॉजी में निम्नलिखित विशेषताएँ हैं: सटीकता और दक्षताRead more
अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी (नैनोटेक्नोलॉजी) का महत्व
1. 21वीं शताब्दी की प्रमुख प्रौद्योगिकी:
अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी, जिसमें 1 से 100 नैनोमीटर के बीच के आयामों पर सामग्री और उपकरणों की निर्मिति होती है, वास्तव में क्रांतिकारी है। इसके कारण, नैनोटेक्नोलॉजी में निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
- सटीकता और दक्षता: यह अत्यधिक सटीकता से सामग्री को संशोधित कर सकती है, जिससे नई भौतिक और रासायनिक विशेषताएँ उत्पन्न होती हैं।
- विविध अनुप्रयोग: चिकित्सा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, और पर्यावरण में नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग नवीन समाधान प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, नैनो-ड्रग डिलीवरी सिस्टम रोगों के इलाज को अधिक प्रभावी और सटीक बनाते हैं।
2. भारत सरकार के मिशन की प्रमुख विशेषताएँ:
- नैशनल मिशन ऑन नैनोसाइंसेज एंड नैनोटेक्नोलॉजी (NMNN): भारत सरकार का यह मिशन अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करता है और सुपरकम्प्यूटिंग जैसी सुविधाओं की स्थापना करता है।
- वित्तीय सहायता: अनुसंधान परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: विशेषज्ञों और अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान की जाती है।
3. विकास में अनुप्रयोग:
- स्वास्थ्य: नैनो-चिकित्सा और डायग्नोस्टिक टूल्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार।
- कृषि: नैनो-पेस्टिसाइड्स और नैनो-फर्टिलाइज़र्स से फसल उत्पादकता और वृक्षारोपण में सहायता।
- ऊर्जा: सोलर पैनल और एनर्जी स्टोरेज में नैनो-मैटेरियल्स का उपयोग ऊर्जा दक्षता को बढ़ाता है।
- पर्यावरण: जल और वायु प्रदूषण के नियंत्रण में नैनो-टेक्नोलॉजी का योगदान।
इस प्रकार, नैनोटेक्नोलॉजी ने भारत के विकास को प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से संजीवनी दी है।
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भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ 1. प्रमुख उपलब्धियाँ: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र: भारत ने आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से अनेक सफल उपग्रह प्रक्षेपण किए हैं। चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्रमा मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी के संकेतों की खोज कीRead more
भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ
1. प्रमुख उपलब्धियाँ:
2. सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक:
इन उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाया और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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