भारतीय समाज पारम्परिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता कैसे बनाए रखता है ? इनमें होने वाले परिवर्तनों का विवरण दीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
भारत में आन्तरिक मानव प्रवास के कारण: आर्थिक अवसर: ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी केंद्रों की ओर प्रवास का प्रमुख कारण बेहतर रोजगार के अवसर और उच्च वेतन की खोज है। औद्योगिकीकरण और सेवा क्षेत्रों का विकास लोगों को शहरों की ओर आकर्षित करता है। शैक्षिक अवसर: उच्च शिक्षा और विशेष प्रशिक्षण के लिए छात्रों औरRead more
भारत में आन्तरिक मानव प्रवास के कारण:
- आर्थिक अवसर: ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी केंद्रों की ओर प्रवास का प्रमुख कारण बेहतर रोजगार के अवसर और उच्च वेतन की खोज है। औद्योगिकीकरण और सेवा क्षेत्रों का विकास लोगों को शहरों की ओर आकर्षित करता है।
- शैक्षिक अवसर: उच्च शिक्षा और विशेष प्रशिक्षण के लिए छात्रों और पेशेवरों का शहरों या शैक्षिक केंद्रों की ओर प्रवास होता है, जहाँ बेहतर सुविधाएँ और अवसर उपलब्ध होते हैं।
- कृषि संकट: खराब कृषि उत्पादकता, भूमि की बर्बादी और अपर्याप्त सिंचाई के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन होता है, क्योंकि लोग बेहतर आजीविका की तलाश में होते हैं।
- प्राकृतिक आपदाएँ: बाढ़, सूखा और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियाँ लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों की ओर प्रवास के लिए मजबूर करती हैं।
- राजनीतिक और सामाजिक कारक: आंतरिक संघर्ष, जातिगत हिंसा और सामाजिक भेदभाव भी प्रवास के कारण बनते हैं, क्योंकि लोग सुरक्षा और स्थिरता की तलाश करते हैं।
आन्तरिक मानव प्रवास के परिणाम:
- शहरीकरण: शहरी क्षेत्रों की वृद्धि होती है, जिससे नगरों का विस्तार और स्लम विकास जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
- आर्थिक विकास: प्रवास श्रम बल की आपूर्ति में योगदान करता है, लेकिन रोजगार और संसाधन वितरण में असंतुलन उत्पन्न कर सकता है।
- सामाजिक परिवर्तन: प्रवासियों को सामाजिक समन्वय और सांस्कृतिक समायोजन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे सामाजिक तनाव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों होता है।
- क्षेत्रीय असमानताएँ: शहरी क्षेत्रों में समृद्धि बढ़ती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या में कमी और आर्थिक गतिविधियों में कमी होती है।
- सेवाओं पर दबाव: शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या के कारण आवास, स्वास्थ्य देखभाल और शैक्षिक सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे सार्वजनिक संसाधनों की कमी हो सकती है।
इस प्रकार, आन्तरिक मानव प्रवास भारत की सामाजिक और आर्थिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है, जिससे शहरीकरण, आर्थिक विकास, और क्षेत्रीय असमानताएँ उत्पन्न होती हैं।
See less
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता बनाए रखना और उनके परिवर्तनों का विवरण पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता: संस्कार और परंपराएँ: भारतीय समाज में पारंपरिक संस्कार और परंपराएँ जैसे कि अतिथि देवो भवः, परिवार की केंद्रीय भूमिका, और आध्यात्मिकता को विशेष महत्व दिया जाता है। ये मूल्य पीRead more
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता बनाए रखना और उनके परिवर्तनों का विवरण
पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में निरंतरता:
पारंपरिक मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों का विवरण:
निष्कर्ष:
भारतीय समाज पारंपरिक सामाजिक मूल्यों को निरंतर बनाए रखता है, जो संस्कार, धार्मिक आयोजनों, और संस्थागत परंपराओं के माध्यम से संभव होता है। हालांकि, आर्थिक और सामाजिक बदलाव, महिलाओं का सशक्तिकरण, तकनीकी प्रगति, और धार्मिक-सांस्कृतिक विविधता के चलते इन मूल्यों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा रहे हैं। इन परिवर्तनों के साथ संतुलन बनाए रखना और समकालीन संदर्भ में पारंपरिक मूल्यों को पुनर्निर्मित करना भारतीय समाज के लिए एक चुनौती है।
See less