वैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? क्या आप सोचते हैं कि उनमें से कुछ विशेषताएँ भारतीय समाज में अभी भी प्रचलित हैं? (250 words) [UPSC 2023]
भारत में हालिया विवाह प्रवृत्तियाँ बदलती सामाजिक मान्यताओं को दर्शाती हैं। पारंपरिक arranged विवाह के साथ-साथ लव मैरिज और इंटर-कास्ट/इंटर-रिलिजन विवाह में वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही, विवाह की उम्र बढ़ी है और कई लोग करियर और शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। समलैंगिक विवाह के कानूनी समर्थन को मौलिRead more
भारत में हालिया विवाह प्रवृत्तियाँ बदलती सामाजिक मान्यताओं को दर्शाती हैं। पारंपरिक arranged विवाह के साथ-साथ लव मैरिज और इंटर-कास्ट/इंटर-रिलिजन विवाह में वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही, विवाह की उम्र बढ़ी है और कई लोग करियर और शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।
समलैंगिक विवाह के कानूनी समर्थन को मौलिक महत्व का मुद्दा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बुनियादी अधिकारों से जुड़ा है। भारत में समलैंगिक संबंधों को अभी पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, जो LGBTQ+ समुदाय की पहचान और अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
समान विवाह अधिकार का कानूनी समर्थन केवल समानता के सिद्धांत को ही नहीं, बल्कि संविधान द्वारा सुनिश्चित किए गए मौलिक अधिकारों को भी मजबूत करता है। यह समलैंगिक समुदाय को समाज में सम्मान और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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वैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ: धार्मिक ग्रंथ: वैदिक समाज का आधार वेदों पर था, जिनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद शामिल हैं। वेद धार्मिक, दार्शनिक और सामाजिक ज्ञान का संग्रह थे, जो वेदांत और उपनिषदों के रूप में विकसित हुए। धार्मिक अनुष्ठान: वैदिक धर्म में यज्ञ, हवन और अनुष्ठान प्रमुखRead more
वैदिक समाज और धर्म की मुख्य विशेषताएँ:
आधुनिक भारतीय समाज में प्रचलित विशेषताएँ:
इन विशेषताओं का प्रभाव भारतीय समाज पर पड़ा है, हालांकि आधुनिक परिवर्तनों और संविधानिक सुधारों ने इनमें बदलाव किया है।
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