भारत में नगरीय जीवन की गुणता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ, ‘स्मार्ट नगर कार्यक्रम’ के उद्देश्य और रणनीति बताइए। (200 words) [UPSC 2016]
गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक अनिवार्य शर्त यह है कि गरीबों को वंचितता के प्रक्रम से विमुक्त किया जाए। वंचितता का अर्थ है संसाधनों, अवसरों, और सेवाओं की कमी, जो गरीबों को गरीबी के चक्र में फँसा कर रखती है। इस चक्र को तोड़ना और गरीबों को सशक्त बनाना गरीबी उन्मूलन के लिए आवश्यक है। उदाहरण 1: शिक्षा औरRead more
गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक अनिवार्य शर्त यह है कि गरीबों को वंचितता के प्रक्रम से विमुक्त किया जाए। वंचितता का अर्थ है संसाधनों, अवसरों, और सेवाओं की कमी, जो गरीबों को गरीबी के चक्र में फँसा कर रखती है। इस चक्र को तोड़ना और गरीबों को सशक्त बनाना गरीबी उन्मूलन के लिए आवश्यक है।
उदाहरण 1: शिक्षा और कौशल विकास
भारत में कई क्षेत्रों में शिक्षा और कौशल विकास की कमी के कारण लोग बेहतर रोजगार के अवसरों से वंचित रहते हैं। सरकार द्वारा चलाए गए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को आवश्यक कौशल प्रदान करके उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। इस प्रकार, वंचित लोगों को उनकी शिक्षा और कौशल की कमी से मुक्त करके, उन्हें गरीबी से बाहर निकलने का मौका मिलता है।
उदाहरण 2: वित्तीय समावेशन
गरीबों को आर्थिक वंचितता से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) जैसी पहलें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस योजना के माध्यम से लाखों लोगों के बैंक खाते खोले गए, जिससे उन्हें वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिली। इससे गरीब लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल हो सके, जिससे उन्हें बचत, ऋण, और बीमा जैसी सेवाओं का लाभ मिल सका।
उदाहरण 3: सामाजिक सुरक्षा
गरीबों को सामाजिक वंचितता से मुक्त करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) जैसी योजनाएं लागू की गई हैं। इस योजना के तहत गरीबों को रोजगार का अधिकार दिया गया, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई और उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिली।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि गरीबी उन्मूलन के लिए वंचितता के प्रक्रम से मुक्त करना अनिवार्य है। जब गरीबों को शिक्षा, कौशल, वित्तीय सेवाओं, और सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच मिलती है, तो वे गरीबी के चक्र से बाहर निकल सकते हैं, जिससे गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
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भारत में नगरीय जीवन की गुणवत्ता समय के साथ विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। तीव्र शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, यातायात जाम, प्रदूषण, और अनियंत्रित शहरी विस्तार ने नगरीय जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। शहरी क्षेत्रों में सेवाओं की असमानता, स्वच्छता की कमी, और सुरक्षाRead more
भारत में नगरीय जीवन की गुणवत्ता समय के साथ विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। तीव्र शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, यातायात जाम, प्रदूषण, और अनियंत्रित शहरी विस्तार ने नगरीय जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। शहरी क्षेत्रों में सेवाओं की असमानता, स्वच्छता की कमी, और सुरक्षा संबंधी चिंताओं ने भी जीवन को कठिन बना दिया है। इन समस्याओं को दूर करने और शहरी जीवन को बेहतर बनाने के लिए, भारत सरकार ने 2015 में ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ (Smart City Mission) की शुरुआत की।
स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के उद्देश्य:
See lessजीवन की गुणवत्ता में सुधार: नागरिकों के लिए बेहतर आधारभूत सुविधाएँ, जैसे कि स्वच्छ जल, कुशल परिवहन, और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना।
सतत् और समावेशी विकास: संसाधनों का कुशल उपयोग करते हुए सतत् विकास को सुनिश्चित करना, जिसमें हरित ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, और जल संरक्षण शामिल है।
डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग: सेवाओं की कुशल डिलीवरी के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग, जिससे ई-गवर्नेंस, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, और निगरानी प्रणाली स्थापित की जा सके।
रणनीति:
क्षेत्र आधारित विकास: पुराने क्षेत्रों का पुनर्विकास (रेडेवेलपमेंट), नए क्षेत्रों का विकास, और उपयुक्त क्षेत्रों में समग्र विकास की योजना।
पैन-सिटी पहल: पूरे शहर में स्मार्ट समाधान लागू करना, जैसे कि स्मार्ट मीटर, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, और ऑनलाइन सेवाएं।
नागरिक भागीदारी: नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना, जिससे उनके सुझावों और आवश्यकताओं के आधार पर योजनाएं बनाई जा सकें।
सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP): परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
‘स्मार्ट सिटी मिशन’ का उद्देश्य भारत के शहरी क्षेत्रों को अधिक रहने योग्य, कुशल, और समृद्ध बनाना है, ताकि नागरिकों को उच्च जीवन स्तर और बेहतर आर्थिक अवसर प्राप्त हो सकें।