भारतीय समाज में निरन्तरता एवं परिवर्तन के कारकों पर प्रकाश डालिए । (200 Words) [UPPSC 2022]
वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य वैश्वीकरण: वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधाRead more
वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य
वैश्वीकरण:
वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधा दी जाती है।
वैश्वीकरण के उद्देश्य:
- आर्थिक वृद्धि: वैश्वीकरण का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि प्राप्त करना है।
- रोज़गार के अवसर: यह रोज़गार के नए अवसर प्रदान करता है।
- कुशलता: वैश्वीकरण कुशलता में वृद्धि करता है क्योंकि कंपनियां व्यापक संसाधनों, श्रम और बाज़ारों तक पहुँच पाती हैं।
- जीवन स्तर में सुधार: वैश्वीकरण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाता है क्योंकि उन्हें वस्तुओं, सेवाओं और प्रौद्योगिकी तक आसान पहुँच मिलती है।
निजीकरण:
निजीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें सरकार के नियंत्रण में आने वाले संसाधनों, सेवाओं या उद्यमों को निजी个ाल या संगठनों को ट्रांसफर किया जाता है।
निजीकरण के उद्देश्य:
- कुशलता: निजीकरण कुशलता में वृद्धि करता है क्योंकि निजी संगठन अपने संसाधनों, श्रम और तकनीक से अच्छी तरह से प्रबंधित करते हैं।
- आर्थिक वृद्धि: निजीकरण आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है।
- रोज़गार के अवसर: निजीकरण रोज़गार के नए अवसर प्रदान करता है।
- सेवाओं की गुणवत्ता: निजीकरण सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाता है क्योंकि निजी संगठन अपने ग्राहकों को अच्छी तरह से सेवाएँ प्रदान करते हैं।
इन दोनों प्रक्रियाओं ने एक साथ घड़ी रहतीं हैं, जिसके तहत देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और निजीकरण में बदलाव आता है।
See less
भारतीय समाज में निरन्तरता एवं परिवर्तन के कारकों पर प्रकाश डालिए भारतीय समाज ने सदियों से काफी परिवर्तनों का सामना किया है, लेकिन कई परम्परागत संस्कृतिक और सामाजिक विशेषताएं अपनी जगह पर बनी हुई हैं। निम्नलिखित कारक निरन्तरता और परिवर्तन के मुख्य कारक हैं: निरन्तरता के कारक: संस्कृतिक विरासत: भारत कीRead more
भारतीय समाज में निरन्तरता एवं परिवर्तन के कारकों पर प्रकाश डालिए
भारतीय समाज ने सदियों से काफी परिवर्तनों का सामना किया है, लेकिन कई परम्परागत संस्कृतिक और सामाजिक विशेषताएं अपनी जगह पर बनी हुई हैं। निम्नलिखित कारक निरन्तरता और परिवर्तन के मुख्य कारक हैं:
निरन्तरता के कारक:
परिवर्तन के कारक:
इन सभी कारकों ने भारतीय समाज में निरन्तरता और परिवर्तन दोनों को आकार दिया है।
See less