शहरी समस्याओं के समाधान की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
1. आर्थिक पिछड़ापन: जनजातियों का आर्थिक पिछड़ापन उनकी विकास में सबसे बड़ी बाधा है। परंपरागत जीवनशैली और अवसंरचना की कमी के कारण वे अक्सर निम्न आय और सीमित रोजगार अवसर का सामना करते हैं। उदाहरणस्वरूप, छत्तीसगढ़ की आदिवासी बस्तियाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही हैं। 2. शैक्षिक चुनौतियाँ: जनजातियRead more
1. आर्थिक पिछड़ापन: जनजातियों का आर्थिक पिछड़ापन उनकी विकास में सबसे बड़ी बाधा है। परंपरागत जीवनशैली और अवसंरचना की कमी के कारण वे अक्सर निम्न आय और सीमित रोजगार अवसर का सामना करते हैं। उदाहरणस्वरूप, छत्तीसगढ़ की आदिवासी बस्तियाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही हैं।
2. शैक्षिक चुनौतियाँ: जनजातियों में शिक्षा की पहुँच सीमित है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च शिक्षा और साक्षरता दर में कमी है। आंध्र प्रदेश के कोंडागांव जैसे क्षेत्रों में विद्यालयों की कमी और शिक्षण संसाधनों की कमी ने शिक्षा में बाधाएँ उत्पन्न की हैं।
3. स्वास्थ्य असमानता: स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य असमानता को बढ़ावा देती है। मध्य प्रदेश के बांसवाड़ा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक प्रमुख समस्या है।
**4. सामाजिक बहिष्कार: जनजातियों का सामाजिक बहिष्कार और विभाजन भी उनके सशक्तिकरण में रुकावट डालता है। संस्कृतिक भिन्नताएँ और भेदभाव उनकी सामाजिक समावेशिता में बाधा उत्पन्न करते हैं।
निष्कर्ष: भारत में जनजातियों के सशक्तिकरण में आर्थिक पिछड़ापन, शैक्षिक चुनौतियाँ, स्वास्थ्य असमानता, और सामाजिक बहिष्कार जैसी मूल बाधाएँ हैं, जिनका समाधान समग्र विकास योजनाओं और संवेदनशील नीतियों के माध्यम से किया जा सकता है।
See less
शहरी समस्याओं के समाधान 1. आधारभूत ढांचे का विकास: शहरी समस्याओं जैसे यातायात की जाम और अपर्याप्त सार्वजनिक परिवहन को सुधारने के लिए आधारभूत ढांचे में सुधार आवश्यक है। दिल्ली मेट्रो विस्तार परियोजना ने शहरी गतिशीलता को बेहतर बनाया और यातायात जाम को कम किया है। 2. सतत शहरी योजना: स्मार्ट सिटी मिशन जैRead more
शहरी समस्याओं के समाधान
1. आधारभूत ढांचे का विकास: शहरी समस्याओं जैसे यातायात की जाम और अपर्याप्त सार्वजनिक परिवहन को सुधारने के लिए आधारभूत ढांचे में सुधार आवश्यक है। दिल्ली मेट्रो विस्तार परियोजना ने शहरी गतिशीलता को बेहतर बनाया और यातायात जाम को कम किया है।
2. सतत शहरी योजना: स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाएं प्रदूषण और कचरा प्रबंधन जैसी समस्याओं का समाधान करती हैं। इस मिशन के तहत ऊर्जा दक्ष भवनों और बेहतर कचरा प्रबंधन प्रणालियों को लागू किया जा रहा है।
3. सस्ती आवास योजना: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसे योजनाएं निम्न-आय वाले शहरी वर्ग के लिए सस्ते आवास प्रदान करती हैं, जिससे झुग्गी-झोपड़ी की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
4. सामुदायिक भागीदारी: शहरी शासन में सामुदायिक भागीदारी समस्याओं के समाधान में सहायक होती है। मुंबई का नागरिक सहभागिता शासन मॉडल ने समस्या समाधान में भागीदारी के लाभों को दर्शाया है।
See less