सहिष्णुता एवं प्रेम की भावना न केवल अति प्राचीन समय से ही भारतीय समाज का एक रोचक अभिलक्षण रही है, अपितु वर्तमान में भी यह एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सविस्तार स्पष्ट कीजिए । (250 words) [UPSC 2017]
संयुक्त परिवार का जीवन चक्र पारंपरिक सामाजिक मूल्यों और आर्थिक कारकों दोनों से प्रभावित होता है, लेकिन आज के संदर्भ में आर्थिक कारकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। आर्थिक कारक: वित्तीय सहारा: संयुक्त परिवारों में आर्थिक संसाधनों का साझा उपयोग परिवार की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करता हैRead more
संयुक्त परिवार का जीवन चक्र पारंपरिक सामाजिक मूल्यों और आर्थिक कारकों दोनों से प्रभावित होता है, लेकिन आज के संदर्भ में आर्थिक कारकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है।
आर्थिक कारक:
वित्तीय सहारा: संयुक्त परिवारों में आर्थिक संसाधनों का साझा उपयोग परिवार की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करता है। घर के विभिन्न सदस्यों की आय और खर्च मिलाकर परिवार आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।
भरण-पोषण की लागत: बढ़ती लागत और महंगाई के कारण परिवार आर्थिक रूप से एकजुट रहना पसंद करते हैं। यह विशेष रूप से वृद्ध माता-पिता की देखभाल और बच्चों की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है।
सामाजिक मूल्य:
परंपरा और संस्कृति: पारंपरिक भारतीय समाज में संयुक्त परिवार सामाजिक मूल्यों जैसे परिवार की एकता, देखभाल और सम्मान को बढ़ावा देता है।
समाज में स्वीकार्यता: कुछ मामलों में, संयुक्त परिवार का अस्तित्व सामाजिक मान्यताओं और पारंपरिक धारणाओं पर निर्भर करता है।
हालांकि सामाजिक मूल्यों का महत्व रहता है, आर्थिक कारक आज के समय में संयुक्त परिवार की स्थिरता और अस्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
See less
सहिष्णुता और प्रेम की भावना: भारतीय समाज की प्राचीन परंपरा और वर्तमान महत्व परिचय: भारतीय समाज का एक प्रमुख अभिलक्षण सहिष्णुता और प्रेम की भावना रही है, जो प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह भावना भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है। प्राचीन कRead more
सहिष्णुता और प्रेम की भावना: भारतीय समाज की प्राचीन परंपरा और वर्तमान महत्व
परिचय: भारतीय समाज का एक प्रमुख अभिलक्षण सहिष्णुता और प्रेम की भावना रही है, जो प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह भावना भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है।
प्राचीन काल में सहिष्णुता और प्रेम:
वर्तमान समय में सहिष्णुता और प्रेम:
निष्कर्ष: सहिष्णुता और प्रेम की भावना भारतीय समाज की प्राचीन परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और वर्तमान में भी यह विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह भावना समाज में एकता, शांति, और सहयोग को प्रोत्साहित करती है, जो भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है।
See less