क्या भारत में विविधता एवं बहुलवाद वैश्वीकरण के कारण संकट में हैं ? औचित्यपूर्ण उत्तर दीजिए । (250 words) [UPSC 2020]
भारत में दशलक्षीय नगरों में बाढ़ के कारण और स्थायी निराकरण के उपाय परिचय भारत के दशलक्षीय नगरों, जैसे हैदराबाद और पुणे, में बाढ़ की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल इन नगरों की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को चुनौती देती हैं, बल्कि जनजीवन और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करती हैं। बाढ़Read more
भारत में दशलक्षीय नगरों में बाढ़ के कारण और स्थायी निराकरण के उपाय
परिचय
भारत के दशलक्षीय नगरों, जैसे हैदराबाद और पुणे, में बाढ़ की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल इन नगरों की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को चुनौती देती हैं, बल्कि जनजीवन और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करती हैं।
बाढ़ के कारण
- अवैध निर्माण और भूमि उपयोग परिवर्तन: दशलक्षीय नगरों में तेजी से अतिक्रमण और अवैध निर्माण बाढ़ की स्थिति को बिगाड़ते हैं। हैदराबाद में कवलमेटा और नलगोंडा क्षेत्र में अवैध निर्माण के कारण पानी की निकासी पर प्रभाव पड़ा है।
- अप्रभावी जल निकासी प्रणाली: कई नगरों में पुरानी या अव्यवस्थित जल निकासी प्रणाली के कारण बारिश के पानी का सही ढंग से निष्कासन नहीं हो पाता। पुणे में हाल की बाढ़ ने पुराने जल निकासी नालों की अक्षमता को उजागर किया।
- मौसमी चरम: जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक वर्षा और मौसमी परिवर्तन बाढ़ की घटनाओं को बढ़ा रहे हैं। चंद्रपुर और नागपुर में मानसून की तीव्रता ने बाढ़ की स्थिति को बिगाड़ा है।
- सप्लाई चेन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दबाव: नगरों में बढ़ती जनसंख्या और वाहन यातायात से भी बाढ़ की समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
स्थायी निराकरण के उपाय
- स्मार्ट जल निकासी प्रणाली: नगरों में आधुनिक जल निकासी प्रणालियों का निर्माण और मौजूदा प्रणालियों का पुनर्निर्माण आवश्यक है। हैदराबाद ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जल निकासी सुधार के लिए योजनाएँ बनाई हैं।
- वृक्षारोपण और हरित क्षेत्रों का विस्तार: बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपण और हरित क्षेत्रों का विस्तार किया जाना चाहिए। पुणे ने शहर में ‘हरित गलियारे’ बनाने की दिशा में काम किया है।
- अविवेकपूर्ण निर्माण पर रोक: अवैध निर्माण और अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त नियामक उपाय लागू किए जाने चाहिए। नोएडा और गुरुग्राम में भूमि उपयोग परिवर्तन की निगरानी बढ़ाई गई है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए समन्वित नीति और प्रबंधन की आवश्यकता है। दिल्ली ने जलवायु अनुकूलन योजनाओं को अपनाया है जो अन्य नगरों के लिए एक मॉडल हो सकता है।
निष्कर्ष
भारत के दशलक्षीय नगरों में बाढ़ की समस्याएँ गंभीर हैं, लेकिन उचित नियोजन, आधुनिक प्रौद्योगिकी, और प्रभावी नीतियों के माध्यम से स्थायी समाधान संभव हैं। नगरों को अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ लागू करनी चाहिए।
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निष्कर्ष के रूप में, भारत में विविधता और बहुलवाद एक वास्तविकता और ताकत हैं। वैश्वीकरण के संकट का सामना करने के लिए व्यापक रणनीति की जरूरत है जो संस्कृतिक संरक्षण, सामाजिक एकता, आर्थिक न्याय और राजनीतिक जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करे। यह चुनौती है लेकिन साथ ही एक अवसर भी है कि भारत अपनी विविधता और एकता को मजबूत करके एक आदर्श बन सके।
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