खाप पंचायतें संविधानेतर प्राधिकरणों के तौर पर प्रकार्य करने, अक्सर मानवाधिकार उल्लंघनों की कोटि में आने वाले निर्णयों को देने के कारण खबरों में बनी रही हैं। इस संबंध में स्थिति को ठीक करने के लिए विधानमंडल, कार्यपालिका और न्यायपालिका ...
भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान और उनकी भूमिका 1. प्रमुख दबाव समूह: व्यापारिक और उद्योग संघ: फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII), और एसोचैम (ASSOCHAM) जैसे प्रमुख व्यापारिक संघ भारत में उद्योग और व्यापार की नीतियों पर प्रभाव डालते हैं। ये संघ नीति निर्माण, कर नीति, और वाणिज्यिक नियमों पर सिफRead more
भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान और उनकी भूमिका
1. प्रमुख दबाव समूह:
- व्यापारिक और उद्योग संघ:
फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII), और एसोचैम (ASSOCHAM) जैसे प्रमुख व्यापारिक संघ भारत में उद्योग और व्यापार की नीतियों पर प्रभाव डालते हैं। ये संघ नीति निर्माण, कर नीति, और वाणिज्यिक नियमों पर सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं। - किसान संघ और श्रमिक संगठनों:
भारतीय किसान संघ (BKS), आल इंडिया किसान सभा (AIKS), और सर्व मजदूर संगठन जैसे संगठनों का किसान नीतियों और श्रमिक अधिकारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। 2020-21 में, किसान आंदोलन ने कृषि कानूनों के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। - अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संगठनों:
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग और सर्व समाज संगठन सामाजिक न्याय और आरक्षण नीतियों के मामलों में प्रभावी हैं। 2023 में, ST/SC आयोग ने आरक्षण के विस्तार की सिफारिश की।
2. इनकी भूमिका का परीक्षण:
- नीति निर्माण में प्रभाव:
ये दबाव समूह नीति निर्माण में प्रभाव डालते हैं, उदाहरण के लिए, FICCI और CII ने किसान सुधार कानून पर सिफारिशें की, जबकि किसान संघ ने इसके विरोध में सड़क पर उतरे। - सामाजिक न्याय और अधिकार:
ST/SC संगठनों का सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा देना। - चुनाव राजनीति में प्रभाव:
श्रमिक और किसान संघ चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2024 के आम चुनाव में, किसान और श्रमिक वर्ग की मांगें राजनीतिक दलों द्वारा प्राथमिकता में रखी गईं।
निष्कर्ष:
प्रमुख दबाव समूह भारतीय राजनीति में नीति निर्माण, सामाजिक न्याय, और चुनाव राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये समूह नीतियों पर प्रभाव डालते हैं और समाज के विभिन्न हिस्सों की आवाज को प्रभात बनाते हैं।
नागरिक समाज के दायरे में शामिल तत्व नागरिक समाज (Civil Society) उन संगठनों, समूहों और संस्थाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जो सरकार और बाजार से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न पहलुओं को सुधारना, अधिकारों की रक्षा करना, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करना है। नागरिकRead more
नागरिक समाज के दायरे में शामिल तत्व
नागरिक समाज (Civil Society) उन संगठनों, समूहों और संस्थाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जो सरकार और बाजार से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न पहलुओं को सुधारना, अधिकारों की रक्षा करना, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करना है। नागरिक समाज के दायरे में निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:
1. गैर-सरकारी संगठन (NGOs)
गैर-सरकारी संगठन, जो सरकार से स्वतंत्र होते हैं, समाज के विभिन्न मुद्दों पर काम करते हैं। उदाहरण के लिए, अक्षय पात्र फाउंडेशन भोजन और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जबकि सेवा इंटरनेशनल आपदा राहत और सामुदायिक विकास में सक्रिय है।
2. सामुदायिक संगठनों (CBOs)
सामुदायिक संगठन स्थानीय स्तर पर काम करते हैं और स्थानीय समस्याओं का समाधान निकालते हैं। हाल ही का उदाहरण है विवेकानंद युथ फाउंडेशन, जो गरीब बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
3. वकालत और सक्रियतावादी समूह
ये समूह विशेष मुद्दों पर जन जागरूकता बढ़ाते हैं और सरकार की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। उदाहरण स्वरूप, “स्वच्छ भारत अभियान” ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
4. पेशेवर संघ और श्रम संघ
पेशेवर संघ और श्रम संघ विभिन्न पेशेवर समूहों या श्रमिक वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके अधिकारों की रक्षा करते हैं। हाल ही में, भारतीय श्रम संघ (INTUC) ने श्रमिकों के अधिकारों और न्यायपूर्ण वेतन की मांग की है।
5. धार्मिक और आस्थापंथ आधारित संगठन
ये संगठन धार्मिक या आध्यात्मिक विश्वासों के आधार पर सामाजिक सेवाएं, मानवीय सहायता, और सामुदायिक समर्थन प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आपदा के समय राहत कार्य किए हैं और सामाजिक सेवाएं प्रदान की हैं।
6. सामाजिक और सांस्कृतिक क्लब
ये क्लब सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सामाजिक मेलजोल, और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, रोटरी क्लब ने विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर सेवा प्रदान की है, जैसे पोलियो उन्मूलन।
7. थिंक टैंक और शोध संस्थान
थिंक टैंक और शोध संस्थान नीति अनुशंसाओं का निर्माण करते हैं, शोध करते हैं, और विशेषज्ञ राय प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर, भारतीय सार्वजनिक नीति अनुसंधान संस्थान (CPR) नीति निर्माण और बहस में योगदान करता है।
8. मीडिया और स्वतंत्र पत्रकारिता
मीडिया, विशेष रूप से स्वतंत्र पत्रकारिता, जनसंख्या को सूचित करने, सत्ता को जवाबदेह ठहराने, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में, “द वायर” ने सरकारी और कॉर्पोरेट शक्तियों की जवाबदेही को लेकर महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग की है।
निष्कर्ष
नागरिक समाज का दायरा व्यापक है और इसमें विभिन्न प्रकार के संगठन और गतिविधियाँ शामिल हैं जो समाज की बेहतरी, अधिकारों की रक्षा, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करती हैं। इन तत्वों के माध्यम से, नागरिक समाज समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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