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नागरिक समाज के दायरे में क्या शामिल है?
नागरिक समाज के दायरे में शामिल तत्व नागरिक समाज (Civil Society) उन संगठनों, समूहों और संस्थाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जो सरकार और बाजार से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न पहलुओं को सुधारना, अधिकारों की रक्षा करना, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करना है। नागरिकRead more
नागरिक समाज के दायरे में शामिल तत्व
नागरिक समाज (Civil Society) उन संगठनों, समूहों और संस्थाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जो सरकार और बाजार से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न पहलुओं को सुधारना, अधिकारों की रक्षा करना, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करना है। नागरिक समाज के दायरे में निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:
1. गैर-सरकारी संगठन (NGOs)
गैर-सरकारी संगठन, जो सरकार से स्वतंत्र होते हैं, समाज के विभिन्न मुद्दों पर काम करते हैं। उदाहरण के लिए, अक्षय पात्र फाउंडेशन भोजन और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जबकि सेवा इंटरनेशनल आपदा राहत और सामुदायिक विकास में सक्रिय है।
2. सामुदायिक संगठनों (CBOs)
सामुदायिक संगठन स्थानीय स्तर पर काम करते हैं और स्थानीय समस्याओं का समाधान निकालते हैं। हाल ही का उदाहरण है विवेकानंद युथ फाउंडेशन, जो गरीब बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
3. वकालत और सक्रियतावादी समूह
ये समूह विशेष मुद्दों पर जन जागरूकता बढ़ाते हैं और सरकार की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। उदाहरण स्वरूप, “स्वच्छ भारत अभियान” ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
4. पेशेवर संघ और श्रम संघ
पेशेवर संघ और श्रम संघ विभिन्न पेशेवर समूहों या श्रमिक वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके अधिकारों की रक्षा करते हैं। हाल ही में, भारतीय श्रम संघ (INTUC) ने श्रमिकों के अधिकारों और न्यायपूर्ण वेतन की मांग की है।
5. धार्मिक और आस्थापंथ आधारित संगठन
ये संगठन धार्मिक या आध्यात्मिक विश्वासों के आधार पर सामाजिक सेवाएं, मानवीय सहायता, और सामुदायिक समर्थन प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आपदा के समय राहत कार्य किए हैं और सामाजिक सेवाएं प्रदान की हैं।
6. सामाजिक और सांस्कृतिक क्लब
ये क्लब सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सामाजिक मेलजोल, और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, रोटरी क्लब ने विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर सेवा प्रदान की है, जैसे पोलियो उन्मूलन।
7. थिंक टैंक और शोध संस्थान
थिंक टैंक और शोध संस्थान नीति अनुशंसाओं का निर्माण करते हैं, शोध करते हैं, और विशेषज्ञ राय प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर, भारतीय सार्वजनिक नीति अनुसंधान संस्थान (CPR) नीति निर्माण और बहस में योगदान करता है।
8. मीडिया और स्वतंत्र पत्रकारिता
मीडिया, विशेष रूप से स्वतंत्र पत्रकारिता, जनसंख्या को सूचित करने, सत्ता को जवाबदेह ठहराने, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में, “द वायर” ने सरकारी और कॉर्पोरेट शक्तियों की जवाबदेही को लेकर महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग की है।
निष्कर्ष
नागरिक समाज का दायरा व्यापक है और इसमें विभिन्न प्रकार के संगठन और गतिविधियाँ शामिल हैं जो समाज की बेहतरी, अधिकारों की रक्षा, और सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करती हैं। इन तत्वों के माध्यम से, नागरिक समाज समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See lessभारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान कीजिये और भारत की राजनीति में उनकी भूमिका का परीक्षण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान और उनकी भूमिका 1. प्रमुख दबाव समूह: व्यापारिक और उद्योग संघ: फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII), और एसोचैम (ASSOCHAM) जैसे प्रमुख व्यापारिक संघ भारत में उद्योग और व्यापार की नीतियों पर प्रभाव डालते हैं। ये संघ नीति निर्माण, कर नीति, और वाणिज्यिक नियमों पर सिफRead more
भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान और उनकी भूमिका
1. प्रमुख दबाव समूह:
फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII), और एसोचैम (ASSOCHAM) जैसे प्रमुख व्यापारिक संघ भारत में उद्योग और व्यापार की नीतियों पर प्रभाव डालते हैं। ये संघ नीति निर्माण, कर नीति, और वाणिज्यिक नियमों पर सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं।
भारतीय किसान संघ (BKS), आल इंडिया किसान सभा (AIKS), और सर्व मजदूर संगठन जैसे संगठनों का किसान नीतियों और श्रमिक अधिकारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। 2020-21 में, किसान आंदोलन ने कृषि कानूनों के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग और सर्व समाज संगठन सामाजिक न्याय और आरक्षण नीतियों के मामलों में प्रभावी हैं। 2023 में, ST/SC आयोग ने आरक्षण के विस्तार की सिफारिश की।
2. इनकी भूमिका का परीक्षण:
ये दबाव समूह नीति निर्माण में प्रभाव डालते हैं, उदाहरण के लिए, FICCI और CII ने किसान सुधार कानून पर सिफारिशें की, जबकि किसान संघ ने इसके विरोध में सड़क पर उतरे।
ST/SC संगठनों का सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा देना।
श्रमिक और किसान संघ चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2024 के आम चुनाव में, किसान और श्रमिक वर्ग की मांगें राजनीतिक दलों द्वारा प्राथमिकता में रखी गईं।
निष्कर्ष:
See lessप्रमुख दबाव समूह भारतीय राजनीति में नीति निर्माण, सामाजिक न्याय, और चुनाव राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये समूह नीतियों पर प्रभाव डालते हैं और समाज के विभिन्न हिस्सों की आवाज को प्रभात बनाते हैं।
What are the methods used by the farmers’ organisations to influence the policy- makers in India and how effective are these methods? (150 words) [UPSC 2019]
Farmers' organizations in India employ several methods to influence policymakers and advocate for their interests: Protests and Demonstrations: Large-scale rallies and demonstrations are used to draw public and media attention to agricultural issues. For example, the farmers' protests in 2020-21 agaRead more
Farmers’ organizations in India employ several methods to influence policymakers and advocate for their interests:
Effectiveness: These methods are often effective in raising awareness and influencing policy decisions, as seen in recent farm law protests. However, the impact varies depending on the scale of mobilization, media coverage, and political climate.
See lessभारत में नीति-निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए किसान संगठनों द्वारा क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं और वे तरीके कितने प्रभावी हैं ? (150 words) [UPSC 2019]
भारत में किसान संगठनों द्वारा नीति-निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं: 1. प्रदर्शन और धरने: किसान संगठन अक्सर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और धरने आयोजित करते हैं, जैसे कि दिल्ली में किसानों की लंबी प्रदर्शन। ये प्रदर्शनों के माध्यम से वे अपनी मांगों को प्रभावशाली ढंग से पRead more
भारत में किसान संगठनों द्वारा नीति-निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:
1. प्रदर्शन और धरने:
किसान संगठन अक्सर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और धरने आयोजित करते हैं, जैसे कि दिल्ली में किसानों की लंबी प्रदर्शन। ये प्रदर्शनों के माध्यम से वे अपनी मांगों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
2. संवाद और वार्तालाप:
किसान संगठनों के नेता नीति-निर्माताओं के साथ नियमित संवाद और वार्तालाप करते हैं। ये बैठकें और चर्चाएँ नीति-निर्माण में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
3. मीडिया और प्रचार:
किसान संगठन मीडिया का व्यापक उपयोग करते हैं, जैसे कि प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से अपनी समस्याओं को उजागर करते हैं। इससे उनकी समस्याएँ और मांगें व्यापक जनसमर्थन प्राप्त करती हैं।
4. कानूनी और कानूनी अभियान:
वे न्यायालय में याचिकाएँ दाखिल करते हैं और कानूनी मार्ग अपनाते हैं ताकि सरकारी नीतियों पर असर डाला जा सके।
इन तरीकों की प्रभावशीलता स्थिति और समय पर निर्भर करती है, लेकिन वे अक्सर नीति-निर्माताओं पर महत्वपूर्ण दबाव डालते हैं और नीतिगत निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
See lessभारतीय राजनीतिक प्रक्रम को दबाव समूह किस प्रकार प्रभावित करते हैं? क्या आप इस मत से सहमत हैं कि हाल के वर्षों में अनौपचारिक दबाव समूह, औपचारिक दबाव समूहों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली रूप में उभरे हैं? (150 words) [UPSC 2017]
दबाव समूह और भारतीय राजनीतिक प्रक्रम दबाव समूह भारतीय राजनीतिक प्रक्रम को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं: 1. नीतिगत प्रभाव: दबाव समूह सरकार और राजनीतिक दलों पर नीतिगत फैसलों को प्रभावित करने का दबाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, किसान संघ और संघटन कृषि नीतियों में बदलाव के लिए प्रभावशाली रहे हैं। 2Read more
दबाव समूह और भारतीय राजनीतिक प्रक्रम
दबाव समूह भारतीय राजनीतिक प्रक्रम को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं:
1. नीतिगत प्रभाव: दबाव समूह सरकार और राजनीतिक दलों पर नीतिगत फैसलों को प्रभावित करने का दबाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, किसान संघ और संघटन कृषि नीतियों में बदलाव के लिए प्रभावशाली रहे हैं।
2. जनमत निर्माण: ये समूह जनमत को आकार देते हैं और सार्वजनिक मुद्दों पर सचेतता फैलाते हैं, जिससे सरकार की नीतियों पर प्रभाव पड़ता है।
3. लॉबीइंग और शिष्टाचार: दबाव समूह अक्सर लॉबीइंग और शिष्टाचार के माध्यम से अपने मुद्दों को प्रमुखता दिलाते हैं, जिससे सरकार की प्राथमिकताओं पर असर पड़ता है।
अनौपचारिक बनाम औपचारिक दबाव समूह: हाल के वर्षों में, अनौपचारिक दबाव समूह, जैसे कि सोशल मीडिया के माध्यम से सक्रिय ऑनलाइन मोर्चे और अदृश्य नेटवर्क, औपचारिक दबाव समूहों की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली हो गए हैं। ये समूह त्वरित और व्यापक जन समर्थन प्राप्त करने में सक्षम हैं, और इसी कारण से अधिक शक्ति और प्रभाव के रूप में उभरे हैं।
See less"भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।" समझाइए कि व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों में किस प्रकार योगदान करते हैं। (150 words) [UPSC 2021]
व्यापार संघों का सार्वजनिक नीतियों में योगदान 1. वकालत और लॉबिंग: व्यापार संघ, जैसे भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI), सरकार और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से वकालत और लॉबिंग करते हैं। वे उन नीतियों के पक्ष में दबाव बनाते हैं जो व्यापारिक हितों को बढ़ावा देRead more
व्यापार संघों का सार्वजनिक नीतियों में योगदान
1. वकालत और लॉबिंग:
व्यापार संघ, जैसे भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI), सरकार और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से वकालत और लॉबिंग करते हैं। वे उन नीतियों के पक्ष में दबाव बनाते हैं जो व्यापारिक हितों को बढ़ावा देती हैं।
2. नीतिगत सिफारिशें:
ये संघ नीति निर्धारण में विशेषज्ञ राय और डेटा प्रदान करते हैं। वे आर्थिक नीतियों, कराधान और व्यापार प्रथाओं पर सुझाव देते हैं, जिससे नीतियाँ व्यवसाय-friendly बनती हैं।
3. उद्योग प्रतिनिधित्व:
विभिन्न उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हुए, व्यापार संघ क्षेत्रीय मुद्दों और आवश्यकताओं को उजागर करते हैं, ताकि उनकी चिंताओं को नीति चर्चाओं में शामिल किया जा सके।
4. सार्वजनिक अभियान:
संघ अक्सर अपनी नीतिगत स्थिति के समर्थन में सार्वजनिक अभियान चलाते हैं, मीडिया और जनमत का उपयोग करते हुए नीति निर्माताओं को प्रभावित करते हैं।
निष्कर्ष: व्यापार संघ सार्वजनिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वकालत, विशेषज्ञता, और उद्योग प्रतिनिधित्व के माध्यम से नीति निर्माण पर प्रभाव डालते हैं।
See lessदबाव समूहों से आप क्या समझते हैं? दबाव समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के साधनों का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
दबाव समूहें सामाजिक, राजनीतिक, या आर्थिक दबाव बनाने के लिए संगठित या असंगठित तरीकों से एकत्रित व्यक्तियों के समूह होते हैं। ये समूह अक्सर अपने हितों को प्राप्त करने के लिए शक्ति का इस्तेमाल करते हैं और निर्णयकर्ताओं पर दबाव डालते हैं। दबाव समूहों के उपयोग कई रूपों में देखे जा सकते हैं। कुछ उदाहरण निRead more
दबाव समूहें सामाजिक, राजनीतिक, या आर्थिक दबाव बनाने के लिए संगठित या असंगठित तरीकों से एकत्रित व्यक्तियों के समूह होते हैं। ये समूह अक्सर अपने हितों को प्राप्त करने के लिए शक्ति का इस्तेमाल करते हैं और निर्णयकर्ताओं पर दबाव डालते हैं।
दबाव समूहों के उपयोग कई रूपों में देखे जा सकते हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
इन समूहों का दबाव अक्सर नीतिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं पर असर डालता है और समाज में बदलाव लाने में मददगार हो सकता हैं।
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