वित्त आयोग के क्या कार्य हैं? राजकोषीय संघवाद में इसकी उभरती भूमिका की समीक्षा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
एक संस्था के रूप में चुनाव आयोग द्वारा वर्तमान में समस्याएँ और समाधान 1. समस्याएँ: मतदाता की पहचान में समस्याएँ: हाल के वर्षों में, मतदाता सूची में गलतियाँ और डुप्लीकेट प्रविष्टियाँ एक आम समस्या रही हैं। उदाहरण के तौर पर, 2023 में कई राज्यों में मतदाता सूची में त्रुटियाँ की शिकायतें आईं, जिससे सटीकRead more
एक संस्था के रूप में चुनाव आयोग द्वारा वर्तमान में समस्याएँ और समाधान
1. समस्याएँ:
- मतदाता की पहचान में समस्याएँ:
हाल के वर्षों में, मतदाता सूची में गलतियाँ और डुप्लीकेट प्रविष्टियाँ एक आम समस्या रही हैं। उदाहरण के तौर पर, 2023 में कई राज्यों में मतदाता सूची में त्रुटियाँ की शिकायतें आईं, जिससे सटीक मतदाता पहचान में समस्याएँ उत्पन्न हुईं। - नकली प्रचार और चुनावी भ्रष्टाचार:
चुनावी अभियानों में नकली प्रचार, हेरफेर, और भ्रष्टाचार की समस्या बढ़ी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में, राजनीतिक दलों द्वारा ब्लैक मनी और विज्ञापन पर खर्च की रिपोर्टें आईं। - सुरक्षा और हिंसा:
चुनावों के दौरान सुरक्षा और हिंसा की घटनाएँ भी बढ़ रही हैं। पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान, हिंसात्मक घटनाओं की कई रिपोर्टें सामने आईं।
2. समाधान:
- मतदाता सूची का अद्यतन:
चुनाव आयोग को डिजिटल डेटाबेस और नियमित अद्यतन के माध्यम से मतदाता सूची में सही जानकारी सुनिश्चित करनी चाहिए। ई-मतदाता पंजीकरण और विज्ञापन अभियान को बढ़ावा दिया जा सकता है। - चुनाव सुधार:
सभी राजनीतिक दलों के लिए पारदर्शिता और फंडिंग की निगरानी को सख्त करने के लिए नए कानूनी प्रावधान लाने चाहिए। आयकर विभाग और चुनाव आयोग को संयुक्त रूप से काम करने की जरूरत है। - सुरक्षा उपाय:
चुनावों के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती को मजबूत किया जाए और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। पूर्व-चुनाव सुरक्षा प्लान और फिर से प्रशिक्षण का आयोजन किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
चुनाव आयोग को वर्तमान में मतदाता पहचान, चुनावी भ्रष्टाचार, और सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल समाधान, चुनाव सुधार, और सुरक्षा उपाय पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वित्त आयोग के कार्य और राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा 1. वित्त आयोग के कार्य: राजस्व वितरण: वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व का वितरण तय करना है। यह आयोग संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित होता है और राजस्व के साझा अधिकार और वित्तीय संसाधनों की सिफारिश करता है।Read more
वित्त आयोग के कार्य और राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा
1. वित्त आयोग के कार्य:
वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व का वितरण तय करना है। यह आयोग संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित होता है और राजस्व के साझा अधिकार और वित्तीय संसाधनों की सिफारिश करता है।
आयोग केंद्र सरकार को राज्यों को वित्तीय सहायता और अनुदान की सिफारिश करता है, जिससे राज्यों को विकासात्मक परियोजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन मिल सकें।
वित्त आयोग राज्यों के वित्तीय प्रबंधन और सदुपयोग पर सिफारिशें करता है, जिससे राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित हो सके।
2. राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा:
हाल के वर्षों में, 2021-22 के वित्त आयोग ने राज्य वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए कई सिफारिशें की हैं, जिससे राज्यों को अधिक स्वतंत्रता और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
आयोग ने आय और व्यय के असंतुलन को कम करने के लिए फाइनेंसियल असिस्टेंस और अनुदान की सिफारिश की है। वित्त आयोग की 15वीं रिपोर्ट ने सर्वजनिक वितरण प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त सहायता की सिफारिश की।
2024 में वित्त आयोग ने COVID-19 महामारी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए विशेष वित्तीय सहायता की सिफारिश की, जिससे राज्यों को स्वास्थ्य और राहत कार्य के लिए अतिरिक्त संसाधन प्राप्त हो सके।
निष्कर्ष:
See lessवित्त आयोग के कार्य राजस्व वितरण, अनुदान, और वित्तीय अनुशासन को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण हैं। राजकोषीय संघवाद में इसका उभरता हुआ योगदान राज्यों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और आर्थिक असंतुलन को कम करने में सहायक साबित हो रहा है।