भारत में औद्योगिक गलियारों का क्या महत्व है? औद्योगिक गलियारों को चिन्हित करते हुए उनके प्रमुख अभिलक्षणों को समझाइये। (250 words) [UPSC 2018]
सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) केन्द्रों के रूप में नगरों की संवृद्धि ने रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए हैं, लेकिन इसके साथ कई समस्याएँ भी उभरकर सामने आई हैं। इस कथन की पुष्टि निम्नलिखित उदाहरणों और विश्लेषण से की जा सकती है: रोज़गार के नए मार्ग: नौकरी के अवसर: उदाहरण: बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे जैसे शRead more
सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) केन्द्रों के रूप में नगरों की संवृद्धि ने रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए हैं, लेकिन इसके साथ कई समस्याएँ भी उभरकर सामने आई हैं। इस कथन की पुष्टि निम्नलिखित उदाहरणों और विश्लेषण से की जा सकती है:
रोज़गार के नए मार्ग:
- नौकरी के अवसर:
- उदाहरण: बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे जैसे शहरों ने आई.टी. उद्योग के विकास के साथ लाखों नई नौकरियों का सृजन किया। इन शहरों में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिसिस, और साइबरसिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में रोजगार की वृद्धि हुई है।
- आर्थिक विकास:
- उदाहरण: बेंगलुरु, जिसे “भारत की सिलिकॉन वैली” के रूप में जाना जाता है, ने आई.टी. क्षेत्र की वजह से महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति की है। इसके परिणामस्वरूप निवेश, बेहतर जीवन स्तर, और बेहतर बुनियादी ढाँचा भी विकसित हुआ है।
- कौशल विकास:
- उदाहरण: आई.टी. केन्द्रों के विकास ने तकनीकी कौशल के प्रशिक्षण के लिए नई शिक्षण संस्थाओं और केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया, जिससे युवाओं को नए कौशल प्राप्त हुए।
नई समस्याएँ:
- शहरी भीड़भाड़:
- उदाहरण: बेंगलुरु में आई.टी. उद्योग के तेजी से विकास ने यातायात जाम को गंभीर समस्या बना दिया है। कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या ने शहर की मौजूदा बुनियादी ढाँचा को दबा दिया है, जिससे लंबी यात्राएँ और वायु प्रदूषण बढ़ गया है।
- आवास संकट:
- उदाहरण: हैदराबाद में आई.टी. क्षेत्र के विस्तार ने आवास की कमी को बढ़ा दिया है। उच्च मांग ने रियल एस्टेट की कीमतों को बढ़ा दिया है, जिससे निम्न-आय वाले समूहों के लिए किफायती आवास प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।
- आय असमानता:
- उदाहरण: आई.टी. क्षेत्र के विकास ने उच्च वेतन वाली नौकरियों की पेशकश की है, लेकिन निम्न-कौशल वाले कार्यकर्ताओं के लिए वेतन स्थिर रह गया है, जिससे आय असमानता बढ़ गई है।
- पर्यावरणीय प्रभाव:
- उदाहरण: आई.टी. केन्द्रों के विकास के कारण निर्माण गतिविधियों और वाहन प्रदूषण में वृद्धि हुई है, जिससे वायु प्रदूषण और हरे भरे क्षेत्रों की कमी जैसी पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं।
इन समस्याओं को संबोधित करने के लिए शहरी योजना और सतत विकास रणनीतियों की आवश्यकता है, ताकि आई.टी. केन्द्रों के विकास का लाभ व्यापक रूप से समाज के विभिन्न हिस्सों को मिल सके।
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भारत में औद्योगिक गलियारों का महत्व और प्रमुख अभिलक्षण परिचय: औद्योगिक गलियारें (Industrial Corridors) भारत के आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये गलियारें क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करते हैं, रोजगार सृजन करते हैं और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाRead more
भारत में औद्योगिक गलियारों का महत्व और प्रमुख अभिलक्षण
परिचय: औद्योगिक गलियारें (Industrial Corridors) भारत के आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये गलियारें क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करते हैं, रोजगार सृजन करते हैं और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाते हैं।
औद्योगिक गलियारों का महत्व:
प्रमुख औद्योगिक गलियारों के अभिलक्षण:
निष्कर्ष: औद्योगिक गलियारों भारत के औद्योगिकीकरण, आर्थिक विकास, और रोजगार सृजन में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। DMIC, नम्मा गंगा, और EDFC जैसे प्रमुख गलियारों के माध्यम से भारत की क्षेत्रीय विकास की क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया जा रहा है। इन परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से देश की समग्र आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
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