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राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य क्या हैं? 'मेक इन इंडिया' तथा 'स्टार्ट अप इंडिया' का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य 1. विनिर्माण जीडीपी में वृद्धि: उद्देश्य: राष्ट्रीय विनिर्माण नीति का उद्देश्य 2025 तक विनिर्माण क्षेत्र के जीडीपी में 25% योगदान बढ़ाना है। वर्तमान में, विनिर्माण का जीडीपी में योगदान लगभग 17% है। 2. रोजगार सृजन: उद्देश्य: युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करRead more
राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य
1. विनिर्माण जीडीपी में वृद्धि:
2. रोजगार सृजन:
3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
4. सतत विकास:
‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ का आलोचनात्मक मूल्यांकन
1. मेक इन इंडिया:
2. स्टार्ट अप इंडिया:
निष्कर्ष: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ दोनों ही भारत के विनिर्माण और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इनकी सफलता निर्भर करती है मौजूदा चुनौतियों को दूर करने और प्रभावी कार्यान्वयन पर।
See less"जिस समय हम भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफ़िक डिविडेंड) को शान से प्रदर्शित करते हैं, उस समय हम रोजगार योग्यता की पतनशील दरों को नज़रअन्दाज़ कर देते हैं।" क्या हम ऐसा करने में कोई चूक कर रहे हैं? भारत को जिन जॉबों की बेसबरी से दरकार है, वे जॉब कहाँ से आएँगे? स्पष्ट कीजिए। (200 words) [UPSC 2014]
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार योग्यता की चुनौतियाँ: 1. चूक और समस्याएँ: रोजगार योग्यता में कमी: भारत का बड़ा युवा जनसंख्या को जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, परंतु यह रोजगार योग्यता में कमी को नज़रअंदाज़ करता है। NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इंजीनियरिंग ग्रेजुRead more
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार योग्यता की चुनौतियाँ:
1. चूक और समस्याएँ:
2. जॉब्स के स्रोत:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को लेकर गर्व करते समय, रोजगार योग्यता की कमी को नजरअंदाज़ करना एक महत्वपूर्ण चूक है। सभी स्तरों पर कौशल सुधार, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में निवेश, उद्यमिता को प्रोत्साहन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं।
See lessभारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी प्रकृति में संरचनात्मक है। भारत में बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति का परीक्षण कीजिए और सुधार के सुझाव दीजिए। (250 words) [UPSC 2023]
भारत में संरचनात्मक बेरोजगारी: संरचनात्मक बेरोजगारी भारत में एक महत्वपूर्ण समस्या है, जिसका मुख्य कारण श्रमिकों की क्षमताओं और नौकरी बाजार की आवश्यकताओं के बीच असंगति है। यह बेरोजगारी अक्सर लंबे समय तक बनी रहती है और आर्थिक, तकनीकी, और शैक्षिक परिवर्तन के कारण होती है। बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाईRead more
भारत में संरचनात्मक बेरोजगारी:
बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति:
सुधार के सुझाव:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: भारत में बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति विभिन्न सर्वेक्षणों और डेटा संग्रहण पर निर्भर करती है, लेकिन वास्तविक समय डेटा सटीकता, कौशल संरेखण, क्षेत्रीय विश्लेषण, और संस्थागत समर्थन में सुधार की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों को संबोधित करके संरचनात्मक बेरोजगारी को कम किया जा सकता है और श्रमिकों को बाजार की मांग के साथ बेहतर ढंग से संरेखित किया जा सकता है।
See lessबेरोज़गारी के विभिन्न प्रकार क्या हैं? भारत में बेरोजगारी को दूर करने के लिये सरकार द्वारा किये गये विभिन्न प्रयासों का उल्लेख कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
बेरोज़गारी के विभिन्न प्रकार सीजनल बेरोजगारी: यह उन लोगों की बेरोजगारी है जो मौसमी कार्यों पर निर्भर होते हैं और जो किसी विशेष समय पर काम नहीं मिल पाने के कारण बेरोजगार होते हैं। उदाहरण: कृषि क्षेत्रों में कटाई के बाद बेरोजगारी। फ्रिक्शनल बेरोजगारी: यह अस्थायी बेरोजगारी है जो तब होती है जब लोग एक नौRead more
बेरोज़गारी के विभिन्न प्रकार
भारत में बेरोजगारी को दूर करने के प्रयास
इन प्रयासों से बेरोजगारी की समस्याओं को कम करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलती है, जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
See lessक्या आप इस कथन से सहमत है कि "मेक इन इण्डिया" कार्यक्रम की सफलता, "स्किल इण्डिया" कार्यक्रम की सफलता एवं मौलिक श्रम सुधारों पर निर्भर हैं? तार्किक तर्कों के साथ विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
"मेक इन इंडिया" कार्यक्रम की सफलता निश्चित रूप से "स्किल इंडिया" कार्यक्रम और मौलिक श्रम सुधारों पर निर्भर है। 1. कौशल विकास (Skill Development): "स्किल इंडिया" कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को उन्नत कौशल प्रदान करना है जो औद्योगिक मांगों के अनुरूप हो। उदाहरण: 2023 में आईटी और ऑटोमोटिव सेक्टर के लिRead more
“मेक इन इंडिया” कार्यक्रम की सफलता निश्चित रूप से “स्किल इंडिया” कार्यक्रम और मौलिक श्रम सुधारों पर निर्भर है।
1. कौशल विकास (Skill Development): “स्किल इंडिया” कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को उन्नत कौशल प्रदान करना है जो औद्योगिक मांगों के अनुरूप हो। उदाहरण: 2023 में आईटी और ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से skilled workforce तैयार की गई, जिससे भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी।
2. श्रम सुधार (Labour Reforms): मौलिक श्रम सुधार, जैसे कि श्रम कानूनों को सरल करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा, व्यवसाय करने की सुविधा को बढ़ाते हैं। उदाहरण: 2023 में लागू हुए श्रम संहिता सुधारों ने विभिन्न श्रम कानूनों को संहिताबद्ध किया, जिससे नियामक जटिलताओं में कमी आई और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ।
3. उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता: कुशल श्रमिक उच्च उत्पादकता और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं, जो “मेक इन इंडिया” की सफलता के लिए आवश्यक है। उदाहरण: इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन निर्माण में बढ़ती भारतीय कंपनियों की सफलता इस तथ्य को दर्शाती है कि सक्षम श्रम और अनुकूल श्रम नीतियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष: “मेक इन इंडिया” की सफलता “स्किल इंडिया” और श्रम सुधारों के बिना अधूरी होगी। कुशल श्रमिक और अनुकूल श्रम नीति दोनों मिलकर भारतीय उद्योगों की वृद्धि, प्रतिस्पर्धा, और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे “मेक इन इंडिया” की उद्देश्यों की पूर्ति संभव होती है।
See lessभारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति का 'मेक इन इन्डिया' तथा 'स्टैण्ड अप इन्डिया' के विशेष संदर्भ में मूल्यांकन कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति 'मेक इन इंडिया' और 'स्टैण्ड अप इंडिया' के तहत उद्यमिता और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। **'मेक इन इंडिया'** पहल का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे को सुधारने और औद्योगिक उत्पादनRead more
भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टैण्ड अप इंडिया’ के तहत उद्यमिता और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
**’मेक इन इंडिया’** पहल का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे को सुधारने और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने के लिए है। इसके तहत, स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन की दिशा में कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं।
**’स्टैण्ड अप इंडिया’** का उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करना है। यह योजना नए उद्यमों की स्थापना और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करती है।
इन पहलों ने भारत में औद्योगिक विकास को गति दी है, लेकिन अभी भी चुनौतियां जैसे बुनियादी ढांचे की कमी और कानूनी बाधाएं बनी हुई हैं।
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