बागवानी फार्मों के उत्पादन, उसकी उत्पादकता एवं आप में वृद्धि करने में राष्ट्रीय बारावानी मिशन (एन० एच० एम०) की भूमिका का आकलन कीजिए। यह किसानों की आय बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुआ है? (250 words) [UPSC 2018]
लघु एवं सीमान्त किसानों पर हरित क्रांति के प्रभाव **1. सकारात्मक प्रभाव: उत्पादकता में वृद्धि: हरित क्रांति ने उच्च-उपज वाली फसलों और आधुनिक कृषि तकनीकों को पेश किया, जिससे फसल की उत्पादकता बढ़ी। इससे कुछ लघु किसान भी लाभान्वित हुए, जिन्होंने नई किस्मों और बेहतर सिंचाई सुविधाओं का उपयोग किया। आर्थिकRead more
लघु एवं सीमान्त किसानों पर हरित क्रांति के प्रभाव
**1. सकारात्मक प्रभाव:
- उत्पादकता में वृद्धि: हरित क्रांति ने उच्च-उपज वाली फसलों और आधुनिक कृषि तकनीकों को पेश किया, जिससे फसल की उत्पादकता बढ़ी। इससे कुछ लघु किसान भी लाभान्वित हुए, जिन्होंने नई किस्मों और बेहतर सिंचाई सुविधाओं का उपयोग किया।
- आर्थिक लाभ: विशेषकर पंजाब और हरियाणा में गेहूं और धान की उपज में वृद्धि हुई, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ।
**2. नकारात्मक प्रभाव:
- असमान लाभ: लघु और सीमान्त किसान जो सीमित संसाधनों के कारण महंगे उर्वरक और कीटनाशक नहीं खरीद सके, उन्हें अपेक्षित लाभ नहीं मिला। बड़े किसान अधिक लाभान्वित हुए।
- पर्यावरणीय समस्याएँ: अत्यधिक रासायनिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट और जल संकट उत्पन्न हुआ, जिससे दीर्घकालिक कृषि स्थिरता पर प्रभाव पड़ा।
**3. हाल के उदाहरण:
- पंजाब: यहाँ हरित क्रांति के प्रभाव से उत्पादन में वृद्धि हुई, लेकिन लघु किसानों को कर्ज और भूमि के क्षय की समस्याओं का सामना करना पड़ा।
निष्कर्ष: हरित क्रांति ने कुछ लघु किसानों के लिए लाभकारी परिणाम दिए, लेकिन असमान संसाधनों के कारण कई सीमान्त किसान पर्यावरणीय और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
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राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव परिचय राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है। उत्पादन और उतRead more
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव
परिचय
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है।
उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि
एनएचएम ने अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि ठंडा भंडारण, पैकहाउस और प्रसंस्करण इकाइयाँ। उदाहरण के लिए, ठंडा भंडारण सुविधाओं के विकास ने फलों और सब्जियों के पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है।
मिशन विभिन्न बागवानी गतिविधियों के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जैसे कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रथाओं को अपनाना। इससे ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उच्च-उपज वाली किस्में, और ग्रीनहाउस का उपयोग बढ़ा है, जिससे उत्पादकता में सुधार हुआ है।
एनएचएम अनुसंधान और विकास गतिविधियों को समर्थन करता है, जिससे सुधारित किस्में और कीट प्रबंधन प्रथाएँ विकसित हुई हैं। बीमारी-प्रतिरोधी किस्मों के विकास से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
किसान आय में वृद्धि
एनएचएम बाजार लिंकिज़ को बढ़ावा देता है, जैसे कि किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), जो किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, किसान कॉल सेंटर्स और ऑनलाइन विपणन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से बिक्री का लाभ मिला है।
एनएचएम विविधीकरण और मूल्य संवर्धन गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। ऑर्गेनिक खेती और उत्पाद प्रसंस्करण जैसी पहलों ने किसानों को उच्च मूल्य वाले बाजारों में प्रवेश करने में मदद की है। राजस्थान सरकार के समर्थन से फल और सब्जियों के प्रसंस्करण इकाइयों ने किसान की आय को बढ़ाया है।
आय में वृद्धि की सफलता
आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम ने बागवानी उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, बागवानी फसलों के तहत क्षेत्र पिछले दशक में लगभग 20% बढ़ा है। उदाहरण के लिए, आमों और सिट्रस फलों का उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
रिपोर्टों के अनुसार, एनएचएम-सहायित गतिविधियों में शामिल किसानों ने 20-30% आय वृद्धि देखी है, बेहतर उपज और बाजार पहुंच के कारण। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों ने बेहतर भंडारण और विपणन सुविधाओं के कारण बढ़ी हुई आय देखी है।
हालिया उदाहरण
निष्कर्ष
See lessराष्ट्रीय बागवानी मिशन ने बागवानी उत्पादन, उत्पादकता, और किसान आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके प्रयासों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, हालांकि किसानों की आय को स्थिर रखने और बढ़ाने के लिए बाजार पहुंच और तकनीकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।